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नार्थ ईस्ट के राज्यों से मंगवायी हथियारों की बड़ी खेप, संगठन को मजबूत बनाने की फिराक में माओवादी और टीएसपीसी के टॉप कमांडर्स!

पलामू में भाकपा माओवादी और नक्सली संगठन टीएसपीसी फिर से संगठन को मजबूत बनाने में जुट गए हैं. पुलिस को गुप्त सूचना मिली है कि नक्सलियों ने नार्थ ईस्ट के राज्यों से हथियारों की खेप मंगवायी है. पुलिस की नजर हथियार सप्लाई करने वाली चेन पर है. Naxalites have ordered consignment of weapons.

Naxalites In Palamu
Naxalites Have Ordered Consignment Of Weapons
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 2, 2023, 9:39 PM IST

पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और टीएसपीसी के टॉप कमांडर ने नार्थ ईस्ट के राज्यों से हथियारों की खेप मंगवायी है. हथियारों की यह खेप नॉर्थ ईस्ट के हथियार तस्करों से मंगवाए गए हैं. हथियारों की इस डील में कोयला क्षेत्र के एक बड़े कारोबारी की भूमिका है. इस खेप में कौन-कौन से हथियार शामिल हैं फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को शुरू में यह जानकारी मिली थी कि हथियारों की यह खेप झारखंड के एक टॉप नक्सल कमांडर ने मंगवायी है. यह कमांडर भाकपा माओवादी का है या टीएसपीसी का इसकी जानकारी नहीं मिल पायी थी.

ये भी पढ़ें-माओवादियों से खाली हुए इलाकों में टीएसपीसी पैठ बनाने की कोशिश में जुटी, टॉप कमांडरों के बीच हुआ इलाके का बंटवारा

आर्म्स डीलर और कोयला कारोबारी से नक्सलियों की सांठगांठः आर्म्स डीलर और कोयला कारोबारी नक्सली संगठनों को हथियार उपलब्ध करवाते रहे हैं. जब मामले में जांच शुरू हुई तो पता चला कि भाकपा माओवादियों के रीजनल कमेटी सदस्य सह 15 लाख के इनामी मनोहर गंझू और टीएसपीसी के दस्ते ने हथियार मंगवाया है. झारखंड-बिहार सीमा के साथ-साथ पलामू, चतरा और लातेहार सीमा पर मनोहर गंझू ही माओवादियों का सबसे बड़ा कमांडर है. मनोहर फिर से माओवादी दस्ते को खड़ा करना चाहता है. इसी कारण हथियारों की खेप को मंगवायी गई है. जबकि टीएसपीसी भी कई इलाकों में अपने वर्चस्व को कायम करना चाहती है.

दरअसल, पिछले एक वर्ष में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और टीएसपीसी को कई बड़े झटके लगे हैं. इनके दर्जनों हथियार पकड़े गए हैं और कमांडर गिरफ्तार हुए हैं. एक वर्ष के दौरान पलामू, चतरा और लातेहार के इलाके में आधा दर्जन से अधिक एके 56 और एके 47 हथियार बरामद हुए हैं. माओवादी और टीएसपीसी दोनों हथियार के संकट से जूझ रहे हैं, इसलिए दोनों ने संगठन ने हथियारों की खेप मंगवायी है.

माओवादी और टीएसपीसी के बीच बढ़ी थी नजदीकीः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के बीच हाल के दिनों में नजदीकी बढ़ी थी. माओवादी कमांडर मनोहर गंझू दोनों संगठनों को नजदीक लाने में अहम भूमिका निभाई थी. माओवादियों में एक वर्ग की पकड़ कमजोर हो गई है. सुरक्षाबल और एजेंसियों को आशंका है कि मनोहर गंझू और टीएसपीसी के कमांडरों ने एक साथ मिलकर हथियार की खेप मंगवायी है. एक टॉप पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि हथियारों का आर्डर नार्थ ईस्ट के नागालैंड के इलाके में दिया गया था. हथियार नक्सल संगठनों तक पहुंची है या नहीं यह कहना मुश्किल है. पुलिस इलाके में निगरानी बनाए हुए है और गतिविधि पर नजर रखे हुए है.

पूर्व माओवादी ने कहाः इस संबंध में पूर्व माओवादी श्याम बिहारी का कहना है कि पहले भी नार्थ ईस्ट के राज्यों से हथियार आते रहे हैं. हथियारों के इस खरीद में एक बड़ा नेटवर्क है. फिलहाल संगठन कमजोर हुआ था शायद संगठन की ताकत को बढ़ाने के लिए हथियार मंगवाये गये हैं.

पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और टीएसपीसी के टॉप कमांडर ने नार्थ ईस्ट के राज्यों से हथियारों की खेप मंगवायी है. हथियारों की यह खेप नॉर्थ ईस्ट के हथियार तस्करों से मंगवाए गए हैं. हथियारों की इस डील में कोयला क्षेत्र के एक बड़े कारोबारी की भूमिका है. इस खेप में कौन-कौन से हथियार शामिल हैं फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को शुरू में यह जानकारी मिली थी कि हथियारों की यह खेप झारखंड के एक टॉप नक्सल कमांडर ने मंगवायी है. यह कमांडर भाकपा माओवादी का है या टीएसपीसी का इसकी जानकारी नहीं मिल पायी थी.

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आर्म्स डीलर और कोयला कारोबारी से नक्सलियों की सांठगांठः आर्म्स डीलर और कोयला कारोबारी नक्सली संगठनों को हथियार उपलब्ध करवाते रहे हैं. जब मामले में जांच शुरू हुई तो पता चला कि भाकपा माओवादियों के रीजनल कमेटी सदस्य सह 15 लाख के इनामी मनोहर गंझू और टीएसपीसी के दस्ते ने हथियार मंगवाया है. झारखंड-बिहार सीमा के साथ-साथ पलामू, चतरा और लातेहार सीमा पर मनोहर गंझू ही माओवादियों का सबसे बड़ा कमांडर है. मनोहर फिर से माओवादी दस्ते को खड़ा करना चाहता है. इसी कारण हथियारों की खेप को मंगवायी गई है. जबकि टीएसपीसी भी कई इलाकों में अपने वर्चस्व को कायम करना चाहती है.

दरअसल, पिछले एक वर्ष में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और टीएसपीसी को कई बड़े झटके लगे हैं. इनके दर्जनों हथियार पकड़े गए हैं और कमांडर गिरफ्तार हुए हैं. एक वर्ष के दौरान पलामू, चतरा और लातेहार के इलाके में आधा दर्जन से अधिक एके 56 और एके 47 हथियार बरामद हुए हैं. माओवादी और टीएसपीसी दोनों हथियार के संकट से जूझ रहे हैं, इसलिए दोनों ने संगठन ने हथियारों की खेप मंगवायी है.

माओवादी और टीएसपीसी के बीच बढ़ी थी नजदीकीः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के बीच हाल के दिनों में नजदीकी बढ़ी थी. माओवादी कमांडर मनोहर गंझू दोनों संगठनों को नजदीक लाने में अहम भूमिका निभाई थी. माओवादियों में एक वर्ग की पकड़ कमजोर हो गई है. सुरक्षाबल और एजेंसियों को आशंका है कि मनोहर गंझू और टीएसपीसी के कमांडरों ने एक साथ मिलकर हथियार की खेप मंगवायी है. एक टॉप पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि हथियारों का आर्डर नार्थ ईस्ट के नागालैंड के इलाके में दिया गया था. हथियार नक्सल संगठनों तक पहुंची है या नहीं यह कहना मुश्किल है. पुलिस इलाके में निगरानी बनाए हुए है और गतिविधि पर नजर रखे हुए है.

पूर्व माओवादी ने कहाः इस संबंध में पूर्व माओवादी श्याम बिहारी का कहना है कि पहले भी नार्थ ईस्ट के राज्यों से हथियार आते रहे हैं. हथियारों के इस खरीद में एक बड़ा नेटवर्क है. फिलहाल संगठन कमजोर हुआ था शायद संगठन की ताकत को बढ़ाने के लिए हथियार मंगवाये गये हैं.

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