पलामूः जिला में एक बड़ी लापरवाही का मामला निकल कर सामने आ रही है. पलामू में इंटरस्टेट बॉर्डर पर कोविड 19 की जांच नहीं हो रही है. सीमावर्ती इलाके में कोरोना जांच में लापरवाही बरती जा रही है. आपदा प्रबंधन विभाग के आदेश के बाद शुरुआत के तीन दिनों तक पलामू इंटरस्टेट बॉर्डर पर कोविड 19 टेस्ट हुआ, उसके बाद से यह जांच बंद है. ईटीवी भारत ने पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 90 किलोमीटर दूर इंटरस्टेट बॉर्डर का जायजा लिया. हरिहरगंज के रास्ते ही यूपी, बिहार और उत्तर भारत से लोग झारखंड में दाखिल होते हैं.
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पलामू में कोरोना संक्रमण बढ़ा है. लेकिन इंटरस्टेट बॉर्डर पर कोविड 19 जांच नहीं हो रही है. यहां बता दें कि हरिहरगंज सीमा पर इंटरस्टेट चेकपोस्ट बनाया गया है. जहां बाहर से आने वाले यात्रियों का कोविड 19 का जांच किया जाना है और वैक्सीन दिया जाना है. जनवरी के शुरुआत में बॉर्डर पर कोविड 19 जांच की सुविधा शुरू की गयी. लेकिन शुरू के तीन दिन ही जांच हुई, उसके बाद से जांच बंद है, तीन दिन में मात्र 70 लोगों की ही जांच हुई.
लैब टेक्नीशियन गायबः इंटरस्टेट चेकपोस्ट पर तैनात स्वाथ्यकर्मियों ने ईटीवी भारत को बताया कि मात्र तीन दिन कोविड 19 की जांच हुई है, उसके बाद से यह बंद है. लैब टेक्नीशियन जांच के लिए नहीं आ रहे हैं. इस पूरे मामले में वरीय अधिकारियों को जानकारी दी गयी है. कर्मियों ने बताया कि काफी दिनों से जांच बंद है. इस मामले को लेकर पलामू सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मामला गंभीर है. मामले में हरिहरगंज के प्रभारी चिकित्सा प्रभारी को निर्देश दिया जा रहा है, बॉर्डर पर जांच शुरू किया जाएगा.
पलामू में कोरोना संक्रमण बढ़ाः पलामू में कोविड 19 संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिला में प्रतिदिन 100 से अधिक कोरोना का नए मरीज सामने आ रहे हैं. मौजूदा आंकड़ों के बाबत पलामू में कोविड 19 संक्रमित लोगों का आंकड़ा 950 से अधिक हो गया है. लेकिन सीमावर्ती इलाकों में ऐसी कोताही बरतने पर जिला में कोरोना संक्रमण की स्थिति संभालनी मुश्किल हो जाएगी. इसलिए दरकार है कि समय रहते जिला के सीमावर्ती इलाकों में गहन जांच की जाए, जिससे दूसरे राज्यों से जिला और झारखंड में आने वाले संक्रमण के खतरे कम किया जा सके.