पाकुड़: राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलके के लोग आज भी आवागमन की सुविधा के नाम पर अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं. लोगों को बांस की चचरी, उबर-खाबर रास्ते से होकर एक गांव से दूसरे गांव तक आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश में पीसीसी सड़क की स्थिति दयनीय हो जाती है. इससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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जान जोखिम में डालकर कर रहे आवागमन: पाकुड़ प्रखंड के इलामी पंचायत के बगानपाड़ा गांव के लोगों ने शासन और प्रशासन की गलत नीतियों को परिवहन की लचर व्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराया है. आवागमन की सुगम व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी इससे प्रभावित हो रही है. ग्रामीण इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए बांस की चचरी का सहारा लेकर जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं. शासन-प्रशासन में बैठे लोगों को कोस भी रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि गंभीर रूप से कोई बीमार हो जाय या गांव में अगलगी जैसी घटना हो जाय तो उन्हें राहत दिलाने के लिए चार पहिया वाहन गांव में नहीं आ सकते.
मंत्री ने आलमगीर आलम ने क्या कहा: इलामी पंचायत के बगानपाड़ा गांव वालों को परिवहन में हो रही असुविधा को लेकर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में जर्जर सड़क की समस्या खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि अगर उसके बाद भी जर्जर सड़क की शिकायत मिलती है तो उसे दुरुस्त करा लिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि जहां तक बगानपाड़ा गांव के चचरी पुल की बात है तो कई बार हमने प्रयास किया, विधायक निधि से भी प्रयास किया गया, परंतु वहां के ग्रामीण जमीन नहीं देना चाहते. इस कारण निर्माण कार्य में बाधा आ रही है. मंत्री ने कहा कि इसके लिए फिर से प्रयास किया जाएगा. जिससे कि ग्रामीणों की परेशानी दूर हो जाए.