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गांव की महिलाओं को नॉन बैंकिंग कंपनी ने लगाया चूना, बंद कार्यालय के बाहर हंगामा - etv news

Non banking company cheated women in Pakur. पाकुड़ में लोन देने के नाम पर नॉन बैंकिंग कंपनी द्वारा महिलाओं से ठगी की गई है. जब महिलाएं लोन लेने गईं तो उन्हें कार्यालय बंद मिला. जिसके बाद महिलाएं हंगामा करने लगीं. बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं को शांत कराया.

Non banking company cheated women in Pakur
Non banking company cheated women in Pakur
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 8, 2023, 6:37 PM IST

महिलाओं को नॉन बैंकिंग कंपनी ने लगाया चूना

पाकुड़: जिले में इन दिनों नॉन बैंकिंग कंपनियां अपना विस्तार कर रही हैं और सरकार प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. जिसके चलते नॉन बैंकिंग कंपनी आसानी से गांव की महिलाओं को लोन देने के नाम पर ठग रही है. ऐसा ही मामला शुक्रवार को सदर प्रखंड के चरकोल गांव में देखने को मिला. सदर प्रखंड के शहरकोल गांव के एक मकान में चल रही नॉन बैंकिंग कंपनी अधिकार माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के बाहर पाकुड़ और साहिबगंज जिले की सैकड़ों महिलाएं पहुंचीं और कार्यालय बंद देख हंगामा करने लगीं.

महिलाओं ने बताया कि नॉन बैंकिंग कंपनी अधिकार ने सैकड़ों महिलाओं को लोन देने के नाम पर तीन हजार रुपये और जरूरी कागजात लिए और उसके बदले में एक रसीद दी और आठ दिसंबर को कार्यालय बुलाया. जब सभी महिलाएं कार्यालय लोन लेने शहरकोल स्थित कार्यालय पहुंचीं तो सभी लोग गायब पाये गये. हंगामे की सूचना मिलते ही नगर थाने की पुलिस पहुंची और महिलाओं को शांत कराया तथा लिखित आवेदन देने को कहा.

पहले भी होता था लोन देने पर फ्रॉड: बता दें कि संथाल परगना के कई जिलों में नॉन बैंकिंग कंपनियां वर्षो से माइक्रो फाइनेंस के नाम पर गली कूचे में अपना कार्यालय खोल कर भोले-भाले ग्रामीणों को खाता खोलवाकर उनसे राशि जमा कराया जाता था. बाद में ये सैकड़ों कंपनियां फरार हो गईं. तत्कालीन उपायुक्त डॉ सुनील कुमार सिंह के निर्देश पर कई कपंनियों के कार्यालय में छापेमारी हुई थी और अवैध रूप से फाइनेंस कंपनी चलाने, लोगों से ठगी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. उसके बाद अधिकांश कंपनियां सभी अपना-अपना सामान कार्यालय में छोड़कर फरार हो गयीं. उसके बाद मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की.

बाद में फिर कंपनियां हो गईं सक्रिय: बाद में फिर पाकुड़, साहिबगंज सहित कई अन्य जिलों में ऋण देने के नाम पर नॉन बैंकिंग कंपनियों ने ग्रामीणों इलाकों के अलावा शहरी क्षेत्र के गली मोहल्ले में अपना कार्यालय खोल दिया और अब ऋण देने ने नाम पर लोगों से ठगी किया जा रहा है. ये नॉन बैंकिंग कंपनी गांव के बीच से ही युवा और महिलाओं को एजेंट बनाकर भोले-भाले ग्रामीणों को ठगने का काम कर रहे हैं. शासन-प्रशासन में बैठे बाबूओं को इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कार्यालय में महिलाओं द्वारा किये गए हंगामा को लेकर पुलिस निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस पदाधिकारियों को दलबल के साथ शहरकोल गांव भेजा गया है. ठगी का शिकार महिलाओं से लिखित आवेदन मांगा गया है. पुलिस निरीक्षक ने बताया कि आवेदन प्राप्त होते ही प्राथमिकी दर्ज कर विधिसंवत कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें: मुद्रा लोन योजना के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी, बैंक मैनेजर समेत तीन गिरफ्तार, पढ़िए डिटेल

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महिलाओं को नॉन बैंकिंग कंपनी ने लगाया चूना

पाकुड़: जिले में इन दिनों नॉन बैंकिंग कंपनियां अपना विस्तार कर रही हैं और सरकार प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. जिसके चलते नॉन बैंकिंग कंपनी आसानी से गांव की महिलाओं को लोन देने के नाम पर ठग रही है. ऐसा ही मामला शुक्रवार को सदर प्रखंड के चरकोल गांव में देखने को मिला. सदर प्रखंड के शहरकोल गांव के एक मकान में चल रही नॉन बैंकिंग कंपनी अधिकार माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के बाहर पाकुड़ और साहिबगंज जिले की सैकड़ों महिलाएं पहुंचीं और कार्यालय बंद देख हंगामा करने लगीं.

महिलाओं ने बताया कि नॉन बैंकिंग कंपनी अधिकार ने सैकड़ों महिलाओं को लोन देने के नाम पर तीन हजार रुपये और जरूरी कागजात लिए और उसके बदले में एक रसीद दी और आठ दिसंबर को कार्यालय बुलाया. जब सभी महिलाएं कार्यालय लोन लेने शहरकोल स्थित कार्यालय पहुंचीं तो सभी लोग गायब पाये गये. हंगामे की सूचना मिलते ही नगर थाने की पुलिस पहुंची और महिलाओं को शांत कराया तथा लिखित आवेदन देने को कहा.

पहले भी होता था लोन देने पर फ्रॉड: बता दें कि संथाल परगना के कई जिलों में नॉन बैंकिंग कंपनियां वर्षो से माइक्रो फाइनेंस के नाम पर गली कूचे में अपना कार्यालय खोल कर भोले-भाले ग्रामीणों को खाता खोलवाकर उनसे राशि जमा कराया जाता था. बाद में ये सैकड़ों कंपनियां फरार हो गईं. तत्कालीन उपायुक्त डॉ सुनील कुमार सिंह के निर्देश पर कई कपंनियों के कार्यालय में छापेमारी हुई थी और अवैध रूप से फाइनेंस कंपनी चलाने, लोगों से ठगी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. उसके बाद अधिकांश कंपनियां सभी अपना-अपना सामान कार्यालय में छोड़कर फरार हो गयीं. उसके बाद मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की.

बाद में फिर कंपनियां हो गईं सक्रिय: बाद में फिर पाकुड़, साहिबगंज सहित कई अन्य जिलों में ऋण देने के नाम पर नॉन बैंकिंग कंपनियों ने ग्रामीणों इलाकों के अलावा शहरी क्षेत्र के गली मोहल्ले में अपना कार्यालय खोल दिया और अब ऋण देने ने नाम पर लोगों से ठगी किया जा रहा है. ये नॉन बैंकिंग कंपनी गांव के बीच से ही युवा और महिलाओं को एजेंट बनाकर भोले-भाले ग्रामीणों को ठगने का काम कर रहे हैं. शासन-प्रशासन में बैठे बाबूओं को इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कार्यालय में महिलाओं द्वारा किये गए हंगामा को लेकर पुलिस निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस पदाधिकारियों को दलबल के साथ शहरकोल गांव भेजा गया है. ठगी का शिकार महिलाओं से लिखित आवेदन मांगा गया है. पुलिस निरीक्षक ने बताया कि आवेदन प्राप्त होते ही प्राथमिकी दर्ज कर विधिसंवत कार्रवाई की जाएगी.

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