पलामू: बिहार-झारखंड सीमा पर प्रतिबंधित नक्सली संगठन माओवादी और प्रतिबंधित संगठन तृतीय सम्म्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) बैठक करना चाहते हैं. दोनों संगठन आपस में अब समन्वय बनाना चाहते हैं. झारखंड-बिहार और चतरा सीमा पर कुछ महीने पहले टीएसपीसी और माओवादियों के एक होने की खबर सामने आई थी. चार दिन पहले पलामू के मनातू थाना क्षेत्र में टीएसपीसी के कुछ उग्रवादियों और सुरक्षाबलों में मुठभेड़ हुई थी. इससे कुछ किलोमीटर की दूरी पर सोमवार को चतरा के कुंदा के इलाके में माओवादी और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी.
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पलामू के मनातू में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने टीएसपीसी के कैंप को ध्वस्त कर दिया था. इस दौरान पुलिस को कई दस्तावेज मिले थे और मौके पर बड़ी बैठक के होने के सबूत भी मिले हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार मिटार के इलाके में माओवादी और तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी आपस में बैठक करना चाहते थे. इस बैठक में टीएसपीसी के टॉप कमांडर आक्रमण शशिकांत और माओवादियों की तरफ से गौतम पासवान, नवीन यादव और मनोहर गंझु को भाग लेना था, लेकिन सुरक्षाबलों ने अभियान शुरू कर दिया और नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई. इस मुठभेड़ के कारण दोनों नक्सल संगठनों के बीच बैठक नहीं हो पाई.
टीएसपीसी और माओवादी इलाके में बनाना चाहते हैं समन्वय: सुरक्षा एजेंसी के अनुसार टीएसपीसी और माओवादी पलामू के मनातू पिपराटांड़ पांकी तरहसी, चतरा के लावालौंग कुंदा प्रतापपुर और बिहार से सटे हुए इलाके में आपस में समन्वय बनाना चाहते हैं. इसलिए दोनों संगठन आपस में बैठक करना चाहते हैं. टीएसपीसी की तरफ से शशिकांत, जबकि माओवादियों की तरफ से मनोहर गंझु पहल कर रहे हैं. दोनों संगठनों के बीच इलाके में लेवी के बिंदु पर तकरार है. इसी बिंदु पर दोनों संगठन आपस में समझौता करना चाहते हैं.
दोनों संगठनों की लड़ाई में मारे गए है 160 से अधिक लोग: तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का गठन 2005-06 में किया गया था. दोनों संगठनों के आपसी वर्चस्व की लड़ाई में अब तक 160 से भी अधिक लोगों की जान गई है. दोनों के बीच कई बड़ी लड़ाई हुई हैं. जिसमें कई टॉप कमांडर मारे गए हैं. 2011-12 में पलामू-चतरा सीमा पर लकड़बंधा में टीएसपीसी ने माओवादियों के 10 टॉप कमांडर की हत्या कर दी थी, जबकि 25 का अपहरण कर लिया था. 2013 में पलामू के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के कौड़िया में माओवादियों ने टीएसपीसी के 15 कमांडरों की हत्या कर दी थी. दोनों संगठनों के आपसी लड़ाई में कई लोगों की जान गई है. दोनों संगठनों के बीच दर्जनों बार मुठभेड़ भी हुई है.