पाकुड़: देश में व्यक्तिगत और सामुदायिक स्वच्छता बहाल किए जाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार अरबों खर्च कर रही है, जिससे लोग स्वस्थ रहकर सुखी जीवन जी सके. लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों को साफ-सुथरा माहौल देने के लिए कोई खास सरकारी इंतजाम अब तक नहीं किए गए हैं. यूं कहें तो सरकार की बेवफाई के चलते सरकारी स्कूलों में साफ सफाई पर ग्रहण लग गया है.
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यह हाल झारखंड राज्य के अंतिम छोर में बसी पाकुड़ जिला के कमोवेश सभी सरकारी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों का है. बीते कई महीने से सरकारी स्कूल कोरोना की वजह से बंद है. कयास लगाए जा रहे हैं कि एक-दो महीने बाद प्राथमिक और सरकारी विद्यालय में पठन-पाठन शुरू होगा. जैसे ही पठन-पाठन शुरू होंगे. इन स्कूलों में नामांकित बच्चे स्कूल पहुंचेंगे और इन्हें विद्यालय में जहां कूड़ा कचरा और धूल कण की साफ सफाई उन्हें ही करनी पड़ेगी. क्योंकि सफाई का इंतजाम अब तक ना तो शासन और ना ही प्रशासन के स्तर से की गयी है.
शिक्षा विभाग का कहना है कि शासन और प्रशासन के स्तर से सफाई कर्मी की बहाली नहीं की गई है. विद्यालय प्रबंधन समिति के विकास मद से एक महीने में एक से दो बार साफ सफाई कराने की व्यवस्था की जाती रही है. उसके बाद के दिनों में स्कूली बच्चे ही सफाई करते थे और आगे भी करते रहेंगे.
लाचार विभाग-बेहाल स्कूल
जिला के 990 विद्यालय में 1 लाख 28 हजार 781 बच्चे नामांकित है. जिला के प्राथमिक और मध्य विद्यालय में सफाई कर्मियों का अब तक कोई इंतजाम नहीं किए जाने को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्गानंद झा का कहना है कि पठन-पाठन की व्यवस्था शुरू होते ही पहले विद्यालय की विशेष साफ सफाई के अलावा सेनेटाइज कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर से कोई ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई है कि सभी विद्यालय में सफाई कर्मी रखी जा सके.