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लापरवाही: सुआ कौड़िया गांव में 20 दिनों में 22 लोगों की मौत, ग्रामीण नहीं करा रहे कोविड जांच

पलामू प्रमण्डलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से महज 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर कोरोना जैसे लक्षण से 20 दिनों में 22 लोगों की मौत एक ही गांव में हुई है. इसके बावजूद ग्रामीण कोविड जांच के लिए आगे नहीं आ रहे हैं.

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सुआ कौड़िया गांव में 20 दिनों में 22 मौत,
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Published : May 20, 2021, 2:25 PM IST

Updated : May 20, 2021, 8:29 PM IST

पलामू: कोरोना जैसे लक्षण से 20 दिनों में 22 लोगों की मौत एक ही गांव में हुई है. लगातार हो रही मौत से ग्रामीण खौफ में हैं. यह मौत पलामू प्रमण्डलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से महज 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर हुई है. मौत के बावजूद ग्रामीण कोविड जांच के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. 22 लोगों की मौत में सिर्फ 6 लोगों ने ही कोविड कि जांच कराई थी. सभी मौत सर्दी बुखार लक्षण के बाद हुई है. मरने वाले लोगों मे 20 से 50 वर्ष तक के उम्र के लोग शामिल हैं. लगातार हुई मौत के बाद ग्रामीण दहशत में हैं.

देखें पूरी खबर
मौत के बाद भी परिवार के सदस्य कोविड की जांच नहीं करा रहे

सुआ कौड़िया के रहने वाले कृष्णा सिंह की मौत 14 मई को हुई. उनमें बुखार और सर्दी के लक्षण थे. परिजनों ने उनकी कोविड जांच नहीं कराई थी. उनके घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर मौजूद है प्रेम सिंह का घर, प्रेम सिंह की भी इन्हीं लक्षण से मौत हुई है. कृष्णा सिंह का एक बेटा 16 मई को चेन्नई से लौटा है, उसने भी कोविड जांच नहीं कराई. कृष्णा सिंह के बेटे जितेंद्र ने बताया कि पिताजी को सर्दी जुकाम और बुखार था. अचानक उनकी मौत हो गई. पूछने पर जितेंद्र बताते हैं कि परिवार के किसी भी सदस्य ने कोविड-19 जांच नहीं कराई है और ना ही गांव में जांच के लिए कोई काम लगा है. कृष्णा सिंह की तरह गांव के लोग कोविड-19 के लिए आगे नहीं आ रहे हैं.

दहशत में है सुआ कौड़िया के ग्रामीण

लगातार हो रही मौत से सुआ कौड़िया के ग्रामीण दहशत में हैं.इन सबकी मौत 25 अप्रैल से 15 मई के बीच मे हुई हैं. गांव के लालमन पाल बताते हैं कि गांव के लोग दहशत में इतने थे कि वह अंतिम संस्कार में भी नहीं शामिल हो रहे थे. उन्होंने बताया लोगों को सर्दी बुखार का मामूली लक्षण था. गांव के ही सुदर्शन ठाकुर बताते हैं कि जिन लोगों की मरने की उम्र नहीं थे उनकी भी मौत हुई. स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि गांव में कैंप लगाकर सभी की जांच की जाए. मुखिया पति प्रेम प्रकाश ठाकुर बताते हैं कि गांव में फिलहाल हालात सामान्य हैं. कितने लोग कोविड-19 संक्रमित हैं यह कहना मुश्किल है. अगले दो दिनों में गांव में कैंप लग रहा है जिसके बाद पता चल पाएगा कितने लोग संक्रमित हैं.


लक्षण वाले सभी लोगों की होगी जांच

पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि सभी गांव में सर्वे शुरू हुआ है. लक्षण वाले सभी लोगों की कोविड-19 की जांच होगी. डीसी ने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि लक्षण के बाद वो जांच करवाएं ताकि उन्हें दवाइयां और अन्य राहत पहुंचाई जा सके. उन्होंने बताया कि सर्वे के माध्यम से सभी ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जाएगी.


सुआ कौड़िया में 25 अप्रैल से 15 मई के बीच किसकी हुई मौत

निर्मल सिंह, बिंदास साव, शाहनवाज अंसारी, कुंती देवी, आयशा बीवी, वाहिद अंसारी, बिकिनी बेबी, मुंशी भूइयां, कलावती देवी, गफूर मियां, अनाज बैठा, कृष्णा सिंह, सुरेखा देवी, नंद कुमार सिंह, शंभू सिंह, शंखपाल ठाकुर, जय श्री देवी, डोमन सिंह की मां और दो अन्य लोग शामिल हैं.

पलामू: कोरोना जैसे लक्षण से 20 दिनों में 22 लोगों की मौत एक ही गांव में हुई है. लगातार हो रही मौत से ग्रामीण खौफ में हैं. यह मौत पलामू प्रमण्डलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से महज 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर हुई है. मौत के बावजूद ग्रामीण कोविड जांच के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. 22 लोगों की मौत में सिर्फ 6 लोगों ने ही कोविड कि जांच कराई थी. सभी मौत सर्दी बुखार लक्षण के बाद हुई है. मरने वाले लोगों मे 20 से 50 वर्ष तक के उम्र के लोग शामिल हैं. लगातार हुई मौत के बाद ग्रामीण दहशत में हैं.

देखें पूरी खबर
मौत के बाद भी परिवार के सदस्य कोविड की जांच नहीं करा रहे

सुआ कौड़िया के रहने वाले कृष्णा सिंह की मौत 14 मई को हुई. उनमें बुखार और सर्दी के लक्षण थे. परिजनों ने उनकी कोविड जांच नहीं कराई थी. उनके घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर मौजूद है प्रेम सिंह का घर, प्रेम सिंह की भी इन्हीं लक्षण से मौत हुई है. कृष्णा सिंह का एक बेटा 16 मई को चेन्नई से लौटा है, उसने भी कोविड जांच नहीं कराई. कृष्णा सिंह के बेटे जितेंद्र ने बताया कि पिताजी को सर्दी जुकाम और बुखार था. अचानक उनकी मौत हो गई. पूछने पर जितेंद्र बताते हैं कि परिवार के किसी भी सदस्य ने कोविड-19 जांच नहीं कराई है और ना ही गांव में जांच के लिए कोई काम लगा है. कृष्णा सिंह की तरह गांव के लोग कोविड-19 के लिए आगे नहीं आ रहे हैं.

दहशत में है सुआ कौड़िया के ग्रामीण

लगातार हो रही मौत से सुआ कौड़िया के ग्रामीण दहशत में हैं.इन सबकी मौत 25 अप्रैल से 15 मई के बीच मे हुई हैं. गांव के लालमन पाल बताते हैं कि गांव के लोग दहशत में इतने थे कि वह अंतिम संस्कार में भी नहीं शामिल हो रहे थे. उन्होंने बताया लोगों को सर्दी बुखार का मामूली लक्षण था. गांव के ही सुदर्शन ठाकुर बताते हैं कि जिन लोगों की मरने की उम्र नहीं थे उनकी भी मौत हुई. स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि गांव में कैंप लगाकर सभी की जांच की जाए. मुखिया पति प्रेम प्रकाश ठाकुर बताते हैं कि गांव में फिलहाल हालात सामान्य हैं. कितने लोग कोविड-19 संक्रमित हैं यह कहना मुश्किल है. अगले दो दिनों में गांव में कैंप लग रहा है जिसके बाद पता चल पाएगा कितने लोग संक्रमित हैं.


लक्षण वाले सभी लोगों की होगी जांच

पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि सभी गांव में सर्वे शुरू हुआ है. लक्षण वाले सभी लोगों की कोविड-19 की जांच होगी. डीसी ने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि लक्षण के बाद वो जांच करवाएं ताकि उन्हें दवाइयां और अन्य राहत पहुंचाई जा सके. उन्होंने बताया कि सर्वे के माध्यम से सभी ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जाएगी.


सुआ कौड़िया में 25 अप्रैल से 15 मई के बीच किसकी हुई मौत

निर्मल सिंह, बिंदास साव, शाहनवाज अंसारी, कुंती देवी, आयशा बीवी, वाहिद अंसारी, बिकिनी बेबी, मुंशी भूइयां, कलावती देवी, गफूर मियां, अनाज बैठा, कृष्णा सिंह, सुरेखा देवी, नंद कुमार सिंह, शंभू सिंह, शंखपाल ठाकुर, जय श्री देवी, डोमन सिंह की मां और दो अन्य लोग शामिल हैं.

Last Updated : May 20, 2021, 8:29 PM IST
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