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झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ मानसिक लड़ाई, पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मिलकर शुरू किया अभियान

झारखंड में पुलिस और सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ मानसिक लड़ाई शुरू की है. इस लड़ाई में पुलिस व सुरक्षाबल Naxal affected areas में रहने वाले ग्रामीणों को समझा रहे हैं कि वे किसी भी कीमत पर नक्सलियों के बहकावे में न आएं. ग्रामीणों को जागरूक करने के बैनर पेस्टर के साथ साथ नुक्कड़ नाटक का भी सहारा लिया जा रहा है.

Naxalites in Jharkhand
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Published : Aug 16, 2022, 6:44 PM IST

Updated : Aug 17, 2022, 4:34 PM IST

पलामू: झारखंड में नक्सली संगठनों (Naxalites in Jharkhand) के खिलाफ फौजी कार्रवाई के साथ-साथ अब मानसिक कार्रवाई भी शुरू हुई है. कैडर समस्या से जूझ रहे नक्सल संगठन नए लोगों को जोड़ना चाहते हैं. नक्सल संगठन ग्रामीणों को बहका कर खुद को मजबूत करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस और सुरक्षाबलों ने भी इस मोर्चे पर लड़ाई (Campaign against Naxalites in Palamu) शुरू कर दी है. नक्सल हीट इलाके में तैनात पुलिस और सुरक्षाबल ग्रामीणों को नक्सलियों के करतूत के बारे में बता रहे हैं. पुलिस ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए पोस्टर बैनर और नुक्कड़ नाटक का सहारा भी ले रही है.

इसे भी पढ़ें: नक्सल प्रभावित क्षेत्र में होमगार्ड बहाली जल्द, ये है आवेदन की अंतिम तारीख

ग्रामीणों को समझा रही है पुलिस: पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि नक्सली संगठन स्कूल व अन्य सरकारी भवनों को विस्फोट कर उड़ा देते हैं. वहीं गांव से बच्चों को भी उठा लेते हैं. ग्रामीणों को नक्सलियों द्वारा होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है ताकि वे जागरूक रहें, और नक्सलियों का साथ ना दे पाएं. डीआईजी ने बताया कि यह एक तरफ से मानसिक लड़ाई है. मानसिक तौर पर ग्रामीणों को मजबूत किया जा रहा है ताकि वे भटके नहीं. ग्रामीणों को यह समझाया जा रहा है कि नक्सली इलाके में विकास के बड़े बाधक हैं. नक्सलियों के कारण कई विकास योजनाओं संचालन नहीं हो पा रहा है.

देखं पूरी खबर

बूढ़ापहाड़ के इलाके में पुलिस और सुरक्षाबलों की खास नजर: बूढ़ापहाड़ के इलाके में पुलिस और सुरक्षाबलों की खास नजर है. बूढ़ा पहाड़ से सटे हुए लातेहार गढ़वा के इलाके में पुलिस पोस्टर भी चिपका रही है. ग्रामीणों को एक-एक कर समझा रही है. इस अभियान के लिए डीआईजी राजकुमार लकड़ा खुद बूढ़ापहाड़ के इलाके में कैंप कर रहे हैं. जारी पोस्टर में पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वह किसी भी कीमत पर नक्सलियों को अपने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करने दे, ना ही अपना सिम कार्ड किसी को दें. अगर नक्सली संगठन जबरदस्ती करते हैं तो ग्रामीण सिम कार्ड को तुरंत बंद करवा लें या इसकी जानकारी पुलिस को दें. साथ ही पुलिस ने ग्रामीणों से यह भी अपील की है कि वे अपनी गाड़ी नक्सलियों को न दें. इसके अलावा आंगनबाड़ी के राशन को नक्सली संगठनों को नहीं देने की अपील भी की गई है.

पलामू: झारखंड में नक्सली संगठनों (Naxalites in Jharkhand) के खिलाफ फौजी कार्रवाई के साथ-साथ अब मानसिक कार्रवाई भी शुरू हुई है. कैडर समस्या से जूझ रहे नक्सल संगठन नए लोगों को जोड़ना चाहते हैं. नक्सल संगठन ग्रामीणों को बहका कर खुद को मजबूत करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस और सुरक्षाबलों ने भी इस मोर्चे पर लड़ाई (Campaign against Naxalites in Palamu) शुरू कर दी है. नक्सल हीट इलाके में तैनात पुलिस और सुरक्षाबल ग्रामीणों को नक्सलियों के करतूत के बारे में बता रहे हैं. पुलिस ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए पोस्टर बैनर और नुक्कड़ नाटक का सहारा भी ले रही है.

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ग्रामीणों को समझा रही है पुलिस: पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि नक्सली संगठन स्कूल व अन्य सरकारी भवनों को विस्फोट कर उड़ा देते हैं. वहीं गांव से बच्चों को भी उठा लेते हैं. ग्रामीणों को नक्सलियों द्वारा होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है ताकि वे जागरूक रहें, और नक्सलियों का साथ ना दे पाएं. डीआईजी ने बताया कि यह एक तरफ से मानसिक लड़ाई है. मानसिक तौर पर ग्रामीणों को मजबूत किया जा रहा है ताकि वे भटके नहीं. ग्रामीणों को यह समझाया जा रहा है कि नक्सली इलाके में विकास के बड़े बाधक हैं. नक्सलियों के कारण कई विकास योजनाओं संचालन नहीं हो पा रहा है.

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बूढ़ापहाड़ के इलाके में पुलिस और सुरक्षाबलों की खास नजर: बूढ़ापहाड़ के इलाके में पुलिस और सुरक्षाबलों की खास नजर है. बूढ़ा पहाड़ से सटे हुए लातेहार गढ़वा के इलाके में पुलिस पोस्टर भी चिपका रही है. ग्रामीणों को एक-एक कर समझा रही है. इस अभियान के लिए डीआईजी राजकुमार लकड़ा खुद बूढ़ापहाड़ के इलाके में कैंप कर रहे हैं. जारी पोस्टर में पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वह किसी भी कीमत पर नक्सलियों को अपने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करने दे, ना ही अपना सिम कार्ड किसी को दें. अगर नक्सली संगठन जबरदस्ती करते हैं तो ग्रामीण सिम कार्ड को तुरंत बंद करवा लें या इसकी जानकारी पुलिस को दें. साथ ही पुलिस ने ग्रामीणों से यह भी अपील की है कि वे अपनी गाड़ी नक्सलियों को न दें. इसके अलावा आंगनबाड़ी के राशन को नक्सली संगठनों को नहीं देने की अपील भी की गई है.

Last Updated : Aug 17, 2022, 4:34 PM IST
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