पाकुड़: रविवार के दिन सरकारी कर्मचारियों और पदाधिकारियों की साप्ताहिक छुट्टी होती है. लेकिन जिले में अनुबंध पर बहाल स्वास्थ्यकर्मियों की साप्ताहिक छुट्टी रद्द कर ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है. इससे नाराज स्वास्थ्यकर्मियों ने जमकर हंगामा किया है.
यह भी पढ़ेंःकोरोना का टीका नहीं लगवाएंगे एएनएम/जीएनएम, स्थायी न किए जाने के विरोध में फैसला
झारखंड एनआरएचएम, एएनएम, जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ के बैनर तले रविवार को अनुबंध पर बहाल स्वास्थ्यकर्मियों ने सिविल सर्जन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. अनुबंधकर्मी सुबह से ही अपने अपने प्रखंडों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर धरना दे रहे हैं.
मजबूरन धरना पर बैठना पड़ा
धरना पर बैठे स्वास्थ्यकर्मी तीन माह के बकाया वेतन का भुगतान करने, अनुबंध स्वास्थकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने, कोविड वैक्सीनेशन में शामिल कर्मियों को नाश्ता-भोजन देने आदि मांग कर रहे हैं. मुख्यालय में धरना का नेतृत्व कर रहे एएनएम कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष मारशिला टुडू ने कहा कि हमने अपनी मांगों की सूचना मुख्यमंत्री, उपायुक्त और अन्य पदाधिकारियों को दी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि रविवार को छुट्टी का दिन है. इसके बावजूद हम अनुबंधकर्मियों को ड्यूटी पर बुलाया जाता है.
आवश्यकता के अनुसार करनी पड़ेगी ड्यूटी
उन्होंने कहा कि साप्ताहिक छुट्टी हमारा हक है और यह देना पड़ेगा. स्वास्थ्यकर्मी जयंती साधु ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम में सभी कर्मी बढ़ चढ़कर काम कर रहे हैं. इसके बावजूद रविवार को छुट्टी नहीं दी जा रही. उन्होंने कहा कि हमारे भी बाल-बच्चे हैं. हम बच्चों के साथ सप्ताह में एक दिन भी नहीं रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि पर्व के दौरान भी ड्यूटी पर तैनात थे. लेकिन आश्वासन के बाद भी रविवार को छुट्टी नहीं दी जा रही है. मजबूरन स्वास्थ्य कर्मियों को धरना पर बैठना पड़ा है. वहीं, सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग आकस्मिक विभाग है और आवश्यकता के अनुसार ड्यूटी करनी पड़ेगी.