पाकुड़: पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को झारखंड सरकार ने फॉरेस्ट क्लीयरेंस दे दिया है. फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने से पचूवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक के दस गांव में कोयला का उत्खनन का रास्ता क्लीयर हो गया है. उक्त जानकारी डब्ल्यूबीपीडीसीएल के जीएम रामाशीष चटर्जी एवं बीजीआर के वाइस प्रेसिडेंट अनिल रेड्डी ने संयुक्त पत्रकार सम्मेलन कर के दी.
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पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जीएम ने बताया कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण कोल कंपनी द्वारा सिर्फ रैयती जमीन पर ही कोयले का उत्खनन किया जा रहा था. जिस कारण सालाना लक्ष्य के विरुद्ध 15 मिलियन टन कोयले का उत्खनन किया जा रहा था, लेकिन क्लीयरेंस मिलने से अब 22.5 मिलियन टन कोयले का उत्खनन किया जाएगा. जीएम रामाशीष चटर्जी ने बताया कि अमड़ापाड़ा प्रखंड के पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक एरिया के विशनपुर, चिलगो, सिंहदेहरी, धमनीचुआ, सकलमा, चिरुडीह, डांगापाड़ा, लिट्टीपाड़ा, बड़ा बांधकोई एवं पचूवाड़ा के वन क्षेत्र से कोयला का उत्खनन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन गांवों के ग्रामीणों को आरएनआर पॉलिसी के तहत सभी सुविधाएं मुहैया करायी जाएगी और उसके बाद उत्खनन का कार्य शुरू किया जाएगा. जीएम ने फॉरेस्ट क्लीयरेंस दिए जाने को लेकर शासन प्रशासन का आभार व्यक्त किया.
वहीं बीजीआर के वाइस प्रेसिडेंट अनिल रेड्डी ने बताया कि अगले 25 वर्षों तक कोयला उत्खनन का लक्ष्य रखा गया है. हम सभी यह प्रयास करेंगे कि लक्ष्य के अनुसार कोयला का उत्खनन कर पावर प्रोजेक्ट तक कोयला समय पर पहुंचाए, ताकि बिजली व्यवस्था को और दुरुस्त कर देश को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभा सके.