पाकुड़: 60-40 नियोजन नीति के विरोध में दो दिवसीय झारखंड बंद का पाकुड़ जिले में मिला-जुला असर दिख रहा है. शनिवार (10 जून) सुबह लगभग 6 बजे से ही छात्र-छात्राओं ने पाकुड़-दुमका मुख्य सड़क को जाम कर दिया. सड़क जाम की वजह से आवागमन बाधित हो गया. इससे दैनिक मजदूर, किसान, वाहन चालक और यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी.
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बंद का ऐलान किया जाने के कारण शहरी क्षेत्र के किराना, कपड़ा, जूता, कॉस्मेटिक दुकान के अलावा कल कारखाना लगभग बंद रहा. वहीं चाय, नास्ता दुकान, होटल, रेस्तरां, फल, सब्जी, दूध की दुकानें खुली रही. जबकि लोकल और एक्सप्रेस ट्रेन, मालगाड़ियों का परिचालन अन्य दिनों की तरह सामान्य रहा. 60-40 नियोजन नीति का विरोध कर रहे आदिवासी छात्र छात्राओं ने पाकुड़ जिला मुख्यालय में मुख्य सड़क के अलावा लिंक रोड को भी कई स्थानों में बांस बल्ला लगाकर जाम कर दिया गया है. सड़क जाम कर रहे छात्र छात्राओ ने साइकिल मोटरसाइकिल को भी आने जाने नही दिया.
सड़क जाम का नेतृत्व कर रहे छात्र संघ के नेता कमल मुर्मू ने बताया कि हेमंत सोरेन की गलत नीति के कारण झारखंड के युवा बेरोजगार है. उन्होंने कहा कि जबतक झारखंड सरकार 60-40 नियोजन नीति को खत्म नहीं करती आंदोलन जारी रहेगा. छात्र नेता ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर डिमांड को पूरा करने की मांग की जा रही है. यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आगे उग्र आंदोलन की बात कही.
कहा इसका खामियाजा हेमंत सोरेन की सरकार को आने वाले 2024 के विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा. छात्र संगठन ने दो दिवसीय झारखंड बंद किये जाने को लेकर यहां पुलिस प्रशासन सक्रिय दिखा. पुलिस अधिकारी व सैकड़ो जवानों को चौक चौराहे, जाम स्थल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन में तैनात किए गये. हालांकि सड़क जाम कर रहे छात्र छात्राओं ने एंबुलेंस, दूध का वाहन सहित आपातकालीन सेवाओ को सड़क जाम से मुक्त रखा है.