पाकुड़: कम लागत में अधिक उपज के साथ ही किसानों की आय दोगुनी कर उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हर मुमकिन कोशिश कर रही है. इसके बावजूद किसानों के दिन सरकार के दावे के मुताबिक नहीं बहुर रहे हैं.
किसान लाचार और बेबस
एक तरफ कोरोना और मौसम की मार से जिला के सब्जी की खेती करने वाले किसान बेबस और लाचार हो गए हैं. आखिर इन किसानों के दोहरी मार पड़ रही है. कोरोना में उन्हें उत्पादित सब्जियों को औने पौने दामों में बेचना पड़ा. वहीं दूसरी ओर मौसम ने ऐसी मार लगी है कि साग सब्जियों की खेत में लगी सब्जियां सड़ गईं. अत्यधिक बारिश की वजह से नेनुआ, बैगन, कद्दू झिंगली, कच्चू, हरी मिर्च आदि सब्जी क्षेत्रों में सड़ गल गया है. आज जिले के सैकड़ों सब्जी की खेती करने वाले किसान हुए नुकसान को लेकर परेशान हैं.
कृषि विभाग के पास नहीं है कोई योजना
कृषि विभाग के पास ऐसी कोई योजना नहीं है जो साग-सब्जी की खेती करने वाले वैसे किसान जिन्हें कोरोना और मौसम की मार झेलनी पड़ी है, कोई राहत दिला पाए. अलबत्ता किसानों को सब्जियों के हुए नुकसान का आकलन कर सरकार को भेजी गयी है.
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बता दें कि पाकुड़ जिले के किसानों की उत्पादित साग सब्जी जिले के साप्ताहिक हाट के अलावा बिहार के कई जिलों में ले जाए जाते हैं. लेकिन कोरोना और मौसम की मार ने इन किसानों को बेबस और लाचार कर दिया है.