पाकुड़: झारखंड राज्य के पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के कद्दावर विधायक का पैतृक पंचायत तालपहाड़ी में रहने वाले लोग आज भी विकास के लिए तरस रहे है. तालपहाड़ी पंचायत के ही जेएमएम विधायक साइमन मरांडी और उनका परिवार बरसों से सांसद और विधायक बने रहे हैं.
झारखंड विधानसभा चुनाव में 65 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सत्ता पक्ष किए गए विकास के जरिए वोट बटोरने में तो विपक्ष प्रदेश का विकास नहीं किए जाने के मुद्दे को लेकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में जुटा हुआ है. सत्ता पक्ष विपक्ष के बीच खासकर विकास के मामले को लेकर एक दूसरे पर दावे प्रतिदावे किए जाने की होड़ मची है, लेकिन सत्ता हो या विपक्ष विकास के मामले में कितना गंभीर और वचनबद्ध है इसकी पोल पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र का एक पंचायत खोल रहा है. वह है राज्य की प्रमुख विपक्षी दल जेएमएम के विधायक साइमन मरांडी का पैतृक पंचायत तालपहाड़ी.
नहीं हुआ है विकास
विधायक साइमन मरांडी के पैतृक पंचायत तालपहाड़ी में रह रहे लोग आज भी विकास के लिए तरस रहे हैं. यहां सैकड़ों वृद्ध महिला, पुरुषों को वृद्धा पेंशन नहीं मिला तो टाली और कच्चे मकान में रह रहे दर्जनों ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला है. इस पंचायत की कई ऐसे सड़के है जिस पर वाहन तो दूर ग्रामीण का पैदल चलना भी मुश्किल है. विधायक के पैतृक पंचायत में लाखों रुपए से बनने वाला अधूरा अस्पताल लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है. इस पंचायत में एक फसलीय में धान की खेती होती है क्योंकि अब तक सिंचाई की सुविधा बहाल नहीं की गई. खेती के बाद गांव के मजदूर रोजगार के लिए हर साल पलायन करते हैं.
ये भी देखें- एक साल से नहीं मिला वेतन, भिक्षाटन करने को मजबूर रांची विश्वविद्यालय के शिक्षक
सुर्खियों में है तालपहाड़ी पंचायत
गांव के लोग अपने पंचायत की बदहाली और खुद के साथ किए गए अन्याय को लेकर केवल स्थानीय विधायक बल्कि सरकार की नीतियों को भी कोस रहे हैं. लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र का तालपहाड़ी पंचायत इन दिनों सुर्खियों में है क्योंकि इसी पंचायत के बीजेपी के प्रत्याशी दानियल किस्कू और जेएमएम के स्थानीय विधायक पुत्र दिनेश विलियम मरांडी के साथ एक निर्दलीय प्रत्याशी मार्क बास्की रहने वाले हैं.
मार्क बास्की का तो कहना है कि जब तालपहाड़ी पंचायत का ही विकास जेएमएम विधायक नहीं कर पाए तो पूरे क्षेत्र का क्या कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने लिट्टीपाड़ा को गोद लिया है पर विकास के मामले में कुछ नहीं किया. यदि कुछ किया होता तो ताल पहाड़ी पंचायत के लोग बदहाली की जिंदगी नहीं जीते.