ETV Bharat / state

प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी और माओवादी आपस में मिलाना चाहते हैं हाथ, सबूत मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े - झारखंड न्यूज

पलामू में माओवादियों पर कार्रवाई के दौरान सुरक्षाबलों को कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं. जिसमें प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी और माओवादी के एक होने की कोशिश के संकेत मिले हैं. सुरक्षाबलों के अनुसार दोनों संगठनों के शीर्ष नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बिहार-झारखंड सीमा पर होने वाली थी. लेकिन सुरक्षाबलों की कार्रवाई के बाद दोनों संगठन शांत हो गए हैं.

TSPC And Maoists Try To Unite
Maoists In Palamu
author img

By

Published : Jan 24, 2023, 7:38 PM IST

पलामू: बिहार-झारखंड सीमा पर प्रतिबंधित नक्सली संगठन माओवादी और प्रतिबंधित संगठन तृतीय सम्म्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) बैठक करना चाहते हैं. दोनों संगठन आपस में अब समन्वय बनाना चाहते हैं. झारखंड-बिहार और चतरा सीमा पर कुछ महीने पहले टीएसपीसी और माओवादियों के एक होने की खबर सामने आई थी. चार दिन पहले पलामू के मनातू थाना क्षेत्र में टीएसपीसी के कुछ उग्रवादियों और सुरक्षाबलों में मुठभेड़ हुई थी. इससे कुछ किलोमीटर की दूरी पर सोमवार को चतरा के कुंदा के इलाके में माओवादी और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी.

ये भी पढे़ं-नक्सली संगठन बच्चों को दस्ते में शामिल करने की कर रहा कोशिश, पुलिस ने बढ़ाई चौकसी

पलामू के मनातू में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने टीएसपीसी के कैंप को ध्वस्त कर दिया था. इस दौरान पुलिस को कई दस्तावेज मिले थे और मौके पर बड़ी बैठक के होने के सबूत भी मिले हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार मिटार के इलाके में माओवादी और तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी आपस में बैठक करना चाहते थे. इस बैठक में टीएसपीसी के टॉप कमांडर आक्रमण शशिकांत और माओवादियों की तरफ से गौतम पासवान, नवीन यादव और मनोहर गंझु को भाग लेना था, लेकिन सुरक्षाबलों ने अभियान शुरू कर दिया और नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई. इस मुठभेड़ के कारण दोनों नक्सल संगठनों के बीच बैठक नहीं हो पाई.

टीएसपीसी और माओवादी इलाके में बनाना चाहते हैं समन्वय: सुरक्षा एजेंसी के अनुसार टीएसपीसी और माओवादी पलामू के मनातू पिपराटांड़ पांकी तरहसी, चतरा के लावालौंग कुंदा प्रतापपुर और बिहार से सटे हुए इलाके में आपस में समन्वय बनाना चाहते हैं. इसलिए दोनों संगठन आपस में बैठक करना चाहते हैं. टीएसपीसी की तरफ से शशिकांत, जबकि माओवादियों की तरफ से मनोहर गंझु पहल कर रहे हैं. दोनों संगठनों के बीच इलाके में लेवी के बिंदु पर तकरार है. इसी बिंदु पर दोनों संगठन आपस में समझौता करना चाहते हैं.

दोनों संगठनों की लड़ाई में मारे गए है 160 से अधिक लोग: तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का गठन 2005-06 में किया गया था. दोनों संगठनों के आपसी वर्चस्व की लड़ाई में अब तक 160 से भी अधिक लोगों की जान गई है. दोनों के बीच कई बड़ी लड़ाई हुई हैं. जिसमें कई टॉप कमांडर मारे गए हैं. 2011-12 में पलामू-चतरा सीमा पर लकड़बंधा में टीएसपीसी ने माओवादियों के 10 टॉप कमांडर की हत्या कर दी थी, जबकि 25 का अपहरण कर लिया था. 2013 में पलामू के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के कौड़िया में माओवादियों ने टीएसपीसी के 15 कमांडरों की हत्या कर दी थी. दोनों संगठनों के आपसी लड़ाई में कई लोगों की जान गई है. दोनों संगठनों के बीच दर्जनों बार मुठभेड़ भी हुई है.

पलामू: बिहार-झारखंड सीमा पर प्रतिबंधित नक्सली संगठन माओवादी और प्रतिबंधित संगठन तृतीय सम्म्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) बैठक करना चाहते हैं. दोनों संगठन आपस में अब समन्वय बनाना चाहते हैं. झारखंड-बिहार और चतरा सीमा पर कुछ महीने पहले टीएसपीसी और माओवादियों के एक होने की खबर सामने आई थी. चार दिन पहले पलामू के मनातू थाना क्षेत्र में टीएसपीसी के कुछ उग्रवादियों और सुरक्षाबलों में मुठभेड़ हुई थी. इससे कुछ किलोमीटर की दूरी पर सोमवार को चतरा के कुंदा के इलाके में माओवादी और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी.

ये भी पढे़ं-नक्सली संगठन बच्चों को दस्ते में शामिल करने की कर रहा कोशिश, पुलिस ने बढ़ाई चौकसी

पलामू के मनातू में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने टीएसपीसी के कैंप को ध्वस्त कर दिया था. इस दौरान पुलिस को कई दस्तावेज मिले थे और मौके पर बड़ी बैठक के होने के सबूत भी मिले हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार मिटार के इलाके में माओवादी और तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी आपस में बैठक करना चाहते थे. इस बैठक में टीएसपीसी के टॉप कमांडर आक्रमण शशिकांत और माओवादियों की तरफ से गौतम पासवान, नवीन यादव और मनोहर गंझु को भाग लेना था, लेकिन सुरक्षाबलों ने अभियान शुरू कर दिया और नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई. इस मुठभेड़ के कारण दोनों नक्सल संगठनों के बीच बैठक नहीं हो पाई.

टीएसपीसी और माओवादी इलाके में बनाना चाहते हैं समन्वय: सुरक्षा एजेंसी के अनुसार टीएसपीसी और माओवादी पलामू के मनातू पिपराटांड़ पांकी तरहसी, चतरा के लावालौंग कुंदा प्रतापपुर और बिहार से सटे हुए इलाके में आपस में समन्वय बनाना चाहते हैं. इसलिए दोनों संगठन आपस में बैठक करना चाहते हैं. टीएसपीसी की तरफ से शशिकांत, जबकि माओवादियों की तरफ से मनोहर गंझु पहल कर रहे हैं. दोनों संगठनों के बीच इलाके में लेवी के बिंदु पर तकरार है. इसी बिंदु पर दोनों संगठन आपस में समझौता करना चाहते हैं.

दोनों संगठनों की लड़ाई में मारे गए है 160 से अधिक लोग: तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का गठन 2005-06 में किया गया था. दोनों संगठनों के आपसी वर्चस्व की लड़ाई में अब तक 160 से भी अधिक लोगों की जान गई है. दोनों के बीच कई बड़ी लड़ाई हुई हैं. जिसमें कई टॉप कमांडर मारे गए हैं. 2011-12 में पलामू-चतरा सीमा पर लकड़बंधा में टीएसपीसी ने माओवादियों के 10 टॉप कमांडर की हत्या कर दी थी, जबकि 25 का अपहरण कर लिया था. 2013 में पलामू के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के कौड़िया में माओवादियों ने टीएसपीसी के 15 कमांडरों की हत्या कर दी थी. दोनों संगठनों के आपसी लड़ाई में कई लोगों की जान गई है. दोनों संगठनों के बीच दर्जनों बार मुठभेड़ भी हुई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.