पाकुड़: जिला में लोग बीते एक सप्ताह से अनियमित विद्युत आपूर्ति व्यवस्था से परेशान हैं. उपभोक्ता अब सड़क पर उतर कर आंदोलन के लिए मजबूर हो रहे हैं. लगातार बढ़ रही गर्मी के बीच अनियमित विद्युत आपूर्ति पर लोगों का आक्रोश फूटा है. लचर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के खिलाफ लोग अब सड़क जाम कर रहे तो कहीं सबस्टेशन पहुंच कर कर्मियों एवं अधिकारियों के खिलाफ हंगामा कर रहे हैं.
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दरअसल, पाकुड़ ग्रीड में बीते एक सप्ताह से दुमका मदनपुर ट्रांसमिशन से 30 मेगावाट बिजली दी जा रही है जबकि पाकुड़ जिले को 70 से 75 मेगावाट बिजली की आवयश्कता है. बिजली विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पाकुड़ फीडर को 30 से 35 मेगावाट के विरुद्ध 10 से 12 मेगावाट, महेशपुर प्रखंड को 16 मेगावाट के विरुद्ध 3 से 4 मेगावाट, अमड़ापाड़ा एवं पाकुड़िया प्रखंड को 12 मेगावाट के विरुद्ध 3 मेगावाट, लिट्टीपाड़ा एवं हिरणपुर प्रखंड को 15 मेगावाट के विरुद्ध मात्र 3 मेगावाट बिजली पाकुड़ ग्रीड से मिल पा रही है. विभाग से दी गयी जानकारी के मुताबिक पाकुड़ ग्रीड को वर्तमान में 30 मेगावाट बिजली दी जा रही है, जिसमें से 10 मेगावाट साहिबगंज जिले को सप्लाई की जा रही है जिस कारण सबसे ज्यादा परेशानी यहां के विद्युत उपभोक्ताओं को उठानी पड़ रही है.
कुत्तों को बिजली अधिकारी बताकर पहना रहे माला: पाकुड़ शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को महज 10 से 12 घंटे बिजली मिलने के कारण लोग खासकर ग्रामीण विकास मंत्री को कोस रहे हैं. लोगों का कहना है कि जिस क्षेत्र के विधायक राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हो और उस क्षेत्र में बिजली के लिए लोगों को सड़क में उतरना पड़े इससे बड़ी शर्म की बात क्या होगी. विद्युत उपभोक्ता अब कर्मियों और अधिकारियों को माला पहनाकर उसके पांव छूकर प्रणाम कर विरोध जता रहे हैं.
लोगों में गुस्सा इतना है कि बाजार में घूमने वाले आवारा कुत्ते को भी बिजली विभाग के अधिकारी बताकर माला पहनाकर विरोध कर रहे हैं. बुधवार को आजसू कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ पाकुड़ धुलियान मुख्य सड़क को जाम कर दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सांसद विजय हांसदा, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और विद्युत विभाग के अभियंता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
इस मामले में कार्यपालक अभियंता विद्युत सत्यनारायण पातर का कहना है कि बिजली में की गई कटौती के कारण सभी फीडर को रोटेशनवाइज बिजली आपूर्ति की जा रही है. कार्यपालक अभियंता का कहना है कि जब तक हमें 70 से 75 वार्ड बिजली नहीं मिल जाती तब तक यही स्थिति बनी रहेगी.