पाकुड़: जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों के 1 हजार 14 बूथों पर आगामी 20 दिसंबर को होने हैं. चुनाव में ईवीएम को बूथों तक पहुंचाने और मतदान के बाद स्ट्रांग रूम वापस लाने की हर गतिविधि पर इस बार मोबाइल जीपीएस से निगरानी की जाएगी.
जीपीएस ट्रैकिंग का एक दिवसीय प्रशिक्षण
इसे लेकर जिला प्रशासन की ओर से बुधवार को जिले के 162 प्रतिनियुक्त सेक्टर मजिस्ट्रेट को हाईटेक बनाने के लिए स्मार्टफोन से जीपीएस ट्रैकिंग का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें जिला सूचना एवं तकनीकी पदाधिकारी ऋषि राज ने मोबाइल जीपीएस से चुनाव की हर गतिविधि के साथ-साथ बूथों तक ईवीएम को सुरक्षित पहुंचाने और मतदान कराने के बाद सुरक्षित लाए जाने तक जीपीएस से की जाने वाली निगरानी की तकनीकी पहलुओं के बारे में सेक्टर मजिस्ट्रेट को बताया.
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मजिस्ट्रेट के स्मार्ट फोन में मोबाइल ट्रैकिंग
प्रशिक्षण के दौरान यह भी जानकारी दी गई कि बनाए गए रूट चार्ट के मुताबिक जिला मुख्यालय से मतदान केंद्रों तक मूवमेंट किया जाना है और रूट चार्ट से हटकर मूवमेंट करने पर इसकी सारी जानकारी जीपीएस ट्रैकिंग से होगी. इसलिए दिए गए निर्देश के अनुरूप ही सेक्टर मजिस्ट्रेट चुनावी दायित्व और कर्तव्य को निभाए. मौजूद 162 सेक्टर मजिस्ट्रेट के स्मार्ट फोन में मोबाइल ट्रैकिंग के लिए सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किए गए और उसे संचालित करने की तकनीक की बारीकी से जानकारी दी गई.
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लोकेशन की निगरानी किया जाएगा कंट्रोल रूम से
प्रशिक्षण के दौरान जिला सूचना एवं तकनीकी पदाधिकारी ने बताया कि पहले कई बार मतदान दल में शामिल कर्मी बूथों तक ईवीएम ले जाने के दौरान खासकर पहाड़ों और घने जंगलों में भटक जाते थे, जिस कारण काफी समस्या उत्पन्न होती थी. उन्होंने बताया कि सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट के मोबाइल में जीपीएस ट्रैकिंग के लिए एक अलग से सॉफ्टवेयर डाला गया है और सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट का लोकेशन की निगरानी कंट्रोल रूम से किया जाएगा.
सेक्टर मजिस्ट्रेट के स्मार्ट फोन का जीपीएस ऑन रहना है जरूरी
पदाधिकारी ने बताया कि ईवीएम ले जाने और वापस लौटने के दौरान बनाए गए रूट चार्ट से हटकर चलते हैं तो उन्हें दिशा-निर्देश कंट्रोल रूम से देने का काम किया जाएगा. इसके लिए सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट के स्मार्ट फोन का जीपीएस ऑन रहना जरूरी है.