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रेलवे के सीआरएस आयुक्त ने नवनिर्मित थर्ड लाइन का किया निरीक्षण, 46 किलोमीटर लंबी लाइन पर जल्द शुरू हो सकता है परिचालन

चियांकि से राजहरा रेलवे स्टेशन तक नवनिर्मित थर्ड लाइन का निरीक्षण करने रेलवे के पूर्वी क्षेत्र के मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त पलामू पहुंचे. उन्होंने करीब नौ घंटे तक रेल लाइन का निरीक्षण किया.

CRS Commissioner reached palamu
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 14, 2023, 10:19 PM IST

पलामू: रेलवे के पूर्वी क्षेत्र के मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त सुवोमोय मित्रा ने गुरुवार को करीब नौ घंटे तक फ्रेट कॉरिडोर के तहत बन रही तीसरी रेल लाइन का निरीक्षण किया. उन्होंने धनबाद रेल डिवीजन के सीआईसी सेक्शन के तहत चियांकि से राजहरा रेलवे स्टेशन तक नवनिर्मित थर्ड लाइन का निरीक्षण किया.

यह भी पढ़ें: 2024 तक टाटानगर रेलवे स्टेशन के थर्ड लाइन का काम हो जाएगा पूरा हो: जीएम एके मिश्रा

इस दौरान अपर संरक्षा आयुक्त नंदी दास, डीआरएम केके सिन्हा समेत टॉप अधिकारी निरीक्षण में उनके साथ मौजूद थे. संरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट और उनकी हरी झंडी मिलने के बाद फ्रेट कॉरिडोर के तहत नवनिर्मित 46 किलोमीटर लंबी थर्ड लाइन पर परिचालन शुरू हो जाएगा.

मुख्य संरक्षा आयुक्त स्पेशल ट्रेन से सुबह नौ बजे चियांकि रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. उसके बाद उन्होंने रेल लाइन का निरीक्षण किया और एक-एक बिंदु पर जानकारी ली. वे करीब शाम 5:15 बजे तक निरीक्षण करते रहे. निरीक्षण करने के बाद वे रवाना हो गए. निरीक्षण के दौरान थर्ड लाइन पर 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन को चलाया गया.

291 किलोमीटर लंबी रेल थर्ड लाइन का हो रहा काम: दरअसल, बिहार के सोन नगर से झारखंड के पतरातू तक 291 किलोमीटर लंबी रेल थर्ड लाइन बिछाई जा रही है. 2015-16 में इस परियोजना के लिए 4500 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे. इस थर्ड लाइन को रेलवे का फ्रेट कॉरिडोर भी कहा जाता है. यह रेल लाइन बिहार के औरंगाबाद, झारखंड के पलामू, गढ़वा, लातेहार, रांची और रामगढ़ जिले से होकर गुजरेगी. इस रेल लाइन को सेंट्रल इंडस्ट्रियल कोर के नाम से भी जाना जाता है. थर्ड लाइन बन जाने से बिहार के नबीनगर में स्थित पावर प्लांट को निर्बाध कोयले की आपूर्ति मिल पाएगी.

पलामू: रेलवे के पूर्वी क्षेत्र के मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त सुवोमोय मित्रा ने गुरुवार को करीब नौ घंटे तक फ्रेट कॉरिडोर के तहत बन रही तीसरी रेल लाइन का निरीक्षण किया. उन्होंने धनबाद रेल डिवीजन के सीआईसी सेक्शन के तहत चियांकि से राजहरा रेलवे स्टेशन तक नवनिर्मित थर्ड लाइन का निरीक्षण किया.

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इस दौरान अपर संरक्षा आयुक्त नंदी दास, डीआरएम केके सिन्हा समेत टॉप अधिकारी निरीक्षण में उनके साथ मौजूद थे. संरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट और उनकी हरी झंडी मिलने के बाद फ्रेट कॉरिडोर के तहत नवनिर्मित 46 किलोमीटर लंबी थर्ड लाइन पर परिचालन शुरू हो जाएगा.

मुख्य संरक्षा आयुक्त स्पेशल ट्रेन से सुबह नौ बजे चियांकि रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. उसके बाद उन्होंने रेल लाइन का निरीक्षण किया और एक-एक बिंदु पर जानकारी ली. वे करीब शाम 5:15 बजे तक निरीक्षण करते रहे. निरीक्षण करने के बाद वे रवाना हो गए. निरीक्षण के दौरान थर्ड लाइन पर 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन को चलाया गया.

291 किलोमीटर लंबी रेल थर्ड लाइन का हो रहा काम: दरअसल, बिहार के सोन नगर से झारखंड के पतरातू तक 291 किलोमीटर लंबी रेल थर्ड लाइन बिछाई जा रही है. 2015-16 में इस परियोजना के लिए 4500 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे. इस थर्ड लाइन को रेलवे का फ्रेट कॉरिडोर भी कहा जाता है. यह रेल लाइन बिहार के औरंगाबाद, झारखंड के पलामू, गढ़वा, लातेहार, रांची और रामगढ़ जिले से होकर गुजरेगी. इस रेल लाइन को सेंट्रल इंडस्ट्रियल कोर के नाम से भी जाना जाता है. थर्ड लाइन बन जाने से बिहार के नबीनगर में स्थित पावर प्लांट को निर्बाध कोयले की आपूर्ति मिल पाएगी.

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