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पाकुड़ में बारिश से गिरी आदिवासी छात्रावास की छत, बाल-बाल बचे छात्र

पाकुड़ जिले में मंगलवार को भारी बारिश हुई. बारिश के दौरान ही आदिवासी बालक कल्याण छात्रावास की छत गिर पड़ी. इस घटना में कई छात्र बाल-बाल बचे.

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भारी बारिश में गिरा छात्रावास का छत
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Published : May 11, 2021, 7:44 PM IST

पाकुड़: जिले में मंगलवार को झमाझम बारिश हुई. बारिश के दौरान ही प्लस टू आदिवासी बालक कल्याण छात्रावास की छत गिर गई, जिसमें कई छात्र बाल-बाल बचे. छत गिरने से आसपास मौजूद छह छात्र भागकर खुले स्थान में आ गए, जो अभी सहमे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंःअवैध रूप से चल रहे पत्थर उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई, 4 माइंस सील

छात्रावास में रह रहे छात्रों ने बताया कि 15 साल पहले कल्याण विभाग की ओर से छात्रावास बनवाया गया था, लेकिन नियमित मेंटेनेंस नहीं किया गया. इससे ये जर्जर होता जा रहा है. बारिश के दिनों में छत से पानी रिसता है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उपायुक्त और जिला कल्याण पदाधिकारी से लिखित शिकायत की गई, लेकिन मरम्मत नहीं कराया गया है. भवन की स्थिति जस की तस बनी हुई है.

करीब छह आदिवासी छात्र थे हास्टल में

छात्रों ने बताया कि इस छात्रावास में जिले के दर्जनों आदिवासी छात्र रहते हैं, जो यहां रहकर प्लस टू की पढ़ाई कर रहे हैं. विद्यालय बंद होने के कारण अधिकतर बच्चे घर चले गए हैं. वर्तमान में आधा दर्जन छात्र ही रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि भवन को शीघ्र दुरुस्त नहीं कराया गया, तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

शीघ्र कराया जाएगा मेंटेनेंस

जिला कल्याण पदाधिकारी बिजन उरांव ने बताया कि छत गिरने की सूचना मिली है. अभियंताओं की टीम को निरीक्षण कर प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश दिया है. शीघ्र ही समस्या का समाधान किया जाएगा, ताकि छात्र को दिक्कत नहीं हो.

पाकुड़: जिले में मंगलवार को झमाझम बारिश हुई. बारिश के दौरान ही प्लस टू आदिवासी बालक कल्याण छात्रावास की छत गिर गई, जिसमें कई छात्र बाल-बाल बचे. छत गिरने से आसपास मौजूद छह छात्र भागकर खुले स्थान में आ गए, जो अभी सहमे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

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छात्रावास में रह रहे छात्रों ने बताया कि 15 साल पहले कल्याण विभाग की ओर से छात्रावास बनवाया गया था, लेकिन नियमित मेंटेनेंस नहीं किया गया. इससे ये जर्जर होता जा रहा है. बारिश के दिनों में छत से पानी रिसता है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उपायुक्त और जिला कल्याण पदाधिकारी से लिखित शिकायत की गई, लेकिन मरम्मत नहीं कराया गया है. भवन की स्थिति जस की तस बनी हुई है.

करीब छह आदिवासी छात्र थे हास्टल में

छात्रों ने बताया कि इस छात्रावास में जिले के दर्जनों आदिवासी छात्र रहते हैं, जो यहां रहकर प्लस टू की पढ़ाई कर रहे हैं. विद्यालय बंद होने के कारण अधिकतर बच्चे घर चले गए हैं. वर्तमान में आधा दर्जन छात्र ही रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि भवन को शीघ्र दुरुस्त नहीं कराया गया, तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

शीघ्र कराया जाएगा मेंटेनेंस

जिला कल्याण पदाधिकारी बिजन उरांव ने बताया कि छत गिरने की सूचना मिली है. अभियंताओं की टीम को निरीक्षण कर प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश दिया है. शीघ्र ही समस्या का समाधान किया जाएगा, ताकि छात्र को दिक्कत नहीं हो.

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