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साइबर अपराधियों ने सेवानिवृत्त कर्मी के खाते से उड़ाया 21 लाख रुपये, एप्लिकेशन डाउनलोड करा कर लगाया चूना - मेदिनीनगर साइबर थाना

पलामू में एक व्यक्ति के बैंक खाते से साइबर ठगों ने लाखों रुपए उड़ा लिए. पहले ठगों ने कॉल किया, फिर एप्लिकेशन डाउनलोड कराया. जिसमें शख्स से आधार और पैन की जानकारी मांगी गई. बाद में पता चला कि बैंक खाता खाली कर दिया गया है.

cyber fraud in palamu
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Published : Jul 13, 2023, 10:34 PM IST

पलामू: जिले में साइबर ठगों ने एक व्यक्ति के खाते से 21 लाख रुपए की ठगी कर ली. मामला जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र का है, जहां के चिरैयाखाड़ गांव निवासी और वर्तमान में जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के सुदना निवासी रामसुंदर सिंह के बैंक खाते से साइबर अपराधियों ने लगभग 21 लाख रुपये उड़ा लिए. इस संबंध में रामसुंदर सिंह ने मेदिनीनगर साइबर थाना में एक लिखित शिकायत दर्ज करायी है.

यह भी पढ़ें: जामताड़ा गैंग्स का नया हथियार बना APK, अब साइबर अपराधी कॉल पर ओटीपी नहीं बल्कि इस हाई टेक तरीके से दे रहे ठगी को अंजाम

शिकायत में उन्होंने बताया है कि 5 जुलाई को उनके मोबाइल पर अंजान नंबर से कॉल आया. उन्होंने कॉल उठाया जिसमें सामने से बात कर रहे शख्स ने अपना नाम मधुसूदन बताया. उसने बताया कि वह भारतीय स्टेट बैंक ब्रांच का कर्मी है. बैंक में आपका केवाईसी करना है. जिस पर रामसुंदर सिंह ने कहा कि हम बैंक आकर मिल लेंगे. लेकिन कुछ देर बाद फ्रॉड ने फिर से कॉल किया और कहा कि आप चिंता नहीं करें आपको पूरी जानकारी दी जाएगी.

बातों में आकर कर किया एप्लिकेशन डाउनलोड: रामसुंदर सिंह उसकी बातों में आ गए और एक एप्लिकेशन को डाउनलोड किया. जिसमें उन्होंने पैन कार्ड और आधार की जानकारी दी. जिसके बाद कहा गया कि आप बैंक आकर 7 जुलाई को मिल लेंगे. जब वे 7 जुलाई को बैंक पहुंचे तो उन्हें पता चला कि खाता हैकर्स के द्वारा खाली कर दिया गया है. इस घटना से रामसुंदर सिंह काफी तनाव में हैं. घर के लोग भी परेशान हैं. आस पड़ोस के लोगों मे भी ऐसी घटना से दहशत है.

बैंक कर्मियों पर भी मिलीभगत का आरोप: रामसुंदर सिंह ने बैंक कर्मियों पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बैंक मैनेजर को कॉल किया गया. लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. उन्होंने यह भी कहा कि उनके खाते में इंटरनेट बैंकिंग सेवा एक वर्ष पहल से बंद कराया गया है. फिर 24 घंटा के अंदर इतनी मोटी रकम ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करना बैंक को कठघरे में खड़ा करता है. उतना ही नहीं जिस खाता में पैसा ट्रांसफर कराया गया है. वह बेनिफेसरी लिस्ट में नहीं है. इसके बाद भी ट्रांजेक्शन संभव कैसे हो गया. रामसुंदर सिंह जिंदल कंपनी के बड़े पोस्ट से सेवानिवृत्त हैं. उन्होंने जमीन और घर बनाने के लिए पैसा संजोया था. साइबर अपराधियों ने उनके सपने को चूर-चूर कर दिया.

पलामू: जिले में साइबर ठगों ने एक व्यक्ति के खाते से 21 लाख रुपए की ठगी कर ली. मामला जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र का है, जहां के चिरैयाखाड़ गांव निवासी और वर्तमान में जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के सुदना निवासी रामसुंदर सिंह के बैंक खाते से साइबर अपराधियों ने लगभग 21 लाख रुपये उड़ा लिए. इस संबंध में रामसुंदर सिंह ने मेदिनीनगर साइबर थाना में एक लिखित शिकायत दर्ज करायी है.

यह भी पढ़ें: जामताड़ा गैंग्स का नया हथियार बना APK, अब साइबर अपराधी कॉल पर ओटीपी नहीं बल्कि इस हाई टेक तरीके से दे रहे ठगी को अंजाम

शिकायत में उन्होंने बताया है कि 5 जुलाई को उनके मोबाइल पर अंजान नंबर से कॉल आया. उन्होंने कॉल उठाया जिसमें सामने से बात कर रहे शख्स ने अपना नाम मधुसूदन बताया. उसने बताया कि वह भारतीय स्टेट बैंक ब्रांच का कर्मी है. बैंक में आपका केवाईसी करना है. जिस पर रामसुंदर सिंह ने कहा कि हम बैंक आकर मिल लेंगे. लेकिन कुछ देर बाद फ्रॉड ने फिर से कॉल किया और कहा कि आप चिंता नहीं करें आपको पूरी जानकारी दी जाएगी.

बातों में आकर कर किया एप्लिकेशन डाउनलोड: रामसुंदर सिंह उसकी बातों में आ गए और एक एप्लिकेशन को डाउनलोड किया. जिसमें उन्होंने पैन कार्ड और आधार की जानकारी दी. जिसके बाद कहा गया कि आप बैंक आकर 7 जुलाई को मिल लेंगे. जब वे 7 जुलाई को बैंक पहुंचे तो उन्हें पता चला कि खाता हैकर्स के द्वारा खाली कर दिया गया है. इस घटना से रामसुंदर सिंह काफी तनाव में हैं. घर के लोग भी परेशान हैं. आस पड़ोस के लोगों मे भी ऐसी घटना से दहशत है.

बैंक कर्मियों पर भी मिलीभगत का आरोप: रामसुंदर सिंह ने बैंक कर्मियों पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बैंक मैनेजर को कॉल किया गया. लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. उन्होंने यह भी कहा कि उनके खाते में इंटरनेट बैंकिंग सेवा एक वर्ष पहल से बंद कराया गया है. फिर 24 घंटा के अंदर इतनी मोटी रकम ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करना बैंक को कठघरे में खड़ा करता है. उतना ही नहीं जिस खाता में पैसा ट्रांसफर कराया गया है. वह बेनिफेसरी लिस्ट में नहीं है. इसके बाद भी ट्रांजेक्शन संभव कैसे हो गया. रामसुंदर सिंह जिंदल कंपनी के बड़े पोस्ट से सेवानिवृत्त हैं. उन्होंने जमीन और घर बनाने के लिए पैसा संजोया था. साइबर अपराधियों ने उनके सपने को चूर-चूर कर दिया.

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