पाकुड़: राज्य की रघुवर सरकार जहां गरीबों की हकमारी करने वाले अधिकारियों के साथ-साथ बिचौलिया के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है. वहीं पाकुड़ जिले के विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते अंत्योदय योजना के लाभुकों की हकमारी हो रही है. आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा सदर प्रखंड के हजारों अंत्योदय योजना के लाभुकों को भुगतना पड़ा है. यदि आपूर्ति विभाग से जुड़े अधिकारी गरीबों के प्रति संवेदनशील होते तो हजारों बोरी नमक और चीनी बर्बाद नहीं होते.
नहीं हो सका वितरण
अंत्योदय योजना के लाभुकों को सरकार ने सस्ते दर पर चीनी और नमक मुहैया कराने के लिए आपूर्ति विभाग को चीनी और नमक की आपूर्ति की थी. 22 रुपए 50 पैसे की दर से एक किलो चीनी और एक रुपए की दर से नमक अंत्योदय योजना के लाभुकों को मुहैया कराया जाना था. राज्य खाद्य निगम के गोदाम में नमक और चीनी पहुंचा भी पर इसका वितरण समय पर नहीं हुआ.
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नहीं हुई समीक्षा
इतना ही नहीं आपूर्ति विभाग की बैठकों में भी नमक और चीनी वितरण और इसके अनुश्रवण की सही तरीके से समीक्षा नहीं हुई. यदि समीक्षा हो जाती तो सदर प्रखंड के हजारों अंत्योदय योजना के लाभुकों को चीनी और नमक मिल जाती और सरकार की योजना भी धरातल पर उतर जाती पर ऐसा हो नहीं सका.
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सरकार को लाखों रुपए का नुकसान
आज राज्य खाद्य निगम के गोदाम में सैकड़ों बोरी चीनी और हजारों बोरी नमक बर्बाद हो गए हैं. ये लाभुकों के साथ-साथ सरकार की नीतियों को भी मुंह चिढ़ा रही है. आपूर्ति विभाग की सूत्रों के मुताबिक, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और सहायक गोदाम प्रबंधक ने गोदाम से अनाज के साथ-साथ चीनी और नमक उपलब्ध कराने के लिए बिचौलियों को जिम्मेवारी दी. इसलिए आज हजारों बोरी नमक और सैंकड़ों बोरी चीनी बर्बाद हो गए. चीनी और नमक बर्बाद हो जाने के कारण सरकार को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है.
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सहायक गोदाम प्रबंधक ने क्या कहा
इस मामले को लेकर सहायक गोदाम प्रबंधक राजीव रंजन का कहना कुछ और है. रंजन ने बताया कि पूर्व के एजीएम के कार्यकाल में चीनी और नमक बर्बाद हुए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार से यह रिपोर्ट मांगी गई है कि चीनी और नमक कितने प्रयुक्त हुए हैं. रंजन से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अब तक यह आंकलन नहीं किया गया है कि कितनी मात्रा में चीनी और नमक बर्बाद हुए हैं.