पलामूः जिले में बालू के उठाव को लेकर अनुमति नहीं मिलने से लोग काफी परेशान हैं. इसको लेकर पत्रकारों द्वारा सवाल पूछा गया कि पलामू को बालू कब मिलेगा? इसके जवाब में सीएम ने कहा कि यह सवाल दिल्ली वालों से कीजिए.
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पलामू को बालू कब मिलेगा या कब से मिलना चालू हो जाएगा? यह सवाल राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मीडिया कर्मियों ने पलामू में पूछा था. इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बालू, गिट्टी, ईंट, लोहा वाली बात दिल्ली वालों से करिए ज्यादा अच्छा रहेगा. मुख्यमंत्री ने ये बातें रोजगार मेला कार्यक्रम की समाप्ति के बाद मीडिया के सवाल जवाब के दौरान कहीं.
पलामू प्रमंडल के इलाके में बालू एक ज्वलंत मुद्दा है. यहां के दर्जनों घाट ऐसे हैं जहां से बालों की उठाव का अनुमति कई महीनों से नहीं दी गई है. दर्जनों बालू घाट की नीलामी नहीं की गई है. पलामू में कैटेगरी वन के तहत 39 बालू घाट, कैटेगिरी 2 में तहत 73 बालू घाट हैं. कैटेगरी वन के तहत बालू घाटों का चार वर्ष से नीलामी नहीं हुई है. जिस कारण बालू घाटों से उठाव बंद है. बालू के अभाव के कारण पलामू में निर्माण कार्य बंद हैं. आम लोगों के साथ साथ इससे सरकारी निर्माण कार्य भी बाधित हो रहे हैं. लोगों की मानें तो बालू के अभाव में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुक घर नहीं बना पा रहे हैं. सरकार की तरफ से कुछ बालू वेंडरों को निर्धारित किया गया है लेकिन आम लोगों को बालू काफी महंगी कीमत पर मिल रही है.
पलामू में प्रमंडल स्तरीय रोजगार मेला का आयोजन किया गया था. रोजगार मेला में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत राज्य के कई मंत्रियों ने भाग लिया. रोजगार मेला के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मीडियाकर्मियों बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान प्रदेश और जिला में बालू की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पत्रकारों द्वारा यह सवाल पूछा गया था. जिस पर तंज सकते हुए सीएम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.