पाकुड़: किसान परिवार से राजनीति में आये और अब राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व संभालने वाले आलमगीर आलम का ड्रीम प्रोजेक्ट शीत गृह शोभा की वस्तु साबित हो रहा है. सरकार बीते एक साल से लगभग 9 करोड़ की राशि से बनाये गये पांच हजार मिट्रिक टन क्षमता वाले शीत गृह के संचालन को लेकर एजेंसी नहीं ढूंढ पायी है. ऐसा भी कह सकते हैं कि कोई एजेंसी इस शीत गृह को संचालित करने का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है.
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर की पहल और अथक प्रयास से झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा 9 करोड़ रुपये की राशि से सदर प्रखंड के कशिला में 2022 में शीत गृह का निर्माण कराया गया. इस शीत गृह का उद्घाटन राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री ने किया और उद्घाटन के बाद से लेकर अबतक यह भवन किसानों के लिए अपनी सार्थकता साबित नहीं कर पाया हैं. क्योंकि निगम द्वारा चार बार निविदा निकालने के बावजूद शीत गृह संचालन की एजेंसी के लिए किसी ने टेंडर ही नहीं डाला. ग्रामीण विकास मंत्री के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पाकुड़ प्रखंड ही नहीं बल्कि जिले के किसान भी शीत गृह का क्रियाशील होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और सरकार की नीयत और नीति पर भी सवाल खड़े कर रहे है.
इस मामले में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का कहना है कि कई बार टेंडर निकाला गया लेकिन किसी एजेंसी इसे लेने के लिए आगे नहीं आई है. मंत्री ने कहा कि कोल्ड स्टोर का संचालन हो और यहां के किसानों को इसका फायदा मिले इस ओर प्रयास किये जा रहे हैं, जल्द ही टेंडर कराकर एजेंसी को काम सौंपा जाएगा.
यहां उल्लेखनीय है कि आकांक्षी जिले की सूची में शुमार पाकुड़ जिला में कृषि को बढ़ावा देने, किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाओं को धरातल पर उतारने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है. दूसरी ओर खासकर सब्जी की खेती के लिए जिले को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयासरत पाकुड़, महेशपुर, लिट्टीपाड़ा, हिरणपुर आदि प्रखंडों के किसान यह चर्चा भी कर रहे हैं. अगर कोल्ड स्टोर चालू हो गया होता तो वे अपनी उपज को यहां रखते और उन्हें बाजारों में अपने उत्पादों की अच्छी कीमत मिलती.
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