पाकुड़: बाल विवाह और लैंगिक भेदभाव पर रोक लगाये जाने को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. संस्था रेस्टलेस्ट डेवलपमेंट द्वारा आयोजित कार्यशाला का उदघाटन बतौर मुख्य अतिथि जिला परिषद उपाध्यक्ष अशोक कुमार भगत ने किया.
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आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन तेजस्विनी परियोजना, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बतौर प्रतिभागी हिस्सा लिया. कार्यशाला में स्कूली बच्चों के अलावे शिक्षक और अभिभावक भी मौजूद रहे. संस्था की स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर हर्षिता थापा ने बाल विवाह और लैंगिक भेदभाव की रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यों पर न केवल प्रकाश डाला, बल्कि अभिभावकों और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा किये जाने वाले सहयोग पर भी चर्चा की. आयोजित कार्यशाला में बाल विवाह की रोकथाम को लेकर अपनाये जाने वाले उपायों के साथ ही लैंगिक भेदभाव को खत्म करने के लिए जागरुकता अभियान चलाने पर बल दिया गया. कार्यशाला में संस्था द्वारा यह भी बताया गया कि हिरणपुर प्रखंड के पांच पंचायतों में बाल विवाह और लैंगिक भेदभाव की रोकथाम को लेकर कार्य किये जा रहे हैं.
बाल विवाह और लैंगिक भेदभाव है कानूनन अपराध: अपने संबोधन में जिला परिषद उपाध्यक्ष अशोक कुमार भगत ने कहा कि बाल विवाह और लैंगिक भेदभाव कानूनन अपराध है और इस पर रोक तभी लगेगी, जब लोग जागरूक होंगे और अपनी जिम्मदारियों को सही तरीके से निभाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार और कानून के भरोसे हम बाल विवाह और लैंगिक भेदभाव पर रोक नहीं लगा सकते. इसके लिए सबसे बड़ी जरूरत खुद को जागरूक करने के साथ-साथ अभिभावकों और समाज के लोगों को अपनी जिम्मेवारियों को सही तरीके से निभाना होगा. मौके पर बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष शंभुनंदन यादव, बाल संरक्षण समिति के जिला समन्वयक व्यास ठाकुर, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. चंदन, रेस्टलेस्ट डेवलपमेंट संस्था के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी हर्षिता थापा ने भी अपना विचार रखा.