पलामूः छठ के खरना के दिन पलामू में बड़ा हादसा हो गया. पलामू के नावाबाजार थाना क्षेत्र के राजहरा में कोयल नदी में छह बच्चे डूब गए. इनमें से चार को ग्रामीणों ने किसी तरह रेस्क्यू कर लिया, जबकि एक बच्चे की मौत हो गई. वहीं एक बच्चा लापता हो गया. सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई.
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सूचना पर पहुंचे नावाबाजार थाना के प्रभारी लालजी यादव ने बताया कि लापता बच्चे को रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि छठ घाट पर छह बच्चे नहाने के लिए गए थे. इसी दौरान सभी डूबने लगे. बच्चों के शोर मचाने के बाद ग्रामीण जमा हुए और सभी को बचाने का प्रयास किया. ग्रामीणों ने इनमें से चार बच्चों को बचा भी लिया जबकि एक बच्चे का पता नहीं लगा, जबकि एक की मौत हो चुकी है.
लापता बच्चे की तलाश जारी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सभी बच्चे राजहरा के दुसियानी टोला के रहने वाले हैं. मृतक शशि कुमार और लापता साजन कुमार राजहरा के राजू भुइयां के बेटे हैं. घटना के बाद पूरे गांव में मातम है और छठ की खुशियां मातम में बदल गईं हैं. इधर समाचार लिखे जाने तक पुलिस और ग्रामीण लापता बच्चे को खोजने का प्रयास कर रहे थे. जबकि रेस्क्यू किए गए चार बच्चों को इलाज के लिए MMCH भेज दिया गया है. वहीं मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
गिरिडीह में भी हादसा
खरना के दिन थोड़ी से लापरवाही ने पलामू में ही नहीं गिरिडीह में भी कहर बरपाया. गिरिडीह में भी नहाने गए बच्चे डूब गए थे, यहां तो चार बच्चों की मौत हो गई. छठ घाट पर बच्चों पर नजर रखी जाती तो शायद ऐसा हादसा नहीं होता. वहीं सुरक्षा के लिए प्रशासन गोताखोर की नियुक्ति किए रहता तो समय रहते इन्हें बचाया जा सकता था.
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
बता दें कि छठ पूजा 2021 के लिए घाट तैयार करने के दावे तो किए जा रहे हैं. लेकिन इसमें सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई है. न ही तो नदी तालाबों के छठ घाटों पर लोगों को गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए रस्सी बांधी गई है और न ही घाटों पर गोताखोर की व्यवस्था की गई है, जिससे कोई दुर्घटना होने पर तत्काल राहत कार्य शुरू किया जा सके.