पलामू: लोकसभा चुनाव के एक वर्ष बचे हुए है, पक्ष और विपक्ष चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. विपक्षी दल आपसी एकजुटता के लिए पहल कर रहे हैं. वामपंथी संगठन भी इस विपक्षी एकजुटता में शामिल हो रहे हैं. इन सब के बीच भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने एक बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि विपक्षी एकजुटता के बीच चेहरा कोई मुद्दा नहीं है, बल्कि चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री का चेहरा दिया जाएगा. बात चेहरे की नहीं है बात मुद्दे की है, भाकपा माले का बेतला नेशनल पार्क में राज्य स्तरीय कन्वेंशन चल रहा है.
कैडर कन्वेंशन में भाग लेने के लिए भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, बगोदर विधायक विनोद सिंह सिंह समेत कई टॉप नेता पलामू पहुंचे. यहां भाकपा माले के राष्ट्रीय सचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ दिनों पहले पार्टी का राष्ट्रीय कन्वेंशन आयोजित हुआ था. जिसमें विपक्षी एकजुटता की बात उठी थी, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और सलमान खुर्शीद को भी आमंत्रित किया गया था. नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता के मामले को लेकर कांग्रेस, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल समेत कई टॉप नेताओं से मुलाकात की गई है. यह अच्छी पहल है और विपक्षी एकजुटता की कोशिश जारी है.
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि 2024 के चुनाव में एक वर्ष बचे हैं, कम समय में तैयारी पूरी करनी है. सत्ता पक्ष के लोगों की भूल है कि उन्हें लगता है कि एक ही चेहरे पर वोट मिलता है, कर्नाटक में यह काम नहीं आ रहा है. बल्कि वहां मुद्दे काम कर रहे हैं. आरक्षण सामाजिक न्याय के मुद्दे बदल रहे हैं, मुख्य मुद्दों को गौण किया जा रहा है. वहीं उन्होंने कहा कि विपक्षी एकजुटता मुद्दों पर आधारित होगी, जब समय आएगा जीती हुई पार्टी प्रधानमंत्री तय करेगी. उन्होंने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों में योजनाओं को प्रभावित किया जा रहा है. पश्चिम बंगाल में मनरेगा योजना का भुगतान नहीं किया जा रहा है.