ETV Bharat / state

नियति का खेल: जन्म देकर मां ने छोड़ा साथ, अब नाबालिग पिता ने भी तोड़ा नाता

पाकुड़ में एक नाबालिग मां ने एक बच्चे को जन्म दिया. जन्म देने के बाद मां की मौत हो गई. आर्थिक हालत अच्छी नहीं होने के कारण बच्चे के पिता ने उसे चाइल्ड लाइन सेंटर में छोड़ दिया.

बच्चे के साथ उसका पिता
author img

By

Published : Jul 19, 2019, 7:24 PM IST

पाकुड़: जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के एक गांव में ऊपर वाले ने एक नवजात के साथ बड़ी नाइंसाफी की. पहले तो जन्म देते ही उसकी मां ये दुनिया छोड़कर चली गई. अब आर्थिक तंगी की वजह से उसके सिर पर से बाप का साया भी छिन गया. उसकी हालत अनाथों जैसी हो गई है.

देखें पूरी खबर

चाइल्ड लाइन सेंटर में बच्चे की देखभाल
नवजात की देखभाल जिला मुख्यालय के जनलोक कल्याण परिषद द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन सेंटर में चल रहा है. बाल कल्याण समिति नवजात को देवघर जिले के विशेष दत्तक ग्रहण संस्था (साह) में भेजने की आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर रही है. उसे 20 जुलाई को देवघर भेज दिया जायेगा.

ये भी पढ़ें-हिरासत में प्रियंका : कहा- 'पीड़ित परिजनों से मिले बिना वापस नहीं लौटूंगी'

दोनों की मुलाकात एक हाट में हुई
जानकारी के अनुसार एक साल पहले अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला के 15 वर्षीय आदिवासी लड़के की मुलाकात साप्ताहिक हाट में 14 साल की आदिवासी लड़की से हुई. दोनों का प्रेम परवान चढ़ा और उन्होंने साथ रहने की कसमें खाईं. दोनों एक साथ रहने भी लगे और 15 दिन पहले एक बच्चे ने जन्म लिया.

जन्म के बाद बच्चे की मां की मौत
बच्चे को जन्म देने के बाद युवती की तबीयत खराब हो गई. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. बच्चे की मां के निधन के बाद कुछ दिनों तक उसके पिता ने बच्चे की देखभाल की, लेकिन अर्थाभाव के कारण वो बच्चे को चाइल्ड लाइन सेंटर ले आया. वहां उसने यह कहा कि वो नवजात की परवरिश सही तरीके से नहीं कर पायेगा, इसलिए उसने बच्चे को सेंटर में ही जमा कर दिया.

नवजात की स्वास्थ्य जांच
बाल कल्याण समिति के सदस्य विनोद कुमार प्रमाणिक ने बताया कि नवजात को चाइल्ड लाइन सेंटर उसके पिता ने पहुंचाया है. उसकी स्वास्थ्य जांच करायी गयी है. सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चे को देवघर विशेष दत्तक ग्रहण संस्था को पहुंचाया जायेगा.

पाकुड़: जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के एक गांव में ऊपर वाले ने एक नवजात के साथ बड़ी नाइंसाफी की. पहले तो जन्म देते ही उसकी मां ये दुनिया छोड़कर चली गई. अब आर्थिक तंगी की वजह से उसके सिर पर से बाप का साया भी छिन गया. उसकी हालत अनाथों जैसी हो गई है.

देखें पूरी खबर

चाइल्ड लाइन सेंटर में बच्चे की देखभाल
नवजात की देखभाल जिला मुख्यालय के जनलोक कल्याण परिषद द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन सेंटर में चल रहा है. बाल कल्याण समिति नवजात को देवघर जिले के विशेष दत्तक ग्रहण संस्था (साह) में भेजने की आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर रही है. उसे 20 जुलाई को देवघर भेज दिया जायेगा.

ये भी पढ़ें-हिरासत में प्रियंका : कहा- 'पीड़ित परिजनों से मिले बिना वापस नहीं लौटूंगी'

दोनों की मुलाकात एक हाट में हुई
जानकारी के अनुसार एक साल पहले अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला के 15 वर्षीय आदिवासी लड़के की मुलाकात साप्ताहिक हाट में 14 साल की आदिवासी लड़की से हुई. दोनों का प्रेम परवान चढ़ा और उन्होंने साथ रहने की कसमें खाईं. दोनों एक साथ रहने भी लगे और 15 दिन पहले एक बच्चे ने जन्म लिया.

जन्म के बाद बच्चे की मां की मौत
बच्चे को जन्म देने के बाद युवती की तबीयत खराब हो गई. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. बच्चे की मां के निधन के बाद कुछ दिनों तक उसके पिता ने बच्चे की देखभाल की, लेकिन अर्थाभाव के कारण वो बच्चे को चाइल्ड लाइन सेंटर ले आया. वहां उसने यह कहा कि वो नवजात की परवरिश सही तरीके से नहीं कर पायेगा, इसलिए उसने बच्चे को सेंटर में ही जमा कर दिया.

नवजात की स्वास्थ्य जांच
बाल कल्याण समिति के सदस्य विनोद कुमार प्रमाणिक ने बताया कि नवजात को चाइल्ड लाइन सेंटर उसके पिता ने पहुंचाया है. उसकी स्वास्थ्य जांच करायी गयी है. सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चे को देवघर विशेष दत्तक ग्रहण संस्था को पहुंचाया जायेगा.

Intro:बाइट : नवजात बच्चे का पिता (नाबालिग है)
बाइट : ज्योतिन हेम्ब्रम, ग्रामीण
बाइट : बिनोद कुमार प्रमाणिक, सदस्य, बाल कल्याण समिति

पाकुड़: जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के एक गांव में एक नवजात बच्चे के साथ नियति ने गजब का खेल खेला है। अपने लड़के को जन्म देने के बाद माँ ने जहां उसका साथ छोड़ दिया तो पिता ने आर्थिक तंगी का हवाला देकर बच्चे की परवरिश के लिए उसे चाइल्ड लाइन कोलब सेंटर पहुंचा दिया है। 


Body:नवजात शिशु की देखभाल जिला मुख्यालय के जनलोक कल्याण परिषद द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन कोलब सेंटर में चल रहा है। इस नवजात शिशु को विशेष दत्तक ग्रहण संस्था देवघर में पहुंचाने की आवश्यक प्रक्रियाए बाल कल्याण समिति द्वारा पुरी की जा रही है। इसे इश्वर की लीला कहे या नवजात शिशु का दुर्भाग्य की इसे जन्म देने वाले माँ ने पहले साथ छोड़ा और बाद में अर्थाभाव के कारण पिता ने पालन पोषण से ही इंकार कर दिया। 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिते एक साल पहले अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला के 15 वर्षीय एक आदिवासी युवक की मुलाकात साप्ताहिक हाट में 14 साल की आदिवासी युवती से हुई। दोनो का प्रेम परवान चढ़ा और एक साथ रहने की कसमें खायी। दोनो एक साथ रहने भी लगे और 15 दिन पूर्व एक शिशु ने जन्म लिया। बच्चे को जन्म देने के बाद माँ की तबियत खराब हुई। पति इलाज के लिए अपनी पत्नी को अस्पताल ले जाने की तैयारी में था कि उसने दम तोड़ दिया। माँ की निधन के बाद कुछ दिनो तक पिता ने बच्चे की देखभाल की परंतु अर्थाभाव के कारण वह बच्चे को चाइल्ड लाइन कोलब सेंटर ले आया और यह कहते हुए कि आगे वह इस नवजात शिशु की परवरिश सही तरीके से नही कर पायेगा सेंटर में ही जमा कर दिया। 
इस मार्मिक घटना की जानकारी जिस किसी को मिल रही है वह यही कह रहा कि आखिर इस नवजात शिशु के साथ इश्वर ने यह खेल क्यों खेला। फिलवक्त नवजात शिशु चाइल्ड लाइन कोलब सेंटर में किलकारिया ले रहा है और यहां रह रहे दर्जनो बच्चे उसे अपना मानकर प्यार और दुलार रहे यह महसुस कर कि एक या दो दिन ही सही यह अपना बच्चा अपने बीच तो है। 
बाल कल्याण समिति इस नवजात शिशु को देवघर जिले के विशेष दत्तक ग्रहण संस्था (साह) में भेजने की आवश्यक प्रक्रियाए पूरी कर ली है और आगामी 20 जुलाई को उसे देवघर भेज दिया जायेगा। 


Conclusion:बाल कल्याण समिति के सदस्य विनोद कुमार प्रमाणिक ने बताया कि नवजात शिशु को चाइल्ड लाइन कोलब सेंटर उसके पिता द्वारा पहुंचाया गया है। नवजात शिशु की स्वास्थ जांच करायी गयी और सारी प्रक्रियाए पूरी करने के बाद बच्चे को देवघर विशेष दत्तक ग्रहण संस्था को पहुंचाया जायेगा। 
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.