पलामू: केंद्र सरकार ने पलामू को नक्सल प्रभावित जिले को मिलने वाली विशेष केंद्रीय सहायता की राशि को बंद कर दिया है. पूरे मामले को बीजेपी सांसद वीडी राम ने लोकसभा के शून्य काल में उठाया है. सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में कहा कि पलामू पिछड़ा एवं उग्रवाद प्रभावित जिला है. पलामू को विकास योजनाओं के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के रूप में प्रतिवर्ष 33 करोड़ रुपये मिलते थे. लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए विशेष केंद्रीय सहायता की राशि को बंद कर दिया गया है.
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पलामू लोकसभा क्षेत्र बिहार एवं छत्तीसगढ़ से सटा हुआ है. जिस कारण इलाके में नक्सली गतिविधियां होती हैं. 2019-20 में पलामू में आठ नक्सल वारदात हुई थी. जबकि 2020-21 में यह बढ़कर 26 हो गई. 2021 में अब तक 8 नक्सली घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि नक्सल घटनाओं के आंकड़े बताते हैं कि पलामू में नक्सली समाप्त नहीं हुए हैं. विशेष केंद्रीय सहायता विकास योजनाओं में क्रिटिकल गैप भरने के लिए एकमुश्त राशि है. इस राशि से नक्सल इलाके में रोड और अन्य संसाधनो निर्माण कार्य होता है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से पलामू का विशेष केंद्रीय राशि जारी करने का आग्रह किया है. ताकि नक्सल इलाके में विकास हो सके और नक्सल हिंसा पर काबू पाया जा सके.
लोकसभा में ईचईसी का मुद्दा
चाईबासा से कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने इस मामले को उठाया है. उन्होंने सदन में कहा कि भारी उद्योग के क्षेत्र में एचईसी की उपयोगिता हमेशा बनी रहेगी. इसके बावजूद देश का इतना प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित संस्थान आज ऐसे पड़ाव पर आ गया है, जहां के कर्मचारियों को वेतन के भी लाले पड़ गये हैं. पिछले कई माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. इस संस्थान से जुड़े लोग कर्ज में डूब गये हैं. बच्चों की पढ़ाई बाधित होने लगी है. भूखों मरने की नौबत आ गई है.
सदन में वनउपज से रोजगार का मुद्दा
सांसद गीता कोड़ा ने सोमवार को लोकसभा सत्र के दौरान सदन में प्रश्न उठाते हुए कहा कि मैं झारखंड से आती हूं और झारखंड पूरी तरह से आदिवासी बहुल क्षेत्र है. विगत कई वर्षों से स्थानीय लोग लगातार पलायन कर रहे हैं. अभी हाल ही के दिनों में पश्चिम सिंहभूम जिले के कुछ आदिवासी बच्चियों के साथ तमिलनाडु में बहुत दर्दनाक घटना हुई. क्योंकि वो लोग वहां काम करने गए थे और उनके साथ मारपीट हुई. क्योंकि हम सभी जानते है आदिवासी जो हैं वो पूरी तरह वन पर निर्भर रहते हैं. लोकसभा में गीता कोड़ा ने पूछा कि क्या सरकार के पास ऐसा कोई प्रोग्राम है जिससे भविष्य में वनउपज के माध्यम से रोजगार का सृजन किया जा सके. सांसद गीता कोड़ा द्वारा उठाए गए प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय कौशल विकास और अधमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से सभी लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था स्थिति अभी सामान्य हुई है. सरकार के पास ऐसी योजनाएं है वनउपज के माध्यम से रोजगार का सृजन प्रदान किया जा सके. आगे मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सांसद गीता कोड़ा से मंतव्य मांगा है.