पाकुड़: मनरेगा में इन दिनों मजदूरों के बजाय जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है. इसका खुलासा तब हुआ, जब सदर बीडीओ सफिक आलम ने मामले में मुफस्सिल थाना में एफआईआर दर्ज करायी. बीडीओ द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के बाद मजदूर आधारित मनरेगा को लेकर लोगों में जबरदस्त चर्चा है.
सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्जः थाने को दी गई लिखित शिकायत में बीडीओ सफिक आलम ने उल्लेख किया है कि सदर प्रखंड के नवरोत्तमपुर पंचायत के जोगिगड़िया गांव में बबलू टुडू की एक एकड़ जमीन पर मनरेगा योजना से पौधरोपण का कार्य कराया जाना था. इस कार्य में पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, लाभुक के अलावा बिचौलिया ने मिलीभगत कर मजदूरों की बजाय कार्य में जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया. अभियंताओं की जांच में मामले का खुलासा हुआ है. उन्होंने कहा कि मामला मनरेगा एक्ट के उल्लंघन का है. इधर, सदर बीडीओ की लिखित शिकायत पर थाने में पंचायत सचिव उमेश कुमार साहा, रोजगार सेवक अब्दुल रकीब, बाबूलाल टुडू, लखीराम टुडू, सोनातन टुडू, सुनीराम टुडू, जेसीबी मालिक मोजाम शेख को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
मामला दर्ज कर जांच में जुटी पुलिसः वहीं प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस मामले की जांच में जुटी है. बताते चलें कि मनरेगा में मजदूरों की हकमारी कर जेबीसी से कार्य कराने, अधिकारियों द्वारा योजना का निरीक्षण नहीं करने, अनदेखी करने को लेकर आम सहित खास लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. मनरेगा में मजदूरों की मजदूरी की हकमारी कr जिले में यह पहली घटना नहीं है. इसके पूर्व भी सैकड़ों योजनाओं में गड़बड़-घोटाले हुए हैं.