ETV Bharat / state

पाकुड़ः जिले की पुलिस नहीं सुन रही फरियाद, लोगों को ट्वीट कर सीएम-डीजीपी से लगानी पड़ रही गुहार

पाकुड़ जिले की पुलिस लोगों की फरियाद नहीं सुन रही है. नतीजतन लोगों को ट्वीट कर सीएम डीजीपी से गुहार लगानी पड़ रही है. इसी कड़ी में दो महीने से परेशान पाकुड़ की एक महिला को स्थानीय स्तर पर न्याय नहीं मिला तो उसने राज्य के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक को ट्वीट कर न्याय की गुहार लगाई. इस पर सीएम हेमंत सोरेन ने त्वरित संज्ञान लिया.

woman pleads for justice by tweet CM and DGP in Pakur, news of pakur police, crime news of pakur, पाकुड़ में महिला ने सीएम और डीजीपी को ट्वीट कर लगाई न्याय की गुहार, पाकुड़ पुलिस की खबरें, पाकुड़ में अपराध की खबरें
अमड़ापाड़ा थाना पाकुड़
author img

By

Published : Aug 21, 2020, 9:31 PM IST

पाकुड़: जिले में पुलिस के कामकाज पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. यही वजह है कि त्वरित न्याय की आस लगाए लोगों को अब सीधे राज्य के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक को ट्विटर पर फरियाद करनी पड़ रही है. अब दो माह से न्याय के लिए भटक रही पाकुड़ की एक महिला ने सीएम और डीजीपी को ट्वीट कर इंसाफ की गुहार लगाई है.

पीड़ित ने सीएम और डीजीपी को किया ट्वीट

ऐसा ही एक मामला पाकुड़ जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले की चर्चा इस लिए नहीं हो रही कि पीड़ित के सीएम और डीजीपी को किए गए ट्वीट पर एफआईआर दर्ज हो गई, बल्कि इसलिए चर्चा हो रही है कि दो महीने तक शिकायत पर अमड़ापाड़ा और जिला मुख्यालय तक के अधिकारी मौन साधे थे, अब उन्हें कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा. वहीं लेटलतीफी में शामिल पुलिस निरीक्षक सह अमड़ापाड़ा थाना प्रभारी को शोकाॅज नोटिस जारी किया गया.

ये भी पढ़ें- पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़, पहाड़ी चीता गिरोह का एक अपराधी ढेर, 3 घायल

पुलिस ने नहीं उठाया कोई कदम
बता दें कि अमड़पाड़ा थाना क्षेत्र की ही एक महिला ने अपने पति के खिलाफ शिकायत की थी और थाना कांड संख्या 19/20 दर्ज किया गया था. दर्ज इसी मामले को रफादफा और सुलह समझौता करने के लिए आदिवासी महिला पर अमड़ापाड़ा प्रखंड मुख्यालय के ही कार्तिक रजक सहित तीन लोग दबाव बना रहे थे. साथ ही ऐसा नहीं करने पर अंजाम भुगतने तक की धमकी दी गई थी. आदिवासी महिला ने दो महीने पूर्व 15 जून को अपने साथ हो रहे अत्याचार को लेकर एसपी पाकुड़ को लिखित शिकायत दी और न्याय की गुहार लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन पुलिस ने इस पीड़ित की शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाया.

ये भी पढ़ें- SPECIAL: बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहा शिक्षा विभाग, घर-घर पहुंचाई जा रही किताबें

पुलिस हर बिंदु पर जांच करेगी

इसी दो महीने के दौरान आदिवासी इस पीड़ित को कार्तिक रजक सहित तीन लोगों ने परेशान किया. आखिर में थक हारकर इस महिला ने राज्य के मुख्यमंत्री और डीजीपी को ट्विटर पर अपनी आपबीती बताते हुए कार्रवाई करने की मांग की. जिस पर पुलिस महानिदेशक एमवी राव ने रिट्विट करते हुए एसपी पाकुड़ को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

इस पर अमड़ापाड़ा थाने में पीड़ित की लिखित शिकायत पर कांड संख्या 40/20 भादवी की धारा 354ए, 500, 506, 509/34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई. पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर दो महीने बाद ही सही प्राथमिकी तो दर्ज कर ली है. अमड़ापाड़ा थाने में कांड संख्या 40/20 दर्ज किए जाने की जानकारी देते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शशि प्रकाश ने बताया कि एफआईआर दर्ज हो गई है और पुलिस हर बिंदु पर जांच करेगी.

पाकुड़: जिले में पुलिस के कामकाज पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. यही वजह है कि त्वरित न्याय की आस लगाए लोगों को अब सीधे राज्य के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक को ट्विटर पर फरियाद करनी पड़ रही है. अब दो माह से न्याय के लिए भटक रही पाकुड़ की एक महिला ने सीएम और डीजीपी को ट्वीट कर इंसाफ की गुहार लगाई है.

पीड़ित ने सीएम और डीजीपी को किया ट्वीट

ऐसा ही एक मामला पाकुड़ जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले की चर्चा इस लिए नहीं हो रही कि पीड़ित के सीएम और डीजीपी को किए गए ट्वीट पर एफआईआर दर्ज हो गई, बल्कि इसलिए चर्चा हो रही है कि दो महीने तक शिकायत पर अमड़ापाड़ा और जिला मुख्यालय तक के अधिकारी मौन साधे थे, अब उन्हें कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा. वहीं लेटलतीफी में शामिल पुलिस निरीक्षक सह अमड़ापाड़ा थाना प्रभारी को शोकाॅज नोटिस जारी किया गया.

ये भी पढ़ें- पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़, पहाड़ी चीता गिरोह का एक अपराधी ढेर, 3 घायल

पुलिस ने नहीं उठाया कोई कदम
बता दें कि अमड़पाड़ा थाना क्षेत्र की ही एक महिला ने अपने पति के खिलाफ शिकायत की थी और थाना कांड संख्या 19/20 दर्ज किया गया था. दर्ज इसी मामले को रफादफा और सुलह समझौता करने के लिए आदिवासी महिला पर अमड़ापाड़ा प्रखंड मुख्यालय के ही कार्तिक रजक सहित तीन लोग दबाव बना रहे थे. साथ ही ऐसा नहीं करने पर अंजाम भुगतने तक की धमकी दी गई थी. आदिवासी महिला ने दो महीने पूर्व 15 जून को अपने साथ हो रहे अत्याचार को लेकर एसपी पाकुड़ को लिखित शिकायत दी और न्याय की गुहार लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन पुलिस ने इस पीड़ित की शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाया.

ये भी पढ़ें- SPECIAL: बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहा शिक्षा विभाग, घर-घर पहुंचाई जा रही किताबें

पुलिस हर बिंदु पर जांच करेगी

इसी दो महीने के दौरान आदिवासी इस पीड़ित को कार्तिक रजक सहित तीन लोगों ने परेशान किया. आखिर में थक हारकर इस महिला ने राज्य के मुख्यमंत्री और डीजीपी को ट्विटर पर अपनी आपबीती बताते हुए कार्रवाई करने की मांग की. जिस पर पुलिस महानिदेशक एमवी राव ने रिट्विट करते हुए एसपी पाकुड़ को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

इस पर अमड़ापाड़ा थाने में पीड़ित की लिखित शिकायत पर कांड संख्या 40/20 भादवी की धारा 354ए, 500, 506, 509/34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई. पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर दो महीने बाद ही सही प्राथमिकी तो दर्ज कर ली है. अमड़ापाड़ा थाने में कांड संख्या 40/20 दर्ज किए जाने की जानकारी देते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शशि प्रकाश ने बताया कि एफआईआर दर्ज हो गई है और पुलिस हर बिंदु पर जांच करेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.