पाकुड़: शासन और प्रशासन गांव को प्रखंड और मुख्यालय से जोड़ने के लिए दुरूस्त आवागमन का भले ही दावा करे, लेकिन झारखंड के पाकुड़ जिले में एक ऐसी सड़क भी है जो अचानक गांव के ग्रामीणों के बिमार पड़ने पर इलाज के लिए उन्हें आजादी के 7 दशक बीतने के बाद भी सुबह होने का इंतजार कराती है.
दरअसल, स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए ग्रामीणों को घने जंगलों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है. ग्रामीणों को हमेशा जंगली जानवरों के शिकार होने का डर सताता रहता है. इस दौरान अगर रात में कोई बीमार पड़ जाए तो परिजनों को सुबह होने का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में मरीज की जान भी जा सकती है.
हालांकि मामले को लेकर लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बीडीओ सत्यवीर रजक का कहना है कि ग्रामीणों ने लिखित जानकारी दी है. इसको लेकर ग्रामीण कार्य विभाग को सूचना दी गई है. सड़क निर्माण को लेकर प्राक्कलन भी बनाया गया है. इस वित्तीय वर्ष में काम भी शुरू कराया जाएगा.