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पाकुड़ः नदियों से बालू के उठाव को सशर्त मिली मंजूरी, जिले से बाहर ले जाने पर रहेगी पाबंदी

पाकुड़ में लॉकडाउन-4 में रियायत देने की चर्चा के बीच मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने पर कार्य शुरू हो गया है. बीते कई माह से बंद पड़े बालू उठाव और इसका परिवहन चालू करने का निर्णय जिला टास्क फोर्स की बैठक में लिया है. बालू का उठाव के बाद उसका परिवहन सिर्फ और सिर्फ जिले के अंदर ही होगा.

बालू के उठाव को सशर्त मिली मंजूरी
बालू के उठाव को सशर्त मिली मंजूरी
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Published : May 16, 2020, 12:22 PM IST

पाकुड़: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा लॉकडाउन-4 को एक विशेष तरह का लॉकडाउन बनाये जाने की घोषणा की है. इसके बाद जिला प्रशासन ने मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने को ध्यान में रखकर कई तरह की कार्य योजना पर काम करना शुरू कर दिया है.

इसी कड़ी में जिला प्रशासन ने बीते कई माह से बंद पड़े बालू उठाव और इसका परिवहन चालू करने का निर्णय जिला टास्क फोर्स की बैठक में लिया है. शर्त यह तय की गयी है कि जिले के बांसलोई नदी से बालू का उठाव के बाद उसका परिवहन सिर्फ और सिर्फ जिले के अंदर ही होगा.

ऐसा इसलिए किया गया है ताकि उठाव किये गये बालू को जिले के विकास कार्यो के अलावा निजी तौर पर बनाये जाने वाले आवास आदि में इसका उपयोग हो सके, न कि दूसरे राज्यो में इसका अवैध कारोबार.

यह भी पढ़ेंः रांचीः बाजार में सब्जी लगाने को लेकर दो पक्षों में मारपीट, मौके पर पहुंची पुलिस

डीसी कुलदीप चैधरी जिला टास्क फोर्स की हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बालू का परिवहन दूसरे राज्य में किसी हाल में नहीं होना चाहिए. डीसी ने बैठक में मौजूद खनन एवं पुलिस अधिकारियों को लॉकडाउन को ध्यान में रखकर बनाये गये चेकपोस्ट पर इसकी निगरानी के साथ यह भी ध्यान रखने का निर्देश दिया है कि जिले का बालू दूसरे राज्य में नहीं जाना चाहिए.

बता दें कि पाकुड़ जिले से बालू का अवैध परिवहन वर्षो से निकटवर्ती पश्चिम बंगाल के माफिया द्वारा किया जाता रहा है. प्रशासन को यह अंदेशा है कि दी गयी विशेष छूट का कहीं बालू माफिया फायदा न उठा लें और प्रशासन की मंशा जो मजदूरो को विकास कार्यो को चालू कर रोजगार देने की है, उस पर कहीं पानी न फिर जाए.

पाकुड़: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा लॉकडाउन-4 को एक विशेष तरह का लॉकडाउन बनाये जाने की घोषणा की है. इसके बाद जिला प्रशासन ने मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने को ध्यान में रखकर कई तरह की कार्य योजना पर काम करना शुरू कर दिया है.

इसी कड़ी में जिला प्रशासन ने बीते कई माह से बंद पड़े बालू उठाव और इसका परिवहन चालू करने का निर्णय जिला टास्क फोर्स की बैठक में लिया है. शर्त यह तय की गयी है कि जिले के बांसलोई नदी से बालू का उठाव के बाद उसका परिवहन सिर्फ और सिर्फ जिले के अंदर ही होगा.

ऐसा इसलिए किया गया है ताकि उठाव किये गये बालू को जिले के विकास कार्यो के अलावा निजी तौर पर बनाये जाने वाले आवास आदि में इसका उपयोग हो सके, न कि दूसरे राज्यो में इसका अवैध कारोबार.

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डीसी कुलदीप चैधरी जिला टास्क फोर्स की हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बालू का परिवहन दूसरे राज्य में किसी हाल में नहीं होना चाहिए. डीसी ने बैठक में मौजूद खनन एवं पुलिस अधिकारियों को लॉकडाउन को ध्यान में रखकर बनाये गये चेकपोस्ट पर इसकी निगरानी के साथ यह भी ध्यान रखने का निर्देश दिया है कि जिले का बालू दूसरे राज्य में नहीं जाना चाहिए.

बता दें कि पाकुड़ जिले से बालू का अवैध परिवहन वर्षो से निकटवर्ती पश्चिम बंगाल के माफिया द्वारा किया जाता रहा है. प्रशासन को यह अंदेशा है कि दी गयी विशेष छूट का कहीं बालू माफिया फायदा न उठा लें और प्रशासन की मंशा जो मजदूरो को विकास कार्यो को चालू कर रोजगार देने की है, उस पर कहीं पानी न फिर जाए.

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