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पलामूः अपर समाहर्ता ने पुरातात्विक गांव कबरा कलां का किया भ्रमण, प्राचीन सामग्री देख हुए आश्चर्यचकित - पलामू में पुरातात्विक महत्व का गांव कबरा कलां

पलामू में जिला अपर समाहर्ता ने पुरातात्विक महत्व के गांव कबरा कलां और मौर्यकालीन नगर का भ्रमण किया. इस दौरान ग्रामीणों ने पंचमार्क्ड सिक्के, टेराकोटा के खिलौने, कलात्मक पत्थर, मनके, चूड़ियां, सिक्के, चिकना प्रस्तर गेंद, उत्तर काली पालिश मृद भांड, धूसर मृद भांड आदि चीजों को दिखाया.

archaeological village kabra kalan in palamu
कबरा कलां का भ्रमण
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Published : Oct 29, 2020, 1:51 PM IST

पलामूः जिला अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह ने हैदरनगर प्रखंड अंतर्गत पुरातात्विक महत्व के गांव कबरा कलां और मौर्यकालीन नगर का भ्रमण किया. इस दौरान हुसैनाबाद के अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण और हैदरनगर के प्रखंड विकास पदाधिकारी राहुल देव भी मौजूद थे. कबरा कलां के ग्रामीणों ने खेत से प्राप्त हजारों वर्ष पुरानी सामग्री दिखाई. अधिकारीगण पुराने अवशेषों को देखकर आश्चर्यचकित रहे. कबरा कलां में नवपाषाण काल से लगातार ब्रिटिश काल के अवशेष मिलते हैं. बीते 2018 वर्ष में रांची भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से यहां उत्खनन कराया गया था.

कबरा कलां धरोहर, बचाएं
अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह ने कहा है कबरा कलां हमारी धरोहर है, जिसे बचाने की जरूरत है. अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण ने ग्रामीणों से पुरातात्विक महत्व की सामग्री को सुरक्षित रखने की अपील की. मौके पर उपस्थित सोन घाटी पुरातत्व परिषद के अध्यक्ष और इतिहासकार अंगद किशोर ने बताया कि दो हजार वर्ष पूर्व कबरा कलां एक व्यापारिक मार्ग पर स्थित था. उस समय कबरा कलां की स्थिति आवागमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण था, जहां से बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में जाना सुलभ था.

इसे भी पढ़ें- 12 DSP का हुआ था तबादला, 6 दिन बाद जारी हुआ मूवमेंट आर्डर

पक्की ईंटों से निर्मित हजारों साल पुराना कुआं
ग्रामीणों की ओर से दिखलाई गई पुरातात्विक सामग्रियों में पंचमार्क्ड सिक्के, टेराकोटा के खिलौने, कलात्मक पत्थर, मनके, चूड़ियां, सिक्के, चिकना प्रस्तर गेंद, उत्तर काली पालिश मृद भांड, धूसर मृदभांड आदि उल्लेखनीय थे. इस मौके पर उपस्थित कबरा कलां निवासी और पंचायत समिति सदस्य रामप्रवेश सिंह ने हजारों वर्ष पुरानी पक्की ईंटों से निर्मित कुआं भी दिखाया.

पलामूः जिला अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह ने हैदरनगर प्रखंड अंतर्गत पुरातात्विक महत्व के गांव कबरा कलां और मौर्यकालीन नगर का भ्रमण किया. इस दौरान हुसैनाबाद के अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण और हैदरनगर के प्रखंड विकास पदाधिकारी राहुल देव भी मौजूद थे. कबरा कलां के ग्रामीणों ने खेत से प्राप्त हजारों वर्ष पुरानी सामग्री दिखाई. अधिकारीगण पुराने अवशेषों को देखकर आश्चर्यचकित रहे. कबरा कलां में नवपाषाण काल से लगातार ब्रिटिश काल के अवशेष मिलते हैं. बीते 2018 वर्ष में रांची भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से यहां उत्खनन कराया गया था.

कबरा कलां धरोहर, बचाएं
अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह ने कहा है कबरा कलां हमारी धरोहर है, जिसे बचाने की जरूरत है. अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण ने ग्रामीणों से पुरातात्विक महत्व की सामग्री को सुरक्षित रखने की अपील की. मौके पर उपस्थित सोन घाटी पुरातत्व परिषद के अध्यक्ष और इतिहासकार अंगद किशोर ने बताया कि दो हजार वर्ष पूर्व कबरा कलां एक व्यापारिक मार्ग पर स्थित था. उस समय कबरा कलां की स्थिति आवागमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण था, जहां से बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में जाना सुलभ था.

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पक्की ईंटों से निर्मित हजारों साल पुराना कुआं
ग्रामीणों की ओर से दिखलाई गई पुरातात्विक सामग्रियों में पंचमार्क्ड सिक्के, टेराकोटा के खिलौने, कलात्मक पत्थर, मनके, चूड़ियां, सिक्के, चिकना प्रस्तर गेंद, उत्तर काली पालिश मृद भांड, धूसर मृदभांड आदि उल्लेखनीय थे. इस मौके पर उपस्थित कबरा कलां निवासी और पंचायत समिति सदस्य रामप्रवेश सिंह ने हजारों वर्ष पुरानी पक्की ईंटों से निर्मित कुआं भी दिखाया.

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