पाकुड़: पुरानी पेंशन नीति लागू करने, अनुबंध एवं आउटसोर्स पर बहाल कर्मियों की सेवा स्थायी करने, केंद्रीय कर्मियों की तरह राज्य के कर्मचारियों को बोनस का लाभ देने सहित आठ सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया. पाकुड़ में भारत बंद का असर देखा गया. इस प्रदर्शन के बाद महासंघ के प्रतिनिधियों ने पीएम के नाम मांग पत्र डीडीसी को सौपा.
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पाकुड़ में सरकारी कर्मचारियों का प्रदर्शन झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के नेतृत्व में हुआ. आंदोलन का नेतृत्व महासंघ के सुरेश सिंह, देवाशीष वात्सयन ने किया. दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सैकड़ों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. महासंघ के अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में भी कई बार आंदोलन किये गए लेकिन उनकी मांगों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया और मजबूरन उन्होंने आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा. अध्यक्ष देवाशीष वात्सयन ने कहा कि अगर उनकी इन मांगों को जल्द सरकार पूरा नहीं करती है तो सड़क पर जबरदस्त आंदोलन किया जाएगा.
प्रदर्शन के बाद महासंघ के प्रतिनिधियों ने पीएम ने नाम मांग पत्र डीडीसी को सौंपा. संघ के अध्यक्ष ने बताया कि पुरानी पेंशन नीति को लागू करने, एएनएम, जीएनएम को स्थायी करने, कर्मचारियों का 18 माह का रोके गए डीए सूद सहित भुगतान करने, पीएफ ब्याज दर में कटौती को वापस लेने, ससमय प्रोन्नति व्यवस्था को चालू करने, मजदूर विरोधी चार काला कोड वापस लेने, कैशलेस चिकित्सा व्यवस्था लागू करने, केंद्रीय कर्मियों की तरह बोनस एवं भत्ता देने की मांगों के साथ साथ निजीकरण और केंद्र की नीतियों का विरोध स्वरुप ये आंदोलन किया जा रहा है.