पलामू: पोस्ता की खेती के खिलाफ पलामू पुलिस ने एक बार फिर से बड़ा अभियान शुरू किया है. पुलिस ने अभियान चला कर एक साथ तीन थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पोस्ता की खेती को नष्ट किया है. पलामू पुलिस को सूचना मिली थी कि मनातू, पांकी और पिपराटांड़ थाना क्षेत्र के जंगली इलाकों में पोस्ता की खेती की गई है.
इसी सूचना के आलोक में पुलिस ने सर्च अभियान शुरू किया था. इसी सर्च अभियान में मनातू थाना क्षेत्र के अदौरिया, पिपराटांड़ थाना क्षेत्र के गिरी, पांकी थाना क्षेत्र के हेडूम के इलाके में पोस्ता की खेती को नष्ट किया गया. इस अभियान में प्रशिक्षु डीएसपी, पांकी इंस्पेक्टर अरुण कुमार महथा, थाना प्रभारी उपेंद्र नारायण सिंह, मनातू थाना प्रभारी कमलेश कुमार, पिपराटांड़ थाना प्रभारी हीरालाल शाह समेत दर्जनों पुलिस अधिकारी शामिल रहे. पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस का अभियान जारी है. ग्रामीणों को जागरूक भी किया जा रहा है और अभियान भी चलाया जा रहा है.
कई इलाकों में नक्सलियों के संरक्षण में होती है खेती: पोस्ता की खेती शुरुआती दौर में है, जिस कारण पुलिस के लिए इसे नष्ट करना बड़ी चुनौती है. दिसंबर से फरवरी तक पुलिस अभियान चला कर खेती को नष्ट करती है. पोस्ता की खेती को लेकर पलामू पुलिस की जांच में कई बातों का खुलासा हुआ. पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि कई इलाकों में नक्सलियों के संरक्षण में खेती करवाई जा रही है. तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभा रही है. 2014-15 से 2020 तक पलामू में 1500 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था. एक-एक गांव में 30 से 35 लोगों पर एफआईआर दर्ज है.
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