पलामूः कोरोना संक्रमण(Corona infection) के डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरियंट आइसबर्ग की तरह है, जो काफी खतरनाक है. इससे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. उक्त बातें पलामू प्रमंडल(Palamu Division) के रीजनल डिप्टी डायरेक्टर ऑफ हेल्थ (Regional Deputy Director of Health) डॉ. जॉन एफ कैनेडी ने कही है. डॉ. कैनेडी जिले के सिविल सर्जन और रीजनल डिप्टी डायरेक्टर ऑफ हेल्थ के पद पर थे, तो कोरोना संक्रमित हो गए और लंबे समय तक कोरोना संक्रमण से जूझते रहे. अब ठीक होकर रीजनल डिप्टी डायरेक्टर ऑफ हेल्थ के पद पर कार्यभार संभाल लिया है. ईटीवी भारत ने डॉ कैनेडी से विशेष बातचीत की है.
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डॉ. जॉन एफ कैनेडी कहते हैं कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण महत्वपूर्ण हथियार है. टीकाकरण से ही कोरोना के जंग को जीत सकते हैं. उन्होंने कहा कि पलामू, गढ़वा और लातेहार में टीकाकरण को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा, ताकि लोग अधिक से अधिक संख्या में टीका ले सके. उन्होंने कहा कि मेरे मुश्किल वक्त में टीका ने ही साथ दिया है.
मौत की वजह डेल्टा वैरियंट
डॉ कैनेडी बताते हैं कि कोरोना का डेल्टा वैरियंट काफी खतरनाक है. पलामू में डेल्टा वैरिएंट की वजह से ही संक्रमित लोगों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि अब डेल्टा प्लस वैरियंट भी आ गया है. इसको लेकर काफी सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए. इसके साथ ही सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन जरूर करें.
प्रमंडल के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में बढ़ाई गई सुविधा
डॉ. जॉन एफ कैनेडी ने बताया कि पलामू प्रमंडल के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधा बढ़ाई गई है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन का संकट था. इसको ध्यान में रखकर स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि 6 से 7 महीने में कोरोना के तीसरे लहर की बात कर रहे हैं, लेकिन तीसरी लहर जल्दी ही आएगी. इसकी वजह है कि लोग सावधान नहीं हैं.