पलामूः यहां प्रतिदिन हजारों कैल्शियम की गोली की खपत हो रही है. इलाके के सबसे बड़े अस्पताल में प्रतिदिन 5 हजार से अधिक कैल्शियम की गोली की मरीजों को दी जा रही है. यह आंकड़ा सिर्फ एक अस्पताल का है जबकि जिले में 200 से अधिक सरकारी और निजी अस्पताल संचालित हैं.
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करीब 20 लाख की आबादी वाले इलाके में हर महीने पांच से छह हजार से अधिक कैल्शियम की गोली की खपत हो रही है. यह आंकड़े चौंकने वाले जरूर हैं लेकिन यह काफी डरावना भी है. कैल्शियम की गोली की खपत यह बता रही है कि इलाके के लोगों की हड्डी कमजोर हो रही है. हम बात कर रहे हैं झारखंड की राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर पलामू के जिले की. पलामू का इलाका नक्सल हिंसा, अकाल सुखाड़ के लिए जाना जाता है. कुछ वर्षों से पलामू फ्लोराइड जोन के रूप में स्थापित होता जा रहा है.
एमएमसीएच के ओपीडी में प्रतिदिन 200 से अधिक मरीजः पलामू के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के ओपीडी में प्रतिदिन 500 से 600 मरीज आते हैं, जिनमें 200 से 250 मरीज हड्डी की समस्या से ग्रस्त हैं. मेडिकल कॉलेज के दवाई काउंटर से अकेले 3 हजार कैल्शियम की गोली मरीजों को दी जा रही है जबकि गायनी वार्ड का आंकड़ा अलग है, जहां 2 से 3 हजार कैल्शियम की गोली का वितरण प्रतिदिन किया जा रहा है.
मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में दो महीने में 172 मरीजों का ऑपरेशन किया गया, जिनकी हड्डियां गंभीर रूप से टूट गई थीं. एक महीने में 300 से अधिक मरीजों की टूटी हड्डियों को जोड़ा गया. एमएमसीएच के अलावा जिला में दो अनुमंडलीय अस्पताल, 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जबकि डेढ़ सौ से अधिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद हैं. जिला में 100 से अधिक निजी अस्पताल भी संचालित हैं.
लोगों को दिव्यांग बना रहा फ्लोराइडः पलामू फ्लोराइड जोन के रूप में जाना जाता है. जिले के मेदिनीनगर, चैनपुर, बिश्रामपुर, पांडु प्रखंड फ्लोराइड से सबसे अधिक प्रभावित है. मेदिनीनगर के चुकरु के इलाके में फ्लोराइड युक्त पानी के कारण कई लोग दिव्यांग हो गए हैं. फ्लोराइड युक्त पानी पीने से हड्डियां धीरे धीरे कमजोर और खोखली हो जाती हैं. सरकार द्वारा फ्लोराइड को लेकर एक सर्वे करवाया गया था, इस सर्वे में कहा गया था कि जीरो से 50 फीट गहराई में सबसे अधिक फ्लोराइड है. 100-150 फीट की गहराई पर मौजूद पानी को संवेदनशील माना गया था. जांच के लिए चापाकल, कुआं और बोरिंग से सैंपल लिए गए थे. 50 फीट की गहराई वाले 4.3 मिलीग्राम पानी में फ्लोराइड का खतरनाक स्तर एल 1 मिला था जबकि अधिक गहराई में यह कमजोर हुआ था.
एमएमसीएच सुपरिटेंडेंट डीके सिंह कहते हैं कि मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में प्रतिदिन हजारों कैल्शियम की गोली की खपत हो रही है. पलामू का इलाका फ्लोराइड जोन से प्रभावित है, यही कारण है कि इलाके के लोगों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं. एमएमसीएच के जेआर डॉ. आकाश वर्मा कहते हैं कि मरीजों की संख्या देखने की जरूरत, डॉक्टर सिर्फ सलाह दे सकते हैं, मरीजों को दवा लिखी जा रही है. कैल्शियम की गोली गर्भवती महिलाओं को भी दिया जाता है. लेकिन हड्डियों की समस्या से ग्रस्त मरीज आ रहे हैं तो उन्हें दवा देनी ही होगी.
वहीं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग कार्यपालक अभियंता रामेश्वर गुप्ता कहते हैं कि फ्लोराइड प्रभावित इलाकों को चिन्हित किया गया है, हालांकि कई इलाकों में पुरानी पेयजल योजनाएं है. वहीं कई इलाकों में नये सिरे से परियोजनाओं को शुरू किया गया है और वो सभी चालू होने की स्थिति में है. इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद इलाके के लोगों को स्वच्छ पानी मिल पाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि फ्लोराइड प्रभावित इलाके में एसबीएम के तहत पेयजल आपूर्ति योजना शुरू की जा रही है.