पाकुड़: काले पत्थर के लिए पाकुड़ देश ही नहीं बल्कि एशिया महाद्वीप में एक अलग पहचान रखता है. यहां के काले पत्थरों से देश-विदेशों में सड़कों का निर्माण कराया जाता है. पाकुड़ सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का विधानसभा क्षेत्र है. इसके बावजूद यहां के गांव पिरलीपुर में ग्रामीण एक सड़क के लिए कई साल से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनके सुनने वाला कोई नहीं.
शासन-प्रशासन भले ही विकास के लाख दावे कर ले, लेकिन जब ग्रामीण इलाकों की ओर नजर डालेंगे तो विकास का सच आपकी आंखों में चुभने लगेगा. जिस गांव की बात कर रहे हैं, वो जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर है. इस गांव में लगभग 300 परिवार हैं, जिसमें अधिकांश मजदूर और किसान हैं. इस गांव तक पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर उस सड़क को पार करना होगा, जिसमें सिर्फ गड्ढे और जमा भरा है.
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शासन प्रशासन की अनदेखी की वजह से इस सड़क का निर्माण नहीं कराया जा सका. ग्रामीणों के मुताबिक, लगभग 15 साल पहले पत्थरघट्टा मुख्य सड़क से पिरलीपुर गांव तक सड़क का निर्माण कराया गया, लेकिन न तो सड़क को चौड़ा किया गया और न ही ठीक से मेटल और डस्ट डाली गई, जिस लजह से ये सड़क एक बारिश के बाद पूरी तरह से बेकार हो गई.
अधिकारी नहीं सुनते ग्रामीणों की गुहार
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क नहीं रहने की वजह से अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए, तो उसे अस्पताल तक ले जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क का निर्माण हो इसके लिए कई बार प्रखंड कार्यालय और उपायुक्त कार्यालय के चक्कर लगाए. इसके साथ ही जिला परिषद अध्यक्ष, विधायक को भी आवेदन इस आस में दिया कि अब सड़क का निर्माण हो जाएगा और ग्रामीणों को राहत मिलेगी. हालांकि किसी ने इस पर ध्यान नही दिया.
पाकुड़ विधानसभा विधायक आलमगीर आलम जो वर्तमान में राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री है, लोग अब सवाल करने लगे है कि मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में अगर ये हाल है तो दूसरे इलाकों का क्या हाल होगा.
पत्थरघट्टा पिरलीपुर सड़क खराब रहने को लेकर आरईओ के कार्यपालक अभियंता सनथ सोरेन ने बताया कि इस खराब सड़क पर विभाग की नजर है. विभागीय मंत्री से अनुशंसा के बाद सड़क निर्माण कराया जाएगा.