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पाकुड़: मनरेगा मजदूरों का बकाया भुगतान न करना पड़ा महंगा, कोर्ट के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज - Case of non-payment of wages in MNREGA

पाकुड़ जिले में 4 मनरेगा कर्मियों द्वारा मनरेगा में मजदूरों का बकाया भुगतान न करने पर एफआईआर दर्ज की गई है. मुफसिल थाने में बीडीओ संतोष कुमार प्रजापति की शिकायत पर कनीय अभियंता राजकुमार मंडल, पंचायत सचिव कलम पहाड़िया, जनसेवक जीसु हांसदा एवं रोजगार सेवक मो. शब्बीर को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.

मनरेगा मजदूरों का भुगतान न करने पर एफआईआर
मनरेगा मजदूरों का भुगतान न करने पर एफआईआर
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Published : May 20, 2020, 11:20 AM IST

पाकुड़: जिले में मनरेगा मजदूरों का बकाया भुगतान न करने का मामला सामने आया है. सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ग्रामीण भागों में मजदूरों को 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा योजना देश भर में संचालित है. जिले में इस योजना में खून पसीना बहाने वाले मजदूरों का हक मारने पर सदर प्रखंड के तत्कालीन कनीय अभियंता राजकुमार मंडल, पंचायत सचिव कमल पहाड़िया, जनसेवक जीसु हांसदा एवं अभिकर्ता मो. शब्बीर को महंगा पड़ा.

उच्च न्यायालय झारखंड के दिये गये फैसले के आलोक में डीसी के निर्देश पर सदर बीडीओ ने चारों मनरेगा से जुड़े कर्मियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है. प्राथमिकी में इन चारों मनरेगा कर्मियों पर मजदूरो को भुगतान न करने, अभिलेखों का विधिवत संधारण करने, बिना हस्ताक्षर युक्त मापी पुस्तिका में कनीय अभियंता द्वारा विपत्र नियमाकुल नहीं बनाने के आरोप लगाये गये है.

मुफसिल थाने में सदर बीडीओ संतोष कुमार प्रजापति की लिखित शिकायत पर कनीय अभियंता राजकुमार मंडल, पंचायत सचिव कलम पहाड़िया, जनसेवक जीसु हांसदा एवं रोजगार सेवक सह योजना के अभिकर्ता मो. सब्बीर को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.

जिन योजनाओ में काम करने वाले मजदूरो को मजदूरी भुगतान नहीं किये जाने के आरोप लगाये गये है,. वह वित्तीय वर्ष 2010-2011 की सदर प्रखंड के पूर्वी पंचायत से संबंधित तालाब निर्माण से जुड़ी योजना संख्या 18, 53, 54, 57, 60, 61, 105 एवं 110 शामिल है.

सदर बीडीओ संतोष कुमार प्रजापति ने बताया कि झिकरहट्टी पूर्वी पंचायत के मजदूरों ने उच्च न्यायालय में बकाया मजदूरी के भुगतान को लेकर रिट दायर की थी और दायर परिवाद डब्लुपी (सी) 1186/2014 में उच्च न्यायालय ने बकाया मजदूरी का भुगतान करने के साथ दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश पारित किया था.

मनरेगा मजदूरों का भुगतान न करने पर एफआईआर
मनरेगा मजदूरों का भुगतान न करने पर एफआईआर

बीडीओ ने बताया कि उच्च न्यायालय के पारित आदेश में डीसी के पत्रांक 70/मनरेगा दिनांक 26 फरवरी 2020 द्वारा एफआइआर दर्ज करने के आदेश मिले थे.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में मिले 248 कोरोना मरीज, 98 झारखंड लौटे प्रवासी मजदूर हैं पॉजिटिव

इसी आलोक में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.बता दें कि सदर प्रखंड के सुबोध मंडल एवं अन्य मजदूरों ने झिकरहट्टी पूर्वी पंचायत में मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2010-2011 में नसरूद्दीन शेख, मानरूल हक, सरीफुल शेख, मुजफ्फर शेख आदि ग्रामीणों ने जमीन पर तालाब निर्माण में काम करने वाले मजदूरो के बकाया भुगतान को लेकर तत्कालीन बीडीओ, डीसी व अन्य अधिकारियों को लिखित शिकायत की थी, परंतु वर्षो बीतने के बाद भी बकाया मजदूरी का भुगतान नही हुआ.

थकहार कर इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी और उच्चतम न्यायालय ने अपने दिये गये फैसले में मजदूरो को बकाया मजदूरी का भुगतान करने के साथ दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश सितम्बर 2019 में दिया था.

पाकुड़: जिले में मनरेगा मजदूरों का बकाया भुगतान न करने का मामला सामने आया है. सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ग्रामीण भागों में मजदूरों को 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा योजना देश भर में संचालित है. जिले में इस योजना में खून पसीना बहाने वाले मजदूरों का हक मारने पर सदर प्रखंड के तत्कालीन कनीय अभियंता राजकुमार मंडल, पंचायत सचिव कमल पहाड़िया, जनसेवक जीसु हांसदा एवं अभिकर्ता मो. शब्बीर को महंगा पड़ा.

उच्च न्यायालय झारखंड के दिये गये फैसले के आलोक में डीसी के निर्देश पर सदर बीडीओ ने चारों मनरेगा से जुड़े कर्मियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है. प्राथमिकी में इन चारों मनरेगा कर्मियों पर मजदूरो को भुगतान न करने, अभिलेखों का विधिवत संधारण करने, बिना हस्ताक्षर युक्त मापी पुस्तिका में कनीय अभियंता द्वारा विपत्र नियमाकुल नहीं बनाने के आरोप लगाये गये है.

मुफसिल थाने में सदर बीडीओ संतोष कुमार प्रजापति की लिखित शिकायत पर कनीय अभियंता राजकुमार मंडल, पंचायत सचिव कलम पहाड़िया, जनसेवक जीसु हांसदा एवं रोजगार सेवक सह योजना के अभिकर्ता मो. सब्बीर को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.

जिन योजनाओ में काम करने वाले मजदूरो को मजदूरी भुगतान नहीं किये जाने के आरोप लगाये गये है,. वह वित्तीय वर्ष 2010-2011 की सदर प्रखंड के पूर्वी पंचायत से संबंधित तालाब निर्माण से जुड़ी योजना संख्या 18, 53, 54, 57, 60, 61, 105 एवं 110 शामिल है.

सदर बीडीओ संतोष कुमार प्रजापति ने बताया कि झिकरहट्टी पूर्वी पंचायत के मजदूरों ने उच्च न्यायालय में बकाया मजदूरी के भुगतान को लेकर रिट दायर की थी और दायर परिवाद डब्लुपी (सी) 1186/2014 में उच्च न्यायालय ने बकाया मजदूरी का भुगतान करने के साथ दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश पारित किया था.

मनरेगा मजदूरों का भुगतान न करने पर एफआईआर
मनरेगा मजदूरों का भुगतान न करने पर एफआईआर

बीडीओ ने बताया कि उच्च न्यायालय के पारित आदेश में डीसी के पत्रांक 70/मनरेगा दिनांक 26 फरवरी 2020 द्वारा एफआइआर दर्ज करने के आदेश मिले थे.

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इसी आलोक में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.बता दें कि सदर प्रखंड के सुबोध मंडल एवं अन्य मजदूरों ने झिकरहट्टी पूर्वी पंचायत में मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2010-2011 में नसरूद्दीन शेख, मानरूल हक, सरीफुल शेख, मुजफ्फर शेख आदि ग्रामीणों ने जमीन पर तालाब निर्माण में काम करने वाले मजदूरो के बकाया भुगतान को लेकर तत्कालीन बीडीओ, डीसी व अन्य अधिकारियों को लिखित शिकायत की थी, परंतु वर्षो बीतने के बाद भी बकाया मजदूरी का भुगतान नही हुआ.

थकहार कर इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी और उच्चतम न्यायालय ने अपने दिये गये फैसले में मजदूरो को बकाया मजदूरी का भुगतान करने के साथ दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश सितम्बर 2019 में दिया था.

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