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लापरवाही: गोदाम में सड़ गए नमक और चीनी, लाभुकों तक नहीं पहुंचा निवाला

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Published : Oct 17, 2019, 12:57 PM IST

पाकुड़ जिले के विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते अंत्योदय योजना के लाभुकों की हकमारी हो रही है. लापरवाही के कारण लाभुकों को नहीं दिया गया अनाज. लाखों के नमक और चीनी गोदाम में ही सड़े.

गोदाम में सड़े अनाज

पाकुड़: राज्य की रघुवर सरकार जहां गरीबों की हकमारी करने वाले अधिकारियों के साथ-साथ बिचौलिया के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है. वहीं पाकुड़ जिले के विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते अंत्योदय योजना के लाभुकों की हकमारी हो रही है. आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा सदर प्रखंड के हजारों अंत्योदय योजना के लाभुकों को भुगतना पड़ा है. यदि आपूर्ति विभाग से जुड़े अधिकारी गरीबों के प्रति संवेदनशील होते तो हजारों बोरी नमक और चीनी बर्बाद नहीं होते.

देखें पूरी खबर

नहीं हो सका वितरण
अंत्योदय योजना के लाभुकों को सरकार ने सस्ते दर पर चीनी और नमक मुहैया कराने के लिए आपूर्ति विभाग को चीनी और नमक की आपूर्ति की थी. 22 रुपए 50 पैसे की दर से एक किलो चीनी और एक रुपए की दर से नमक अंत्योदय योजना के लाभुकों को मुहैया कराया जाना था. राज्य खाद्य निगम के गोदाम में नमक और चीनी पहुंचा भी पर इसका वितरण समय पर नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें- अफीम तस्करों के विरुद्ध चतरा पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई, तीन तस्करों को किया गिरफ्तार

नहीं हुई समीक्षा
इतना ही नहीं आपूर्ति विभाग की बैठकों में भी नमक और चीनी वितरण और इसके अनुश्रवण की सही तरीके से समीक्षा नहीं हुई. यदि समीक्षा हो जाती तो सदर प्रखंड के हजारों अंत्योदय योजना के लाभुकों को चीनी और नमक मिल जाती और सरकार की योजना भी धरातल पर उतर जाती पर ऐसा हो नहीं सका.

ये भी पढ़ें- घंटी आधारित संविदा सहायक प्रधानाध्यापकों की रघुवर सरकार को चेतावनी, कहा- मानदेय निर्धारित नहीं किया तो होगी भूख हड़ताल

सरकार को लाखों रुपए का नुकसान
आज राज्य खाद्य निगम के गोदाम में सैकड़ों बोरी चीनी और हजारों बोरी नमक बर्बाद हो गए हैं. ये लाभुकों के साथ-साथ सरकार की नीतियों को भी मुंह चिढ़ा रही है. आपूर्ति विभाग की सूत्रों के मुताबिक, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और सहायक गोदाम प्रबंधक ने गोदाम से अनाज के साथ-साथ चीनी और नमक उपलब्ध कराने के लिए बिचौलियों को जिम्मेवारी दी. इसलिए आज हजारों बोरी नमक और सैंकड़ों बोरी चीनी बर्बाद हो गए. चीनी और नमक बर्बाद हो जाने के कारण सरकार को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है.

ये भी पढ़ें- लालपुर गोलीकांड: बेखौफ अपराधियों का दुस्साहस, देखिए VIDEO

सहायक गोदाम प्रबंधक ने क्या कहा
इस मामले को लेकर सहायक गोदाम प्रबंधक राजीव रंजन का कहना कुछ और है. रंजन ने बताया कि पूर्व के एजीएम के कार्यकाल में चीनी और नमक बर्बाद हुए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार से यह रिपोर्ट मांगी गई है कि चीनी और नमक कितने प्रयुक्त हुए हैं. रंजन से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अब तक यह आंकलन नहीं किया गया है कि कितनी मात्रा में चीनी और नमक बर्बाद हुए हैं.

पाकुड़: राज्य की रघुवर सरकार जहां गरीबों की हकमारी करने वाले अधिकारियों के साथ-साथ बिचौलिया के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है. वहीं पाकुड़ जिले के विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते अंत्योदय योजना के लाभुकों की हकमारी हो रही है. आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा सदर प्रखंड के हजारों अंत्योदय योजना के लाभुकों को भुगतना पड़ा है. यदि आपूर्ति विभाग से जुड़े अधिकारी गरीबों के प्रति संवेदनशील होते तो हजारों बोरी नमक और चीनी बर्बाद नहीं होते.

देखें पूरी खबर

नहीं हो सका वितरण
अंत्योदय योजना के लाभुकों को सरकार ने सस्ते दर पर चीनी और नमक मुहैया कराने के लिए आपूर्ति विभाग को चीनी और नमक की आपूर्ति की थी. 22 रुपए 50 पैसे की दर से एक किलो चीनी और एक रुपए की दर से नमक अंत्योदय योजना के लाभुकों को मुहैया कराया जाना था. राज्य खाद्य निगम के गोदाम में नमक और चीनी पहुंचा भी पर इसका वितरण समय पर नहीं हुआ.

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नहीं हुई समीक्षा
इतना ही नहीं आपूर्ति विभाग की बैठकों में भी नमक और चीनी वितरण और इसके अनुश्रवण की सही तरीके से समीक्षा नहीं हुई. यदि समीक्षा हो जाती तो सदर प्रखंड के हजारों अंत्योदय योजना के लाभुकों को चीनी और नमक मिल जाती और सरकार की योजना भी धरातल पर उतर जाती पर ऐसा हो नहीं सका.

ये भी पढ़ें- घंटी आधारित संविदा सहायक प्रधानाध्यापकों की रघुवर सरकार को चेतावनी, कहा- मानदेय निर्धारित नहीं किया तो होगी भूख हड़ताल

सरकार को लाखों रुपए का नुकसान
आज राज्य खाद्य निगम के गोदाम में सैकड़ों बोरी चीनी और हजारों बोरी नमक बर्बाद हो गए हैं. ये लाभुकों के साथ-साथ सरकार की नीतियों को भी मुंह चिढ़ा रही है. आपूर्ति विभाग की सूत्रों के मुताबिक, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और सहायक गोदाम प्रबंधक ने गोदाम से अनाज के साथ-साथ चीनी और नमक उपलब्ध कराने के लिए बिचौलियों को जिम्मेवारी दी. इसलिए आज हजारों बोरी नमक और सैंकड़ों बोरी चीनी बर्बाद हो गए. चीनी और नमक बर्बाद हो जाने के कारण सरकार को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है.

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सहायक गोदाम प्रबंधक ने क्या कहा
इस मामले को लेकर सहायक गोदाम प्रबंधक राजीव रंजन का कहना कुछ और है. रंजन ने बताया कि पूर्व के एजीएम के कार्यकाल में चीनी और नमक बर्बाद हुए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार से यह रिपोर्ट मांगी गई है कि चीनी और नमक कितने प्रयुक्त हुए हैं. रंजन से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अब तक यह आंकलन नहीं किया गया है कि कितनी मात्रा में चीनी और नमक बर्बाद हुए हैं.

Intro:बाइट : राजीव रंजन, सहायक गोदाम प्रबंधक, पाकुड़

पाकुड़ : राज्य की रघुवर सरकार जहां गरीबों की हकमारी करने वाले अधिकारियों के साथ-साथ बिचौलिया के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है, वहीं पाकुड़ जिले के विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते अंत्योदय योजना के लाभुकों की हकमारी हो रही है। आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा सदर प्रखंड के हजारों अंत्योदय योजना के लाभुकों को भुगतना पड़ा है। यदि आपूर्ति विभाग से जुड़े अधिकारी गरीबों के प्रति संवेदनशील होते तो हजारों बोरी नमक और चीनी बर्बाद नहीं होता।


Body:अंत्योदय योजना के लाभुकों को सरकार ने सस्ते दर पर चीनी और नमक मुहैया कराने के लिए आपूर्ति विभाग को चीनी और नमक की आपूर्ति की थी। 22 रुपये 50 पैसे की दर से 1 किलो चीनी और एक रुपए की दर से नमक अंत्योदय योजना के लाभुकों को मुहैया कराया जाना था। राज्य खाद्य निगम के गोदाम में नमक और चीनी पहुंचा भी पर इसका वितरण समय पर नहीं हुआ। इतना ही नहीं अपूर्ति विभाग की बैठकों में भी नमक और चीनी वितरण एवं इसका अनुश्रवण की सही तरीके से समीक्षा नहीं हुई। यदि समीक्षा हो जाती तो सदर प्रखंड के हजारों अंत्योदय योजना के लाभुकों को चीनी और नमक मिल जाता और सरकार की योजना भी धरातल पर उतर जाती पर ऐसा हो नहीं सका। आज राज्य खाद्य निगम के गोदाम में सैकड़ों बोरी चीनी एवं हजारों बोरी नमक जो बर्बाद हो गई है लाभुकों के साथ-साथ सरकार की नीतियों को भी मुंह चिढ़ाते दिख रहा है। आपूर्ति विभाग के सूत्रों के मुताबिक प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी एवं सहायक गोदाम प्रबंधक द्वारा गोदाम से अनाज के साथ-साथ चीनी और नमक हथालन अभिकर्ता को उपलब्ध कराने के लिए बिचौलियों को जिम्मेवारी दी गई थी इसलिए आज हजारों बोरी नमक और सैकड़ों बोरी चीनी बर्बाद हो गए हैं। चीनी और नमक बर्बाद हो जाने के कारण सरकार को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। लाभुकों का आक्रोश तो अलग बात है।


Conclusion:इस मामले को लेकर सहायक गोदाम प्रबंधक राजीव रंजन का कहना कुछ और है। श्री रंजन ने बताया कि पूर्व के एजीएम के कार्यकाल में चीनी और नमक बर्बाद हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार से यह रिपोर्ट मांगी गई है कि चीनी और नमक कितने प्रयुक्त हुए हैं। श्री रंजन से पूछे जाने पर बताया कि अब तक यह आकलन नहीं किया गया है कि कितने मात्रा में चीनी और नमक बर्बाद हुए हैं।
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