पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के पास कब लड़ाके नहीं बचे हैं. कमांडरों को मिलाकर माओवादियों ने पूरा दस्ता तैयार किया है. यही वहज है कि चतरा मुठभेड़ में माओवादी अगर टॉप 5 कमांडर मारे गए थे. इस मुठभेड़ में शामिल माओवादियों को सातों सदस्य कमांडर थे, इनके पास कोई भी लड़ाका का दस्ता मौजूद नहीं था.
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सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार झारखंड के सारंडा को इलाके को छोड़ दिया जाए तो किसी भी इलाके में माओवादियों के पास अपना कैडर नहीं बचा है. झारखंड बिहार सीमावर्ती क्षेत्रों में माओवादियों के 20 से 25 सदस्य मौजूद हैं, जिसमें सभी एरिया कमांडर से लेकर स्टेट कमिटी सदस्य हैं जबकि एक पोलित ब्यूरो सदस्य है, जो इलाके को छोड़ कर भाग गया है. माओवादी अपने साथ कोई नया कैडर नहीं जोड़ पा रहे है. चतरा मुठभेड़ के बाद इलाके में मनोहर गंझू, इंदल गंझू, अरविंद मुखिया, सुनील विवेक के नेतृत्व में ही टॉप कमांडर बचे हैं.
हजार से दर्जन में सिमट गए माओवादी-खत्म हुई लीडरशिपः माओवादियों का बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ स्पेशल एरिया कमेटी जिसके अंतर्गत संपूर्ण बिहार और झारखंड के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के बलरामपुर और अंबिकापुर के इलाके शामिल हैं. 2009-10 तक इलाके में माओवादियों के कैडर की संख्या 3000 से अधिक हुआ करती थी. लेकिन अब बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ स्पेशल एरिया कमेटी सारंडा के इलाके के छोड़ दिया जाए तो इनकी संख्या दर्जनों में सिमट कर रह गई है.
माओवादियों के पास सबसे अधिक कमांडर और कैडर बिहार झारखंड सीमावर्ती इलाकों में हुआ करता था. लेकिन यहां इनकी संख्या दो दर्जन के करीब रह गई है. बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ स्पेशल एरिया कमेटी से माओवादियों से अधिक मजबूत कमेटी दंडकारण्य कमेटी हुआ करती थी. हाल में ही ईटीवी भारत ने खबर प्रकाशित की थी, जिसमें माओवादियों के टॉप कमांडरो की सूची के बारे में जानकारी दी गई थी. इस सूची में झारखंड बिहार का कोई भी टॉप माओवादी कमांडर शामिल नहीं था.
माओवादियों के खात्मे तक पुलिस और सुरक्षाबलों का जारी रहेगा अभियानः पलामू चतरा मुठभेड़ में माओवादियों की रीढ़ तोड़ दी है. पुलिस लगातार माओवादी कमांडरों से आत्मसमर्पण करने की अपील कर रही है. पलामू रेंज आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि पुलिस और सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील कर रहे हैं, वैसे लोग मुख्यधारा से भटके हुए हैं वह मुख्यधारा में शामिल हो जाएं. आईजी ने कहा कि नक्सलियों के उन्मूलन तक ये अभियान जारी रहेगा. विभिन्न इलाके में सुरक्षित माहौल और शांति कायम करना पुलिस और सुरक्षाबलों की प्राथमिकता है.