पाकुड़: झारखंड सरकार और शिक्षा विभाग जहां मैट्रिक और इंटर की परीक्षा कदाचार मुक्त संपन्न कराने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है तो वहीं परीक्षार्थी भी बेहतर परिणाम हासिल करने की आस में जी-जान से मेहनत करने में जुटे हुए हैं. परीक्षा की तारीख काफी नजदीक है और ऐसे में प्रतिस्पर्धा के इस दौर में वैसे विद्यार्थी जो मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले हैं उनका तनाव बढ़ गया है.
जी-तोड़ मेहनत
परीक्षार्थी जहां इस आस में जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं कि अच्छा परिणाम आएगा और प्रसिद्ध महाविद्यालयों में अपना नामांकन करा सकेंगे, लेकिन इनके अभिभावकों को यह चिंता सता रही है कि कहीं मेहनत में उनके बच्चे कोई कसर ना छोड़ दे. यू कहें तो परीक्षा के इस माहौल में परीक्षार्थी और अभिभावक दोनों तनाव में है और इसे दूर करने के लिए मनोवैज्ञानिको, उत्कृष्ट शिक्षकों और शिक्षा प्रेमियों की सलाह और सुझाव की अहमियत बढ़ जाती है.
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परीक्षा के वक्त तनाव
इसे लेकर ईटीवी भारत ने खासकर मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी कैसे तनावमुक्त होकर तैयारी करें. इसे लेकर शिक्षक, अधिकारी और छात्र-छात्राओं से उनकी राय जानी है. स्थानीय शिक्षक रंजन खां का मानना है कि नियमित अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा के वक्त कोई तनाव नहीं होता है. तनाव में वैसे बच्चे रहते हैं जो पहले मेहनत नहीं करते और परीक्षा नजदीक आते ही अच्छे अंक लाने की आस में दिन-रात समय का ख्याल रखें बिना पढ़ाई-लिखाई करने लग जाते हैं.
आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए तैयारी
वही, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डीडीसी रामनिवास यादव ने बताया कि परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चे नियमित पढ़ाई करें और आत्मविश्वास के साथ तैयारी कर बेहतर परिणाम हासिल कर सकते है. परीक्षा के इस माहौल में अभिभावकों को बच्चों पर किसी प्रकार का दबाव परिणाम हासिल करने के लिए नहीं बनाना चाहिए.