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मुक्त कराए गए चार बाल मजदूर, नौकरी का झांसा देकर बिचौलिये ले जा रहे थे धनबाद - ईटीवी भारत न्यूज

पाकुड़ में चार बाल मजदूरों को पुलिस ने बचाया. इन चारों बच्चों को बिचौलिये नौकरी के नाम पर झांसा देकर शहर से बाहर ले जाने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन स्वयंसेवी संस्थान चाइल्ड लाइन को किसी ने इसकी जानकारी दे दी. जिसके बाद पुलिस की मदद से सभी बच्चों को छुड़ाया गया.

मुक्त कराए गए चार बाल मजदूर
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Published : Mar 22, 2019, 3:24 PM IST

पाकुड़: सरकार और पुलिस बच्चों पर होने वाले शोषण को रोकने के लिए कई तरह के अभियान चला रही है. लेकिन फिर भी इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है. ताजा मामले में सदर प्रखंड के चार बच्चों को पुलिस ने बचाया है.

मुक्त कराए गए चार बाल मजदूर

इन चारों बच्चों को बिचौलिये नौकरी के नाम पर झांसा देकर शहर से बाहर ले जाने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन स्वयंसेवी संस्थान चाइल्ड लाइन को किसी ने इसकी जानकारी दे दी. जिसके बाद पुलिस की मदद से सभी बच्चों को छुड़ाया गया.

मिली जानकारी के अनुसार, सदर प्रखंड के कक्षा तीन और चार में पढ़ने वाले चार बच्चों को मनीरामपुर गांव का हुमायूं रोजगार के नाम पर शहर ले जाने की फिराक में था. उसने झासे में लेकर इन बच्चों के माता-पिता से भी अनुमति ले ली थी.

सात हजार रुपए महीने का दिया जाता है तनख्वाह
इन नाबालिगों बच्चों के परिजनों को पांच सौ रुपए बतौर अग्रिम दिया गया था, इसके अलावा बच्चों को सात हजार रुपए महीना देने की बात कही थी. इन बच्चों को पुलिस की सहायता से बचाया गया.

बचाए गए सभी चार बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया. जहां अधिकारियों ने आरोपी पर सख्त कार्रवाई की बात कहते हुए बच्चों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया.

पाकुड़: सरकार और पुलिस बच्चों पर होने वाले शोषण को रोकने के लिए कई तरह के अभियान चला रही है. लेकिन फिर भी इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है. ताजा मामले में सदर प्रखंड के चार बच्चों को पुलिस ने बचाया है.

मुक्त कराए गए चार बाल मजदूर

इन चारों बच्चों को बिचौलिये नौकरी के नाम पर झांसा देकर शहर से बाहर ले जाने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन स्वयंसेवी संस्थान चाइल्ड लाइन को किसी ने इसकी जानकारी दे दी. जिसके बाद पुलिस की मदद से सभी बच्चों को छुड़ाया गया.

मिली जानकारी के अनुसार, सदर प्रखंड के कक्षा तीन और चार में पढ़ने वाले चार बच्चों को मनीरामपुर गांव का हुमायूं रोजगार के नाम पर शहर ले जाने की फिराक में था. उसने झासे में लेकर इन बच्चों के माता-पिता से भी अनुमति ले ली थी.

सात हजार रुपए महीने का दिया जाता है तनख्वाह
इन नाबालिगों बच्चों के परिजनों को पांच सौ रुपए बतौर अग्रिम दिया गया था, इसके अलावा बच्चों को सात हजार रुपए महीना देने की बात कही थी. इन बच्चों को पुलिस की सहायता से बचाया गया.

बचाए गए सभी चार बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया. जहां अधिकारियों ने आरोपी पर सख्त कार्रवाई की बात कहते हुए बच्चों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया.

Intro:बाइट : बिनोद प्रामाणिक, सदस्य, सीडब्लूसी
बाइट : स्लेहा नाज, अधिवक्ता पाकुड़
पाकुड़ : शासन-प्रशासन जहां लोकसभा चुनाव की तैयारी में इन दिनों पूरी जोर लगाए हुए हैं वहीं बाल व्यापार को बढ़ावा देने वाले बिचौलिए वह दलाल सक्रिय हो गए हैं। बाल अपराध को संरक्षण एवं बढ़ावा देने वाले दलाल वह बिचौलिए जहां मस्त है वही श्रम विभाग पूरी तरह पस्त है। यही वजह है कि नौनिहालों को बड़े-बड़े शहर शहरों में नौकरी का झांसा देकर बाल व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है। यह तो गनीमत है कि स्वयंसेवी संस्था जन लोक कल्याण परिषद द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन की सक्रियता की वजह से बड़े-बड़े शहरों में बिकने से पाकुड़ के चार नौनिहाल बच गए।


Body:मिली जानकारी के मुताबिक सदर प्रखंड के पृथ्वीनगर गांव के कक्षा 3 से 4 में पढ़ने वाले 4 बच्चों को मनीरामपुर गांव के हुमायूं से बड़े-बड़े शहरों में रोजगार दिलाने के नाम पर इनके मां पिता से सहमति लेकर बस से ले जाया जा रहा था। इन नाबालिगों बच्चों के परिजनों को पांच सौ बतौर अग्रिम दिया गया यह बताते हुए कि इन्हें 7 रुपया महीना दिया जाएगा, बच्चों को बस में ले जाए जा रहा था कि इसकी जानकारी चाइल्ड लाइन को कोलब सेंटर को मिली और दुमका को कोलब सेंटर को खबर की गई।

चाइल्ड लाइन ने बच्चों को रोजगार दिलाने के नाम पर ले जाए जाने की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई और 4 बच्चों को अपने कब्जे में लिया। जिन चार बच्चों को काम दिलाने के बहाने बाहर ले जाया जा रहा था उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बच्चों ने समिति के सदस्यों को बताया कि उन्हें हुमायूं से धनबाद ले जाने के नाम पर बस में बैठाया था और दुमका में दूसरे लोगों के हवाले उन्हें कर दिया गया था।


Conclusion:बाल कल्याण समिति के विनोद कुमार प्रमाणिक, अधिवक्ता सलेहा नाज ने नाबालिग बच्चों का बयान दर्ज किया। समिति के सदस्यों ने बताया कि बच्चों को उनके परिजनों की सहमति से काम दिलाने के नाम पर बाहर ले जाया जा रहा था जैसा कि बच्चों ने अपने बयान में बताया गया। बताया कि बाहर ले जाने वाले हुमायूं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। दलालों के चंगुल से मुक्त कराए गए चारों बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया
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