पाकुड़: राज्य में जैसे-जैसे कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. शासन प्रशासन सहित आम लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी यदि किसी को हो रही है तो वो हैं रोज कमाने खाने वाले लोग. वैसे लोग जो रिक्शा, ऑटो, ठेला चालक, फास्टफूड, लस्सी, पानीपूरी, अंडा दुकानदारों के अलावा फुटपात पर दुकान लगाकर चलाते हैं.
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छोटे-छोटे दुकानदार परेशान
मंगलवार को जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा मुख्यमंत्री ने की तो खासकर इन छोटे-छोटे दुकानदारों की दिल की धड़कने तेज हो गई. दुकानदारों ने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी और उसके बाद महीनों लॉकडाउन लगा दिया था. पिछले साल लॉकडाउन के दौरान कुछ लोगों को 500 रुपये खाते में आए थे. लेकिन इस महंगाई के समय में 500 रुपये से परिवार कैसे चला पाएंगे. दुकानदारों ने बताया कि जैसे ही अनलॉक की घोषणा हुई तो उम्मीद जगी की अब हमें परेशानी नहीं झेलनी होगी और बाजार से उधारी में सामान खरीदकर फिर से दुकानदारी शुरू की. लेकिन इस कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश लोग बाजार में खासकर चाय नास्ता की दुकान कम आने लगे और स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. जैसे-तैसे दुकानें चल रही थी कि अब फिर से लॉकडाउन की घोषणा हो गई. अब चिंता इस बात की है कि कब तक लॉकडाउन रहेगा और हम जैसे रोज कमाने खाने वाले का अब क्या होगा.
ऑटो चालकों की गुहार
कुछ ऑटो चालकों ने कहा कि बीते साल लॉकडाउन में ट्रेनें बंद हो गयी थी. जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस बार ट्रेन अबतक बंद नहीं हुई है और प्रशासन यात्रियों को पहुंचाने से न रोके ताकि हमारा परिवार किसी तरह गुजारा कर सके.
छोटे-छोटे दुकानदारों पर सरकार दे ध्यान
चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव संजीव किमर खत्री ने बताया कि लॉकडाउन के कारण छोटे दुकानदार ही नहीं बल्कि बड़े कारोबारी को काफी नुकसान हुआ है, जो अबतक उबर नहीं पाया है. लेकिन अब ज्यादा परेशानी जो रोज कमाई कर अपना परिवार चलाने वाले को हुई है. उन्होंने बताया कि सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन लगाया है और जरूरी भी है. लेकिन वैसे छोटे-छोटे दुकानदारों पर ध्यान रखते हुए आगे कदम उठाया जाए.