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पाकुड़: साइबर अपराध का खुलासा करने में नाकाम पुलिस, अब करेगी जागरूक करने का काम

पाकुड़ साइबर थाने में 2015 से लेकर अब तक 50 मामले साइबर क्राइम से संबंधित दर्ज हुए हैं. बीते पांच साल से थानों में दर्ज साइबर क्राइम के मामले का उद्भेदन करने में पुलिस विफल रही है. अब पुलिस लोगों को जागरूक करने का काम करेगी.

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साइबर थाना पाकुड़
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Published : Jun 10, 2020, 5:16 PM IST

पाकुड़: बीते पांच साल से थानों में दर्ज साइबर क्राइम के मामले का उद्भेदन करने में विफल रही जिले की पुलिस अब इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक करने का काम करेगी. हाल में ही पाकुड़ जिले में पदस्थापित एसपी मणिलाल मंडल ने साइबर अपराध से जुड़े मामलों की समीक्षा के बाद लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया है.

देखें पूरी खबर

2015 से लेकर अब तक 50 मामले

जिले में पदस्थापित हर स्तर के पुलिस पदाधिकारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों के लोगों को साइबर अपराधियों के जाल में नहीं फंसने और इससे बचने को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों और सतर्कता को लेकर जागरूक करने का निर्देश दिया है. साइबर क्राइम पर रोक लगाने को लेकर पाकुड़ पुलिस की अगली रणनीति और कार्य योजना की जानकारी एसपी मणिलाल मंडल ने दी. एसपी ने बताया कि वर्ष 2015 से लेकर अब तक 50 मामले साइबर क्राइम से संबंधित दर्ज हुए हैं. उन्होंने बताया कि अपने पदस्थापन के बाद क्राइम मीटिंग में समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि जितने भी साइबर क्राइम के मामले दर्ज हुए हैं, उससे संबंधित शिकार लोगों से की गई ठगी की राशि रिकवर नहीं हो पाई है.

ये भी पढ़ें- गिरिडीहः कुएं में मिला महिला सहित 3 बच्चों का शव, जांच में जुटी पुलिस

जागरूक करने का निर्णय
एसपी मंडल ने बताया कि जिले के सार्वजनिक स्थलों, हाट, बाजारों के अलावा प्रमुख स्थलों में सूचना जनसंपर्क विभाग की सहयोग से प्रचार-प्रसार कराया जाएगा और लोगों को यह जानकारी दी जाएगी कि साइबर अपराधियों के साजिश से कैसे बचा जाए. एसपी ने बताया कि जागरूकता अभियान के तहत बैंक और एलआईसी मैनेजर बन कर ऋण दिलाने के नाम पर, सेना पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर, निजी जमीन पर मोबाइल टावर लगाने के नाम पर और एक एटीएम को चालू करने के नाम पर लोगों से साइबर अपराधी पैसे ठग रहे. ऐसे मामले से सावधान रहने सहित बैंक एकाउंट नंबर और आधार संख्या से संबंधित कोई भी व्यक्ति जानकारी मांगी नहीं देना है, इसकी अपील भी अभियान के दौरान लोगों से की जाएगी.

जागरूकता की कमी
बता दें कि झारखंड राज्य का पाकुड़ जिला न केवल शैक्षणिक बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. अधिकांश लोग रोज कमाने-खाने वाले हैं और ऐसे लोगों में जागरूकता की कमी का लाभ उठाकर साइबर अपराधी इन्हें शिकार बनाने का अब तक काम किया गया है.

ये भी पढ़ें- बेटे की मौते के बाद सदमे में पिता ने भी तोड़ा दम, पूरे गांव में पसरा मातम

उद्भेदन करने में पुलिस अब तक नाकाम
जिले में वर्ष 2015 से साइबर अपराध के 50 मामले सामने आए थे और सर्वाधिक मामले 2019 में 16 मामले दर्ज हुए है. जबकि 2020 में 14 और 2017 में 10 मामले दर्ज किए गए थे. जिले के नगर थाना में सर्वाधिक 16 मामले दर्ज हुए हैं. पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, हिरणपुर में 10, लिट्टीपाड़ा में 9, अमड़ापाड़ा में 7, महेशपुर में 4, पाकुड़िया में 2 और मुफस्सिल में 2 साइबर क्राइम के मामले दर्ज हैं. जिसका उद्भेदन करने में पुलिस अब तक नाकाम रही है.

पाकुड़: बीते पांच साल से थानों में दर्ज साइबर क्राइम के मामले का उद्भेदन करने में विफल रही जिले की पुलिस अब इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक करने का काम करेगी. हाल में ही पाकुड़ जिले में पदस्थापित एसपी मणिलाल मंडल ने साइबर अपराध से जुड़े मामलों की समीक्षा के बाद लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया है.

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2015 से लेकर अब तक 50 मामले

जिले में पदस्थापित हर स्तर के पुलिस पदाधिकारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों के लोगों को साइबर अपराधियों के जाल में नहीं फंसने और इससे बचने को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों और सतर्कता को लेकर जागरूक करने का निर्देश दिया है. साइबर क्राइम पर रोक लगाने को लेकर पाकुड़ पुलिस की अगली रणनीति और कार्य योजना की जानकारी एसपी मणिलाल मंडल ने दी. एसपी ने बताया कि वर्ष 2015 से लेकर अब तक 50 मामले साइबर क्राइम से संबंधित दर्ज हुए हैं. उन्होंने बताया कि अपने पदस्थापन के बाद क्राइम मीटिंग में समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि जितने भी साइबर क्राइम के मामले दर्ज हुए हैं, उससे संबंधित शिकार लोगों से की गई ठगी की राशि रिकवर नहीं हो पाई है.

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जागरूक करने का निर्णय
एसपी मंडल ने बताया कि जिले के सार्वजनिक स्थलों, हाट, बाजारों के अलावा प्रमुख स्थलों में सूचना जनसंपर्क विभाग की सहयोग से प्रचार-प्रसार कराया जाएगा और लोगों को यह जानकारी दी जाएगी कि साइबर अपराधियों के साजिश से कैसे बचा जाए. एसपी ने बताया कि जागरूकता अभियान के तहत बैंक और एलआईसी मैनेजर बन कर ऋण दिलाने के नाम पर, सेना पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर, निजी जमीन पर मोबाइल टावर लगाने के नाम पर और एक एटीएम को चालू करने के नाम पर लोगों से साइबर अपराधी पैसे ठग रहे. ऐसे मामले से सावधान रहने सहित बैंक एकाउंट नंबर और आधार संख्या से संबंधित कोई भी व्यक्ति जानकारी मांगी नहीं देना है, इसकी अपील भी अभियान के दौरान लोगों से की जाएगी.

जागरूकता की कमी
बता दें कि झारखंड राज्य का पाकुड़ जिला न केवल शैक्षणिक बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. अधिकांश लोग रोज कमाने-खाने वाले हैं और ऐसे लोगों में जागरूकता की कमी का लाभ उठाकर साइबर अपराधी इन्हें शिकार बनाने का अब तक काम किया गया है.

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उद्भेदन करने में पुलिस अब तक नाकाम
जिले में वर्ष 2015 से साइबर अपराध के 50 मामले सामने आए थे और सर्वाधिक मामले 2019 में 16 मामले दर्ज हुए है. जबकि 2020 में 14 और 2017 में 10 मामले दर्ज किए गए थे. जिले के नगर थाना में सर्वाधिक 16 मामले दर्ज हुए हैं. पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, हिरणपुर में 10, लिट्टीपाड़ा में 9, अमड़ापाड़ा में 7, महेशपुर में 4, पाकुड़िया में 2 और मुफस्सिल में 2 साइबर क्राइम के मामले दर्ज हैं. जिसका उद्भेदन करने में पुलिस अब तक नाकाम रही है.

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