पलामू: कथित बकोरिया मुठभेड़ को लेकर पांच वर्षों से जवाहर यादव लड़ाई लड़ रहे हैं. जवाहर यादव का बेटा उदय यादव कथित बकोरिया मुठभेड़ में मारा गया था. इसी में उदय यादव का एक रिश्तेदार सह दोस्त नीरज यादव भी मारा गया था. जवाहर यादव लातेहार के मनिका के रहने वाले हैं. मंगलवार को सीबीआई की टीम बकोरिया के भलवही घाटी गई तो जवाहर यादव भी मौके पर गए थे. इस दौरान उन्होंने सीबीआई को कई अहम जानकारी दी.
सीबीआई से है न्याय की उम्मीद
जवाहर यादव ने कहा कि वे शुरू से इस मुठभेड़ को फर्जी बोल रहे हैं, उनका बेटा मुठभेड़ में नहीं मारा गया बल्कि उसकी हत्या की गई है. उन्होंने बताया कि लंबी लड़ाई लड़ने के बाद सीबीआई जांच शुरू हुई है. उन्हें उम्मीद है कि सीबीआआई न्याय करेगी. जवाहर यादव ने कहा कि सीबीआई जांच में भी देरी हो रही. जल्द से जल्द जांच पूरा हो, उन्हें यह उम्मीद है.
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न्याय के लिए लड़ रहे लड़ाई
जवाहर यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि शुरुआत में उन्हें भी मैनेज करने का प्रयास किया गया. दारोगा का नाम लेकर एक व्यक्ति उनके पास आया तंग और मैनेज करने के लिए बोल रहा था. उसे कहा गया था कि दारोगा बेकसूर है, उच्च अधिकारियों के दबाव में उसने हस्ताक्षर किया है. जवाहर यादव ने दावा किया कि बकोरिया घटना पुलिस और जेजेएमपी की मिलीभगत है. पप्पू लोहरा ने इस घटना को अंजाम दिया है, जबकि इसमें पुलिस की साजिश है. पुलिस के आदेश से ही इस तरह की घटना हुई है. जवाहर यादव बताते हैं कि घटना के दिन दो बाइक से लोग पंहुचे थे और उनके बेटे को उठाकर ले गए थे. एक जामुन के पेड़ के नीचे सारी घटना हुई थी. उन्होंने सारी बातें सीबीआई को बताई है.
पीड़ितों को नौकरी और मुआवजा दिया जाए
जवाहर यादव ने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले और साजिश रचने वाले को सजा मिले. उदय यादव के दो बेटे हैं. परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले.