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बारिश का कहर: नदियों के बढ़ते जलस्तर ने बढ़ाई परेशानी, किसानों को सताने लगी खेती की चिंता - पाकुड़ नदियां

पाकुड़ में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. खासकर तोराई और गुमानी नदी का पानी सदर प्रखंड के कई गांवों में घुस जाता है. हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण नदियों का पानी घुस जाने से किसान काफी चिंतित हैं कि आगे खेती कैसे होगी.

villagers upset due to continuous rain in pakur
पाकुड़ में नदियों के बढ़ते जलस्तर ने लोगों की बढ़ाई परेशानी
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Published : Jun 22, 2021, 3:15 PM IST

पाकुड़: जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण इन दिनों सभी नदियां उफान पर हैं. इन नदियों का पानी पाकुड़ सदर प्रखंड के निचले इलाके में घुस जाने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिससे यहां के किसान काफी चिंतित हैं. लगातार एक सप्ताह तक हुई बारिश के कारण जिले के बांसलोई नदी, पगला नदी और तोराई नदी का पानी उफान पर है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- 1 से 30 जुलाई तक JPCC चलाएगी झारखंड में राष्ट्रव्यापी आउटरीच सर्वे अभियान, कोविड से प्रभावित परिवारों के लिए है खास

इन इलाकों के लोगों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी

खासकर तोराई और गुमानी नदी का पानी सदर प्रखंड के इलामी, गंधाईपुर, झिकरहट्टी, काबिलपुर, संग्रामपुर, रामचंद्रपुर, गुलदाहा, तारानगर, कुसमानगर, इशाकपुर, हरीगंज, नवादा, सीतापहाड़ी, फरसा, रनडांगा, इस्लामपुर और लखीनारायणपुर गांव में घुस जाता है. हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण नदियों का पानी घुस जाने से किसान काफी चिंतित हैं कि आगे खेती कैसे होगी. यदि बारिश इसी तरह होती रही तो ग्रामीण इलाके के लोगों का संपर्क एक-दूसरे गांव से टूट जाएगा.

क्या बोले डीसी कुलदीप चौधरी

इन इलाकों की स्थिति का जायजा लेने डीसी कुलदीप चौधरी और एसपी मणिलाल मंडल अधिकारियों के साथ पहुंचे. डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि कुछ इलाकों में भ्रमण किया गया है और जिन इलाकों में पानी घुसा है वहां अधिकारियों को सर्वे कर रिपोर्ट सौपने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि ये पता चल पाए कि कितना नुकसान हुआ है और प्रभावित लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके. डीसी ने ये भी कहा कि जुलाई में भी बारिश की संभावना है और इन्ही संभावनाओं को देखते हुए आपदा से निपटने के लिए तैयारी की जा रही है. ताकि किसी भी ग्रामीण को दिक्कत न हो.

हर साल यही हाल

बता दें कि हर साल अधिक बारिश के कारण नदियां उफान पर रहती है और फरक्का गंगा में जलस्तर बढ़ जाने से पानी का प्रेशर ज्यादा हो जाता है और ग्रामीण इलाका पूरी तरह जलमग्न हो जाता है. कई गांवों का दूसरे गांव से संपर्क टूट जाता है कई घरों में भी पानी घुस जाता है. यहां के किसानों का फसल तो नष्ट होता ही है साथ ही साथ ग्रामीण को रहने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

पाकुड़: जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण इन दिनों सभी नदियां उफान पर हैं. इन नदियों का पानी पाकुड़ सदर प्रखंड के निचले इलाके में घुस जाने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिससे यहां के किसान काफी चिंतित हैं. लगातार एक सप्ताह तक हुई बारिश के कारण जिले के बांसलोई नदी, पगला नदी और तोराई नदी का पानी उफान पर है.

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इन इलाकों के लोगों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी

खासकर तोराई और गुमानी नदी का पानी सदर प्रखंड के इलामी, गंधाईपुर, झिकरहट्टी, काबिलपुर, संग्रामपुर, रामचंद्रपुर, गुलदाहा, तारानगर, कुसमानगर, इशाकपुर, हरीगंज, नवादा, सीतापहाड़ी, फरसा, रनडांगा, इस्लामपुर और लखीनारायणपुर गांव में घुस जाता है. हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण नदियों का पानी घुस जाने से किसान काफी चिंतित हैं कि आगे खेती कैसे होगी. यदि बारिश इसी तरह होती रही तो ग्रामीण इलाके के लोगों का संपर्क एक-दूसरे गांव से टूट जाएगा.

क्या बोले डीसी कुलदीप चौधरी

इन इलाकों की स्थिति का जायजा लेने डीसी कुलदीप चौधरी और एसपी मणिलाल मंडल अधिकारियों के साथ पहुंचे. डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि कुछ इलाकों में भ्रमण किया गया है और जिन इलाकों में पानी घुसा है वहां अधिकारियों को सर्वे कर रिपोर्ट सौपने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि ये पता चल पाए कि कितना नुकसान हुआ है और प्रभावित लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके. डीसी ने ये भी कहा कि जुलाई में भी बारिश की संभावना है और इन्ही संभावनाओं को देखते हुए आपदा से निपटने के लिए तैयारी की जा रही है. ताकि किसी भी ग्रामीण को दिक्कत न हो.

हर साल यही हाल

बता दें कि हर साल अधिक बारिश के कारण नदियां उफान पर रहती है और फरक्का गंगा में जलस्तर बढ़ जाने से पानी का प्रेशर ज्यादा हो जाता है और ग्रामीण इलाका पूरी तरह जलमग्न हो जाता है. कई गांवों का दूसरे गांव से संपर्क टूट जाता है कई घरों में भी पानी घुस जाता है. यहां के किसानों का फसल तो नष्ट होता ही है साथ ही साथ ग्रामीण को रहने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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