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पलामू में मंडल डैम का प्रमंडलीय आयुक्त और डीआईजी ने किया निरीक्षण, कहा- जल्द पूरी होगी परियोजना - प्रमंडल आयुक्त जटाशंकर चौधरी

पलामू में मंडल डैम का निरीक्षण करने प्रमंडलीय आयुक्त पहुंचे. इस दौरान डैम की परियोजनाओं की जानकारी ली. प्रमंडल आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने कहा कि लंबित योजना शीघ्र पूरी की जाएगी. इसको लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है. इसके साथ ही बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सुरक्षा बलों की सख्या बढ़ाई जाएगी. इसको लेकर भी जायजा लिया गया.

Divisional commissioner
पलामू में मंडल डैम का निरीक्षण करने पहुंचे प्रमंडलीय आयुक्त
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Published : Jan 19, 2022, 11:14 AM IST

Updated : Jan 19, 2022, 2:24 PM IST

पलामूः मंडल डैम का निरीक्षण करने प्रमंडल आयुक्त जटाशंकर चौधरी और डीआईजी राज कुमार लकड़ा पहुंचे और परियोजना का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों से कई बिंदुओं पर जानकारी ली. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी 2019 को मंडल डैम के अधूरे निर्माण को पूरा करने की आधारशिला रखी गई थी. शिलान्यास के बाद से आज तक एक इंच भी काम नहीं हुआ है.

यह भी पढ़ेंःमंडल डैम पलामू के लिए पीटीआर के 3.44 लाख पेड़ नहीं कटेंगे, कमिटी की बैठक में लगेगी मुहर!

प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने कहा कि मंडल डैम के बन जाने से इलाके के लोगों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और इलाके में बड़ा बदलाव होगा. उन्होंने कहा कि डैम को लेकर जो भी योजनाएं चल रही हैं. इन योजनाओं को शीघ्र पूरा किया जाएगा. इसको लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. इसके साथ ही आयुक्त ने मंडल डैम के निरीक्षण करने के बाद सीआरपीएफ कैंप का भी जायजा लिया. उन्होंने कहा कि यह इलाका नक्सल अभियान के लिए महत्वपूर्ण है और बूढ़ापहाड़ से सटा हुआ है. करीब दो घंटे तक प्रमंडलीय आयुक्त और डीआईजी ने मंडल डैम का जायजा लिया और सीआरपीएफ के अधिकारियों से महत्वपूर्ण जानकारी भी ली. बता दें कि मंडल डैम परियोजना को लेकर झारखंड में काफी राजनीति हुई है. 70 के दशक में इस परियोजना की शुरुआत हुई थी और 90 के दशक में नक्सल हमले के बाद परियोजना का निर्माण कार्य बंद हो गया. 90 के दशक के बाद भी काम शुरू करने का प्रयास किया गया, लेकिन योजना अब तक लंबित है.

बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सुरक्षाबलों की ताकत बढ़ाई जाएगी. इसकी वजह है कि यह इलाका छत्तीसगढ़ से सटा है और नक्सलियों का यूनिफाइड कमांड बना हुआ है. प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी और डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान के लिए कोबरा की तैनाती की योजना बनाई गई है और शीघ्र ही बूढ़ा पहाड़ के इलाके में कोबरा जवानों की स्थाई तैनाती की जाएगी. बता दें कि इस इलाके में सीआरपीएफ, जगुआर, जैप, आईआरबी की दर्जनों कंपनियां तैनात हैं. बूढ़ पहाड़ का इलाका साल 2013-14 से माओवादियों का यूनिफाइड कमांड रहा है. यह माओवादियों के कोयल शंख जोन यूनिफाइड कमांड है. इस पहाड़ को खाली कराने को लेकर अब तक एक दर्जन के करीब जवान शहीद हो चुके हैं. राज्य सरकार एक बार फिर से बूढ़ा पहाड़ के इलाके को सेनेटाइज करने की योजना बनाई है.

पलामूः मंडल डैम का निरीक्षण करने प्रमंडल आयुक्त जटाशंकर चौधरी और डीआईजी राज कुमार लकड़ा पहुंचे और परियोजना का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों से कई बिंदुओं पर जानकारी ली. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी 2019 को मंडल डैम के अधूरे निर्माण को पूरा करने की आधारशिला रखी गई थी. शिलान्यास के बाद से आज तक एक इंच भी काम नहीं हुआ है.

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प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने कहा कि मंडल डैम के बन जाने से इलाके के लोगों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और इलाके में बड़ा बदलाव होगा. उन्होंने कहा कि डैम को लेकर जो भी योजनाएं चल रही हैं. इन योजनाओं को शीघ्र पूरा किया जाएगा. इसको लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. इसके साथ ही आयुक्त ने मंडल डैम के निरीक्षण करने के बाद सीआरपीएफ कैंप का भी जायजा लिया. उन्होंने कहा कि यह इलाका नक्सल अभियान के लिए महत्वपूर्ण है और बूढ़ापहाड़ से सटा हुआ है. करीब दो घंटे तक प्रमंडलीय आयुक्त और डीआईजी ने मंडल डैम का जायजा लिया और सीआरपीएफ के अधिकारियों से महत्वपूर्ण जानकारी भी ली. बता दें कि मंडल डैम परियोजना को लेकर झारखंड में काफी राजनीति हुई है. 70 के दशक में इस परियोजना की शुरुआत हुई थी और 90 के दशक में नक्सल हमले के बाद परियोजना का निर्माण कार्य बंद हो गया. 90 के दशक के बाद भी काम शुरू करने का प्रयास किया गया, लेकिन योजना अब तक लंबित है.

बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सुरक्षाबलों की ताकत बढ़ाई जाएगी. इसकी वजह है कि यह इलाका छत्तीसगढ़ से सटा है और नक्सलियों का यूनिफाइड कमांड बना हुआ है. प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी और डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान के लिए कोबरा की तैनाती की योजना बनाई गई है और शीघ्र ही बूढ़ा पहाड़ के इलाके में कोबरा जवानों की स्थाई तैनाती की जाएगी. बता दें कि इस इलाके में सीआरपीएफ, जगुआर, जैप, आईआरबी की दर्जनों कंपनियां तैनात हैं. बूढ़ पहाड़ का इलाका साल 2013-14 से माओवादियों का यूनिफाइड कमांड रहा है. यह माओवादियों के कोयल शंख जोन यूनिफाइड कमांड है. इस पहाड़ को खाली कराने को लेकर अब तक एक दर्जन के करीब जवान शहीद हो चुके हैं. राज्य सरकार एक बार फिर से बूढ़ा पहाड़ के इलाके को सेनेटाइज करने की योजना बनाई है.

Last Updated : Jan 19, 2022, 2:24 PM IST
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