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कदाचार मुक्त परीक्षा संपन्न कराने की तैयारी, देखिए IAS ने परीक्षार्थी और अभिभावकों के लिए क्या सलाह दी - latest news of Pakur

शिक्षा विभाग मैट्रिक और इंटर की परीक्षा कदाचार मुक्त संपन्न कराने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है. इसे लेकर परीक्षार्थी भी जी-जान से मेहनत करने में जुटे हुए हैं. यूं कहें तो परीक्षा के इस माहौल में परीक्षार्थी और अभिभावक दोनों तनाव में हैं और इसे दूर करने के लिए मनोवैज्ञानिकों, उत्कृष्ट शिक्षकों और विशेषज्ञों की सलाह और सुझाव की अहमियत बढ़ जाती है.

Pakur administration engaged in conducting malpractice-free examination
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Published : Feb 7, 2020, 6:39 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 9:56 AM IST

पाकुड़: झारखंड सरकार और शिक्षा विभाग जहां मैट्रिक और इंटर की परीक्षा कदाचार मुक्त संपन्न कराने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है तो वहीं परीक्षार्थी भी बेहतर परिणाम हासिल करने की आस में जी-जान से मेहनत करने में जुटे हुए हैं. परीक्षा की तारीख काफी नजदीक है और ऐसे में प्रतिस्पर्धा के इस दौर में वैसे विद्यार्थी जो मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले हैं उनका तनाव बढ़ गया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

जी-तोड़ मेहनत
परीक्षार्थी जहां इस आस में जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं कि अच्छा परिणाम आएगा और प्रसिद्ध महाविद्यालयों में अपना नामांकन करा सकेंगे, लेकिन इनके अभिभावकों को यह चिंता सता रही है कि कहीं मेहनत में उनके बच्चे कोई कसर ना छोड़ दे. यू कहें तो परीक्षा के इस माहौल में परीक्षार्थी और अभिभावक दोनों तनाव में है और इसे दूर करने के लिए मनोवैज्ञानिको, उत्कृष्ट शिक्षकों और शिक्षा प्रेमियों की सलाह और सुझाव की अहमियत बढ़ जाती है.

ये भी पढ़ें-ईस्टर्न रेलवे के जीएम का साहिबगंज दौरा, DC ने मुलाकात कर आरओबी बनाने की अपील की

परीक्षा के वक्त तनाव
इसे लेकर ईटीवी भारत ने खासकर मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी कैसे तनावमुक्त होकर तैयारी करें. इसे लेकर शिक्षक, अधिकारी और छात्र-छात्राओं से उनकी राय जानी है. स्थानीय शिक्षक रंजन खां का मानना है कि नियमित अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा के वक्त कोई तनाव नहीं होता है. तनाव में वैसे बच्चे रहते हैं जो पहले मेहनत नहीं करते और परीक्षा नजदीक आते ही अच्छे अंक लाने की आस में दिन-रात समय का ख्याल रखें बिना पढ़ाई-लिखाई करने लग जाते हैं.

आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए तैयारी
वही, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डीडीसी रामनिवास यादव ने बताया कि परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चे नियमित पढ़ाई करें और आत्मविश्वास के साथ तैयारी कर बेहतर परिणाम हासिल कर सकते है. परीक्षा के इस माहौल में अभिभावकों को बच्चों पर किसी प्रकार का दबाव परिणाम हासिल करने के लिए नहीं बनाना चाहिए.

पाकुड़: झारखंड सरकार और शिक्षा विभाग जहां मैट्रिक और इंटर की परीक्षा कदाचार मुक्त संपन्न कराने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है तो वहीं परीक्षार्थी भी बेहतर परिणाम हासिल करने की आस में जी-जान से मेहनत करने में जुटे हुए हैं. परीक्षा की तारीख काफी नजदीक है और ऐसे में प्रतिस्पर्धा के इस दौर में वैसे विद्यार्थी जो मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले हैं उनका तनाव बढ़ गया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

जी-तोड़ मेहनत
परीक्षार्थी जहां इस आस में जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं कि अच्छा परिणाम आएगा और प्रसिद्ध महाविद्यालयों में अपना नामांकन करा सकेंगे, लेकिन इनके अभिभावकों को यह चिंता सता रही है कि कहीं मेहनत में उनके बच्चे कोई कसर ना छोड़ दे. यू कहें तो परीक्षा के इस माहौल में परीक्षार्थी और अभिभावक दोनों तनाव में है और इसे दूर करने के लिए मनोवैज्ञानिको, उत्कृष्ट शिक्षकों और शिक्षा प्रेमियों की सलाह और सुझाव की अहमियत बढ़ जाती है.

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परीक्षा के वक्त तनाव
इसे लेकर ईटीवी भारत ने खासकर मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी कैसे तनावमुक्त होकर तैयारी करें. इसे लेकर शिक्षक, अधिकारी और छात्र-छात्राओं से उनकी राय जानी है. स्थानीय शिक्षक रंजन खां का मानना है कि नियमित अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा के वक्त कोई तनाव नहीं होता है. तनाव में वैसे बच्चे रहते हैं जो पहले मेहनत नहीं करते और परीक्षा नजदीक आते ही अच्छे अंक लाने की आस में दिन-रात समय का ख्याल रखें बिना पढ़ाई-लिखाई करने लग जाते हैं.

आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए तैयारी
वही, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डीडीसी रामनिवास यादव ने बताया कि परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चे नियमित पढ़ाई करें और आत्मविश्वास के साथ तैयारी कर बेहतर परिणाम हासिल कर सकते है. परीक्षा के इस माहौल में अभिभावकों को बच्चों पर किसी प्रकार का दबाव परिणाम हासिल करने के लिए नहीं बनाना चाहिए.

Intro:बाइट : रंजन खां, शिक्षक
बाइट : रामनिवास यादव, आईएएस

पाकुड़ : झारखंड सरकार और शिक्षा विभाग जहां मैट्रिक इंटर की परीक्षा कदाचार मुक्त संपन्न कराने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है तो परीक्षार्थी बेहतर परिणाम हासिल करने की आस में जीतोड़ और मेहनत करने में जुटे हुए हैं। परीक्षा की तिथि काफी नजदीक है और ऐसे में प्रतिस्पर्धा के इस दौर में वैसे विद्यार्थी जो मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले हैं का तनाव बढ़ गया है बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए।


Body:परीक्षार्थी जहां इस आस में जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं कि अच्छा परिणाम आएगा और हुए नामी-गिरामी महाविद्यालयों में अपना नामांकन करा सकेंगे तो इनके अभिभावकों को यह चिंता सता रही है कि कहीं मेहनत में उनके बेटे बेटियों में कोई कसर छोड़ दी तो इनका दाखिला हुए कैसे अच्छे शैक्षणिक संस्थान संस्थानों में कराएंगे। यू कहे तो परीक्षा के इस माहौल में परीक्षार्थी और अभिभावक दोनों तनाव में है और इसे दूर करने के लिए मनोवैज्ञानिको, उत्कृष्ट शिक्षकों और शिक्षा प्रेमियों की सलाह और सुझाव की अहमियत बढ़ जाती है। मनोवैज्ञानिक हो शिक्षक हो या परीक्षा में बेहतर अंक हासिल कर सफलता पाने वाले अधिकारी सभी की राय और सुझाव तनाव के इस माहौल में परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों को एक नई राह दिखाता है। इसलिए कि परीक्षार्थी तनावमुक्त होकर कैसे पढ़ाई करें, परीक्षा की तैयारी करें ईटीवी भारत ने खासकर मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थी कैसे तनावमुक्त होकर तैयारी करें को लेकर सफलता हासिल करने वाले शिक्षकों और अधिकारियों एवं बेहतर अंक लाने वाले छात्र छात्राओं से उनकी राय जानी है।

स्थानीय शिक्षक रंजन खां का मानना है कि नियमित अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा के वक्त कोई तनाव नहीं होता। तनाव में वैसे बच्चे रहते हैं जो पहले मेहनत नहीं करते और परीक्षा नजदीक आते ही अच्छे अंक लाने की आस में दिन-रात समय का ख्याल रखें बिना पढ़ाई लिखाई करने लगते हैं। उनका मानना है कि परीक्षा के समय नए टॉपिक पर विद्यार्थी ध्यान ना दें और पूर्व में जो पढ़ाई की है उसका रिवीजन करें परिणाम बेहतर हासिल होगा। उन्होंने विद्यार्थियों को तनावमुक्त होकर परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी है, साथ ही विद्यार्थियों के अभिभावकों को जो अपने बच्चों की आगे पढ़ाई के लिए सुनहरा सपना मन में पाले हुए हैं उन्हें किसी तरह का दबाव अपने बच्चों को नहीं देने का भी सुझाव दिया है।


Conclusion:वही, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डीडीसी रामनिवास यादव जो पूर्व में भारतीय पुलिस सेवा में भी रह चुके है का मानना है कि परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चे नियमित पढ़ाई करें और आत्मविश्वास के साथ तैयारी बेहतर परिणाम हासिल होगा। उनका मानना है कि मेहनत करें और संयम से लिखे यह एकेडमिक है कोई प्रतियोगिता नहीं इसलिए अपनी क्षमता के अनुसार पढ़ाई करें। श्री यादव का मानना है की परीक्षा के इस माहौल में अभिभावकों को अलग कोई दबाव बच्चों पर खासकर परिणाम हासिल करने के लिए नहीं बनाना चाहिए। डीडीसी ने परीक्षार्थियों को सलाह दी है कि वे टेक्स्ट बुक और नोटबुक जो शिक्षकों ने पढ़ाया है उसी के अनुरूप परीक्षा में प्रश्नों का उत्तर दें बेहतर अंक मिलेगा। उन्होंने अभिभावकों को यह भी सुझाव दिया है कि परीक्षा के इस वक्त में जब बच्चे तैयारी में जुटे हो तो उन्हें मोबाइल से अलग रखें तो बेहतर होगा। डीडीसी ने बताया कि परीक्षा के वक्त विद्यार्थियों गूगल से प्रश्नों का उत्तर खोजते हैं परंतु इससे वैसे विद्यार्थी जो परीक्षा में शामिल होने वाले हैं वह पास तो कर सकते हैं पर अच्छा अंक नहीं ला सकते।
Last Updated : Feb 8, 2020, 9:56 AM IST
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