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स्थानीय नीति की मांग को लेकर पाकुड़ में पहाड़िया समाज के लोगों का प्रदर्शन, कहा- जब तक मांगें नहीं मानी जाती तब तक जारी रहेगा आंदोलन

अपनी मांगों के समर्थन के लिए हिल एसेम्बली पहाड़िया महासभा (Hill Assembly Paharia Mahasabha) के बैनर तले संथाल परगना के हजारों पहाड़िया समाज के लोगों ने पाकुड़ जिला मुख्यालय में समाहरणालय का घेराव किया. प्रदर्शन के बाद महासभा के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल के नाम मांग पत्र डीसी को सौपा.

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Published : Mar 23, 2022, 7:40 PM IST

Updated : Mar 23, 2022, 7:50 PM IST

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पाकुड़: जिले के पहाड़िया समाज के लोग लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रशासन के समक्ष प्रर्दशन कर रहे हैं. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हिल एसेम्बली पहाड़िया महासभा (Hill Assembly Paharia Mahasabha) के महासचिव शिवचरण मालतो ने बताया कि 1932 खतियान आधारित नियोजन एवं स्थानीय नीति बनाने, अनुसूचित क्षेत्रों में पेशा कानून सख्ती से लागू करने, पहाड़िया भाषा को राजभाषा में शामिल करने सहित अन्य कई मांग को लेकर संथाल परगना के पहाड़िया समाज के लोग लगातार आंदोलन कर रहे है, लेकिन प्रशासन मौन है.

इसे भी पढ़े:पाकुड़ में ग्रमीण और कोल कंपनी के कर्मियों के बीच झड़प, बिना काम शुरू कराए लौटा प्रशासन

उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो आगे जबरदस्त आंदोलन किया जाएगा. शिवचरण मालतो ने कहा कि राज्य का गठन आदिवासी मूलवासी के उत्थान के नाम पर किया गया था, परंतु राज्य गठन के 22 साल बीत जाने के बाद भी अब तक राज्य की सरकार आदिवासी मूलवासीयों की स्थिति में सुधार नहीं ला पाई है. राज्य की सरकार ने यहां के खनिज संपदा को लूटने और लुटाने का काम किया है.

देखें पूरी खबर

पहाड़िया नेता शिवचरण मालतो (Paharia leader Shivcharan Malto) ने कहा कि हम पहाड़िया समाज के लोग तबतक आंदोलन करते रहेंगे जबतक मांगें पूरी नहीं हो जाती. सरकार की मनमानियों को पहाड़िया समाज के लोगों द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हिल एसेम्बली पहाड़िया महासभा के प्रदर्शन में पाकुड़ जिले के अलावा साहेबगंज, गोड्डा, दुमका आदि जिलों के भी पहाड़िया समाज के लोगों ने भाग लिया.

पाकुड़: जिले के पहाड़िया समाज के लोग लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रशासन के समक्ष प्रर्दशन कर रहे हैं. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हिल एसेम्बली पहाड़िया महासभा (Hill Assembly Paharia Mahasabha) के महासचिव शिवचरण मालतो ने बताया कि 1932 खतियान आधारित नियोजन एवं स्थानीय नीति बनाने, अनुसूचित क्षेत्रों में पेशा कानून सख्ती से लागू करने, पहाड़िया भाषा को राजभाषा में शामिल करने सहित अन्य कई मांग को लेकर संथाल परगना के पहाड़िया समाज के लोग लगातार आंदोलन कर रहे है, लेकिन प्रशासन मौन है.

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उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो आगे जबरदस्त आंदोलन किया जाएगा. शिवचरण मालतो ने कहा कि राज्य का गठन आदिवासी मूलवासी के उत्थान के नाम पर किया गया था, परंतु राज्य गठन के 22 साल बीत जाने के बाद भी अब तक राज्य की सरकार आदिवासी मूलवासीयों की स्थिति में सुधार नहीं ला पाई है. राज्य की सरकार ने यहां के खनिज संपदा को लूटने और लुटाने का काम किया है.

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पहाड़िया नेता शिवचरण मालतो (Paharia leader Shivcharan Malto) ने कहा कि हम पहाड़िया समाज के लोग तबतक आंदोलन करते रहेंगे जबतक मांगें पूरी नहीं हो जाती. सरकार की मनमानियों को पहाड़िया समाज के लोगों द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हिल एसेम्बली पहाड़िया महासभा के प्रदर्शन में पाकुड़ जिले के अलावा साहेबगंज, गोड्डा, दुमका आदि जिलों के भी पहाड़िया समाज के लोगों ने भाग लिया.

Last Updated : Mar 23, 2022, 7:50 PM IST
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