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Pakur News: पाकुड़ में कोयले की ओवर लोडिंग, सरकार को राजस्व का नुकसान

पाकुड़ में अवैध कोयला के कारोबार पर नकेल तो कसी जा रही है. लेकिन कोयले की ढुलाई में ओवर लोडिंग एक और समस्या बनकर खड़ी हुई है. रेलवे रैक में कोयले की ओवर लोडिंग से राजस्व का नुकसान हो रहा है.

revenue loss of government due to overloading of coal in Pakur railway
पाकुड़ रेलवे में कोयले की ओवरलोडिंग से सरकार को राजस्व का नुकसान
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Published : Mar 27, 2023, 1:41 PM IST

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पाकुड़ः कोयला सरकार के लिए कमाई का जरिया है तो इसी से सरकार को घाटा उठाना भी पड़ रहा है. क्योंकि अवैध माइनिंग और कोयले की चोरी एक बड़ा कारण है. लेकिन पाकुड़ में कोयले की ओवर लोडिंग से राजस्व का नुकसान हो रहा है. जिला में संचालित रेल मार्ग से कोयले की ढुलाई में क्षमता से अधिक मात्रा होने से रेलवे के साथ साथ झारखंड सरकार को राजस्व का नुकसान लगातार हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- कोयले के धूलकण से परेशान ग्रामीणों ने किया सड़क जाम, ढुलाई हुई बाधित

पाकुड़ में कोयले का अवैध खनन को लेकर कार्रवाई तो हो रही है. इसकी रोकथाम को लेकर भले ही झारखंड राज्य में प्रवर्तन निदेशालय का भय खासकर राज्य सरकार के बाबूओं और पत्थर उद्योग से जुड़े पट्टेधारियों को सता रहा है. लेकिन कोयला परिवहन के मामले में आज भी पाकुड़ जिले में रेल अधिकारियों और कोल कंपनियों की सांठगांठ से ना केवल क्षमता से अधिक कोयले का परिवहन किया और कराया जा रहा है बल्कि रेलवे को राजस्व का चूना भी लगाया जा रहा है.

प्रतिदिन क्षमता से अधिक मालगाड़ी के रैक से हजारों टन कोयला पंजाब एवं पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा है. इस पर रोक लगाने को लेकर ना तो स्थानीय रेल अधिकारी और ना ही कोयला खदानों के आवंटी और इसका परिवहन में शामिल कंपनियां सरकार के आदेश निर्देश का अनुपालन कर रही हैं. प्रतिदिन कोयले का ओवरलोड मालगाड़ियों में होने के कारण रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों पर उड़ रहे धूलकण से परेशानी हो रही है तो कुछ रेल अधिकारी कर्मी एवं कोयला कंपनियों की चांदी कट रही है और रेलवे को राजस्व का हो रहा नुकसान वो अलग.

पाकुड़ जिले में कोयला खदाने पचुवाड़ा नॉर्थ और सेंट्रल कोल ब्लॉक से कोयला उत्खनन कर पहले सड़क के रास्ते लोटामारा रेलवे साइडिंग लाया जा रहा है. इसके बाद लोटामारा से रेलमार्ग के जरिये पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिए प्रतिदिन भेजा जा रहा है. डब्लूबीपीडीसीएल को आवंटित कोयला खदान पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक में कोयले की खुदाई और ढुलाई बीजीआर कंपनी और पीएसपीसीएल को आवंटित कोयला खदान से खुदाई और कोयले की ढुलाई दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड द्वारा की जा रही है.

बहरहाल रेलमार्ग से क्षमता से अधिक कोयले की ढुलाई बदस्तुर जारी है. अगर शासन प्रशासन सहित रेल के अधिकारियों द्वारा रैक के जरिये क्षमता से अधिक कोयले की ढुलाई पर रोक नहीं लगायी गयी तो सरकार को प्रतिदन करोड़ों रुपये के नुकसान होता ही रहेगा. राजस्व के हो रहे नुकसान को लेकर रेल के अधिकारी कुछ भई कहने से बच रहे हैं. इधर पीएसपीसीएल के मुख्य अभियंता जसविंदर सिंह भाटिया ने बताया कि मालगाड़ी से कोयले की ढुलाई ओवरलोड हो रही है या नहीं इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरी जानकारी लेने के बाद कुछ कहा जा सकता है.

वहीं रेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हावड़ा डिवीजन की विजिलेंस की टीम ने हाल में ही छापेमारी की. इस कार्रवाई में पीएसपीसीएल के लिए कोयला लेकर जा रही है एक रैक को साहिबगंज जिला के सकरीगली में मापी करायी गयी तो वो ओवरलोडेड पाया गया और उस पर जुर्माना के लिए विभाग को पत्राचार किया गया है. बता दे कि पूर्व में डब्लूबीपीडीएल को लाखों का जुर्माना रैक से ओवरलोडिंग को लेकर किया था.

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पाकुड़ः कोयला सरकार के लिए कमाई का जरिया है तो इसी से सरकार को घाटा उठाना भी पड़ रहा है. क्योंकि अवैध माइनिंग और कोयले की चोरी एक बड़ा कारण है. लेकिन पाकुड़ में कोयले की ओवर लोडिंग से राजस्व का नुकसान हो रहा है. जिला में संचालित रेल मार्ग से कोयले की ढुलाई में क्षमता से अधिक मात्रा होने से रेलवे के साथ साथ झारखंड सरकार को राजस्व का नुकसान लगातार हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- कोयले के धूलकण से परेशान ग्रामीणों ने किया सड़क जाम, ढुलाई हुई बाधित

पाकुड़ में कोयले का अवैध खनन को लेकर कार्रवाई तो हो रही है. इसकी रोकथाम को लेकर भले ही झारखंड राज्य में प्रवर्तन निदेशालय का भय खासकर राज्य सरकार के बाबूओं और पत्थर उद्योग से जुड़े पट्टेधारियों को सता रहा है. लेकिन कोयला परिवहन के मामले में आज भी पाकुड़ जिले में रेल अधिकारियों और कोल कंपनियों की सांठगांठ से ना केवल क्षमता से अधिक कोयले का परिवहन किया और कराया जा रहा है बल्कि रेलवे को राजस्व का चूना भी लगाया जा रहा है.

प्रतिदिन क्षमता से अधिक मालगाड़ी के रैक से हजारों टन कोयला पंजाब एवं पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा है. इस पर रोक लगाने को लेकर ना तो स्थानीय रेल अधिकारी और ना ही कोयला खदानों के आवंटी और इसका परिवहन में शामिल कंपनियां सरकार के आदेश निर्देश का अनुपालन कर रही हैं. प्रतिदिन कोयले का ओवरलोड मालगाड़ियों में होने के कारण रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों पर उड़ रहे धूलकण से परेशानी हो रही है तो कुछ रेल अधिकारी कर्मी एवं कोयला कंपनियों की चांदी कट रही है और रेलवे को राजस्व का हो रहा नुकसान वो अलग.

पाकुड़ जिले में कोयला खदाने पचुवाड़ा नॉर्थ और सेंट्रल कोल ब्लॉक से कोयला उत्खनन कर पहले सड़क के रास्ते लोटामारा रेलवे साइडिंग लाया जा रहा है. इसके बाद लोटामारा से रेलमार्ग के जरिये पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिए प्रतिदिन भेजा जा रहा है. डब्लूबीपीडीसीएल को आवंटित कोयला खदान पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक में कोयले की खुदाई और ढुलाई बीजीआर कंपनी और पीएसपीसीएल को आवंटित कोयला खदान से खुदाई और कोयले की ढुलाई दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड द्वारा की जा रही है.

बहरहाल रेलमार्ग से क्षमता से अधिक कोयले की ढुलाई बदस्तुर जारी है. अगर शासन प्रशासन सहित रेल के अधिकारियों द्वारा रैक के जरिये क्षमता से अधिक कोयले की ढुलाई पर रोक नहीं लगायी गयी तो सरकार को प्रतिदन करोड़ों रुपये के नुकसान होता ही रहेगा. राजस्व के हो रहे नुकसान को लेकर रेल के अधिकारी कुछ भई कहने से बच रहे हैं. इधर पीएसपीसीएल के मुख्य अभियंता जसविंदर सिंह भाटिया ने बताया कि मालगाड़ी से कोयले की ढुलाई ओवरलोड हो रही है या नहीं इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरी जानकारी लेने के बाद कुछ कहा जा सकता है.

वहीं रेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हावड़ा डिवीजन की विजिलेंस की टीम ने हाल में ही छापेमारी की. इस कार्रवाई में पीएसपीसीएल के लिए कोयला लेकर जा रही है एक रैक को साहिबगंज जिला के सकरीगली में मापी करायी गयी तो वो ओवरलोडेड पाया गया और उस पर जुर्माना के लिए विभाग को पत्राचार किया गया है. बता दे कि पूर्व में डब्लूबीपीडीएल को लाखों का जुर्माना रैक से ओवरलोडिंग को लेकर किया था.

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