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1522 करोड़ की योजना का रास्ता हुआ साफ, नेशनल हाइवे 75 पर बनेगा बाइपास

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Published : Jun 19, 2021, 11:57 AM IST

नेशनल हाइवे 98 के फोरलेन और नेशनल हाइवे 75 के गढ़वा बाइपास के रैयतों को कैंप लगा कर मुआवजा बांटा जाएगा. रैयतों को मुआवजा नहीं मिलने के कारण 1522 करोड़ की योजना अधर में लटक गई थी. पलामू डीसी ने आदेश जारी करते हुए मुआवजा बांटने का निर्देश दिया है.

Compensation gift to the ryots of NH-98 and 75 in palamu
पलामू: जानिए किन रैयतों को मिलने वाला है मुआवजा, डीसी ने जारी किया आदेश

पलामू: शुक्रवार को पलामू डीसी शशिरंजन ने आदेश जारी किया है कि कैंप लगाकर रैयतों को मुआवजा बांटा जाए. सोमवार को छत्तरपुर, बुधवार को हरिहरगंज और शनिवार को बिश्रामपुर अंचल कार्यालय में कैंप लगेगा और मुआवजा दिया जाएगा. भूअर्जन विभाग नेशनल हाइवे 98 के फोर लेन के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है, जबकि मुआवजे के लिए 218 करोड़ रुपये की राशि आवंटित हो गई है.

इसे भी पढ़ें- पीएम मोदी करते हैं जनता की चिंता, हेमंत सरकार बेफिक्रः बाबूलाल मरांडी

दरअसल, भूअर्जन विभाग को NHAI को 17 मई तक जमीन उपलब्ध करवाना था, लेकिन रैयतों को मुआवजा नहीं मिल पाया और जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया. भूअर्जन विभाग की उदासीनता के कारण 1522 करोड़ की योजना अधर में है. मामले में जिला प्रशासन की किरकिरी हो रही थी और कई गंभीर आरोप भी लगे थे.

भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी दोनों परियोजनाएं

नेशनल हाइवे 98 और गढ़वा में बाइपास बनाया जाना है. दोनों परियोजनाएं भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी हुई हैं. इस प्रोजेक्ट के अनुसार रांची से वाराणसी तक फोरलेन सड़क बनाया जाना है. जानकारी के मुताबिक रैयतों को मुआवजा नहीं मिलने से एनएच 98 फोर लेन का काम 450 करोड़ से बढ़कर 750 करोड़ रुपये हो गया है. अगले कुछ दिनों में भूमिअधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है तो लागत 950 करोड़ रुपये हो जाएगी.

नेशनल हाइवे 98 और गढ़वा बाइपास के मामले को लेकर पलामू सांसद विष्णुदयाल राम में जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. जबकि मामले में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सलाहकार समिति के सदस्य रविंद्र तिवारी ने भी अधिकारियों की समीक्षा बैठक की थी.

पलामू: शुक्रवार को पलामू डीसी शशिरंजन ने आदेश जारी किया है कि कैंप लगाकर रैयतों को मुआवजा बांटा जाए. सोमवार को छत्तरपुर, बुधवार को हरिहरगंज और शनिवार को बिश्रामपुर अंचल कार्यालय में कैंप लगेगा और मुआवजा दिया जाएगा. भूअर्जन विभाग नेशनल हाइवे 98 के फोर लेन के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है, जबकि मुआवजे के लिए 218 करोड़ रुपये की राशि आवंटित हो गई है.

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दरअसल, भूअर्जन विभाग को NHAI को 17 मई तक जमीन उपलब्ध करवाना था, लेकिन रैयतों को मुआवजा नहीं मिल पाया और जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया. भूअर्जन विभाग की उदासीनता के कारण 1522 करोड़ की योजना अधर में है. मामले में जिला प्रशासन की किरकिरी हो रही थी और कई गंभीर आरोप भी लगे थे.

भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी दोनों परियोजनाएं

नेशनल हाइवे 98 और गढ़वा में बाइपास बनाया जाना है. दोनों परियोजनाएं भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी हुई हैं. इस प्रोजेक्ट के अनुसार रांची से वाराणसी तक फोरलेन सड़क बनाया जाना है. जानकारी के मुताबिक रैयतों को मुआवजा नहीं मिलने से एनएच 98 फोर लेन का काम 450 करोड़ से बढ़कर 750 करोड़ रुपये हो गया है. अगले कुछ दिनों में भूमिअधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है तो लागत 950 करोड़ रुपये हो जाएगी.

नेशनल हाइवे 98 और गढ़वा बाइपास के मामले को लेकर पलामू सांसद विष्णुदयाल राम में जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. जबकि मामले में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सलाहकार समिति के सदस्य रविंद्र तिवारी ने भी अधिकारियों की समीक्षा बैठक की थी.

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