पाकुड़: शासन की उदासीनता कहें या विभागीय लापरवाही की बीते 6 महीने से आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल छोटा कचना गांव के लोग ढिबरी की रोशनी में जीने को मजबूर हैं. दरअसल, 21 घरों को रोशन करने वाला ट्रांसफार्मर खराब हो गया है. हालांकि इससे सही कराने की विभागीय अधिकारियों ने जहमत नहीं उठाई.
ग्रामीण बीते 6 महीने से ट्रांसफार्मर को ठीक कराकर बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी फरीयाद सुनने वाला ही कोई नहीं है. पहाड़ पर स्थित छोटा कचना गांव के लोगों के लिए 24 घंटे बिजली आपूर्ति का सरकार का दावा आधा हकीकत आधा फसाना साबित हो रहा है. गांव में बिजली के खंभे, तार और खराब पड़ा ट्रांसफर्मर ग्रामीणों को न केवल मुंह चिढ़ा रहा है बल्कि गरमी के इस मौसम में उन्हे कोढ़ में खाज का दर्द दे रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार विद्युत विभाग के अभियंताओं से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
मामले को लेकर सहायक अभियंता विद्युत शहजादा अंसारी ने बताया कि जिस कंपनी को काम करना था वो आधा काम कर फरार हो गई है. छोटा कचना गांव में विद्युत व्यवस्था बहाल करने के लिए कनीय अभियंता को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद शीघ्र विद्युत आपूर्ति बहाल की जाएगी.