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पाकुड़: ट्रांसपोर्टर्स ने किया BGR कंपनी का विरोध, कहा- नहीं अपनानी चाहिए दोहरी नीति

पाकुड़ के पचुवाड़ा नॉर्थ कॉल ब्लॉक में कोयले का उत्खनन और उसका परिवहन करनेवाली बीजीआर कंपनी का विरोध किया है. उनका आरोप है कि बैठक में पूर्व में लिए गए फैसले से हटकर चुपचाप कुछ ट्रांसपोर्टरों की बैठक कर कमिटी बना ली गई है.

Transporters protest
बैठक करते ट्रांसपोर्टस
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Published : Dec 2, 2019, 9:28 AM IST

पाकुड़: जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के पचुवाड़ा नॉर्थ कॉल ब्लॉक में ट्रांसपोर्टर्स ने विरोध किया. अभी व्यापक स्तर पर कोयले का उत्खनन और उसका परिवहन कर पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन को आपूर्ति हुआ भी नहीं है कि उत्खनन और परिवहन का काम करने वाली बीजीआर कंपनी का विरोध होना शुरू हो गया है. परिवहन में शामिल ट्रांसपोर्टर ही विरोध करने लगे हैं.

देखें पूरी खबर

कमिटी का विरोध
जिला मुख्यालय के गोकुलपुर आम बगीचा में बीजीआर के अधीन कोयला परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टरों की बैठक हुई. बैठक में पूर्व में लिए गए फैसले से हटकर चुपचाप कुछ ट्रांसपोर्टरों की बैठक कर कमिटी बना लिए जाने का विरोध किया गया. बैठक में मौजूद ट्रांसपोर्टरों ने एक स्वर में कहा कि बीजीआर कंपनी को दोहरी नीति नहीं अपनानी चाहिए. यदि ऐसा होता रहा तो न केवल कोयला परिवहन का विरोध होगा बल्कि परिवहन कार्य भी ठप किया जाएगा. इस बैठक में अधिकांश ट्रांसपोर्टरों ने हाल में ही 25 सदस्य ट्रांसपोर्टरों की कमिटी के गठन में बीजीआर पर जोड़तोड़ की राजनीति करने का आरोप लगाया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: 3 दिसंबर को जमशेदपुर आएंगे PM नरेंद्र मोदी, जिला प्रशासन ने पूरी की तैयारी

बीजीआर कंपनी पर कई आरोप
ट्रांसपोर्टरों ने यह भी बताया कि गुपचुप तरीके से गठित ट्रांसपोर्टरों की कमेटी में अपने लोगों को शामिल कर लिया है. बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं मंटू भगत और उमाकांत प्रसाद ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों की कमेटी में ट्रांसपोर्टर के साथ-साथ रैयत और कोल उत्खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगों को भी शामिल करना होगा. ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर तुरंत मामले का निष्पादन हो और कोयले का परिवहन निर्वाह हो सके.

पाकुड़: जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के पचुवाड़ा नॉर्थ कॉल ब्लॉक में ट्रांसपोर्टर्स ने विरोध किया. अभी व्यापक स्तर पर कोयले का उत्खनन और उसका परिवहन कर पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन को आपूर्ति हुआ भी नहीं है कि उत्खनन और परिवहन का काम करने वाली बीजीआर कंपनी का विरोध होना शुरू हो गया है. परिवहन में शामिल ट्रांसपोर्टर ही विरोध करने लगे हैं.

देखें पूरी खबर

कमिटी का विरोध
जिला मुख्यालय के गोकुलपुर आम बगीचा में बीजीआर के अधीन कोयला परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टरों की बैठक हुई. बैठक में पूर्व में लिए गए फैसले से हटकर चुपचाप कुछ ट्रांसपोर्टरों की बैठक कर कमिटी बना लिए जाने का विरोध किया गया. बैठक में मौजूद ट्रांसपोर्टरों ने एक स्वर में कहा कि बीजीआर कंपनी को दोहरी नीति नहीं अपनानी चाहिए. यदि ऐसा होता रहा तो न केवल कोयला परिवहन का विरोध होगा बल्कि परिवहन कार्य भी ठप किया जाएगा. इस बैठक में अधिकांश ट्रांसपोर्टरों ने हाल में ही 25 सदस्य ट्रांसपोर्टरों की कमिटी के गठन में बीजीआर पर जोड़तोड़ की राजनीति करने का आरोप लगाया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: 3 दिसंबर को जमशेदपुर आएंगे PM नरेंद्र मोदी, जिला प्रशासन ने पूरी की तैयारी

बीजीआर कंपनी पर कई आरोप
ट्रांसपोर्टरों ने यह भी बताया कि गुपचुप तरीके से गठित ट्रांसपोर्टरों की कमेटी में अपने लोगों को शामिल कर लिया है. बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं मंटू भगत और उमाकांत प्रसाद ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों की कमेटी में ट्रांसपोर्टर के साथ-साथ रैयत और कोल उत्खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगों को भी शामिल करना होगा. ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर तुरंत मामले का निष्पादन हो और कोयले का परिवहन निर्वाह हो सके.

Intro:बाइट : उमाकांत प्रसाद, ट्रांसपोर्टर
बाइट : मंटू भगत, ट्रांसपोर्टर

पाकुड़ : जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के पचुवाड़ा नॉर्थ कॉल ब्लॉक में अभी व्यापक स्तर पर कोयले का उत्खनन एवं उसका परिवहन कर पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन को आपूर्ति हुआ भी नहीं है कि उत्खनन व परिवहन का काम करने वाली बीजीआर कंपनी का विरोध होना शुरू हो गया है। विरोध कोई और नहीं बल्कि कोयला परिवहन में शामिल ट्रांसपोर्टर ही करने लगे हैं।


Body:आज जिला मुख्यालय के गोकुलपुर आम बगीचा में बीजीआर के अधीन कोयला परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टरों की बैठक हुई। बैठक में पूर्व में लिए गए फैसले से हटकर चुपचाप कुछ ट्रांसपोर्टरों की बैठक कर कमिटी बना लिए जाने का विरोध किया गया। बैठक में मौजूद ट्रांसपोर्टरों ने एक स्वर में कहा कि बीजीआर कंपनी को दोहरा नीति नहीं अपनानी चाहिए। यदि ऐसा होता रहा तो न केवल कोयला परिवहन का विरोध होगा बल्कि परिवहन कार्य भी ठप किया जाएगा। बैठक में अधिकांश ट्रांसपोर्टरों ने हाल में ही 25 सदस्य ट्रांसपोर्टरों की कमिटी के गठन में बीजीआर पर जोड़तोड़ की राजनीति करने का आरोप लगाया है। ट्रांसपोर्टरों ने यह भी बताया कि गुपचुप तरीके से गठित ट्रांसपोर्टरों की कमेटी में अपने लोगों को शामिल कर लिया है।


Conclusion:बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं मंटू भगत एवं उमाकांत प्रसाद ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों की कमेटी में ट्रांसपोर्टर के साथ-साथ रैयत और कोल उत्खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगों को भी शामिल करना होगा। ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना घटने पर तुरंत मामले का निष्पादन हो और कोयले का परिवहन निर्वाह हो सके।
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