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शासन की उदासीनता से इस गांव के 21 घरों में छाया अंधेरा, ग्रामीण बिता रहे ढिबरी में जिंदगी

पाकुड़ के कचना गांव में बीते 6 महीने बिजली नहीं आने ले ग्रामीणों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने खई बार अधिकारियों ने इसको लेकर शिकायत की, लेकिन कोी कार्रवाई नहीं हो रही है.

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Published : Jul 24, 2019, 10:47 AM IST

शासन की उदासीनता से इस गांव के 21 घरों में छाया अंधेरा

पाकुड़: शासन की उदासीनता कहें या विभागीय लापरवाही की बीते 6 महीने से आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल छोटा कचना गांव के लोग ढिबरी की रोशनी में जीने को मजबूर हैं. दरअसल, 21 घरों को रोशन करने वाला ट्रांसफार्मर खराब हो गया है. हालांकि इससे सही कराने की विभागीय अधिकारियों ने जहमत नहीं उठाई.

वीडियो में देखें पूरी खबर

ग्रामीण बीते 6 महीने से ट्रांसफार्मर को ठीक कराकर बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी फरीयाद सुनने वाला ही कोई नहीं है. पहाड़ पर स्थित छोटा कचना गांव के लोगों के लिए 24 घंटे बिजली आपूर्ति का सरकार का दावा आधा हकीकत आधा फसाना साबित हो रहा है. गांव में बिजली के खंभे, तार और खराब पड़ा ट्रांसफर्मर ग्रामीणों को न केवल मुंह चिढ़ा रहा है बल्कि गरमी के इस मौसम में उन्हे कोढ़ में खाज का दर्द दे रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार विद्युत विभाग के अभियंताओं से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

मामले को लेकर सहायक अभियंता विद्युत शहजादा अंसारी ने बताया कि जिस कंपनी को काम करना था वो आधा काम कर फरार हो गई है. छोटा कचना गांव में विद्युत व्यवस्था बहाल करने के लिए कनीय अभियंता को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद शीघ्र विद्युत आपूर्ति बहाल की जाएगी.

पाकुड़: शासन की उदासीनता कहें या विभागीय लापरवाही की बीते 6 महीने से आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल छोटा कचना गांव के लोग ढिबरी की रोशनी में जीने को मजबूर हैं. दरअसल, 21 घरों को रोशन करने वाला ट्रांसफार्मर खराब हो गया है. हालांकि इससे सही कराने की विभागीय अधिकारियों ने जहमत नहीं उठाई.

वीडियो में देखें पूरी खबर

ग्रामीण बीते 6 महीने से ट्रांसफार्मर को ठीक कराकर बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी फरीयाद सुनने वाला ही कोई नहीं है. पहाड़ पर स्थित छोटा कचना गांव के लोगों के लिए 24 घंटे बिजली आपूर्ति का सरकार का दावा आधा हकीकत आधा फसाना साबित हो रहा है. गांव में बिजली के खंभे, तार और खराब पड़ा ट्रांसफर्मर ग्रामीणों को न केवल मुंह चिढ़ा रहा है बल्कि गरमी के इस मौसम में उन्हे कोढ़ में खाज का दर्द दे रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार विद्युत विभाग के अभियंताओं से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

मामले को लेकर सहायक अभियंता विद्युत शहजादा अंसारी ने बताया कि जिस कंपनी को काम करना था वो आधा काम कर फरार हो गई है. छोटा कचना गांव में विद्युत व्यवस्था बहाल करने के लिए कनीय अभियंता को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद शीघ्र विद्युत आपूर्ति बहाल की जाएगी.

Intro:बाइट: मांदे पहाड़िया, ग्रामीण
बाइट: शहजादा अंसारी, सहायक अभियंता विद्युत
पाकुड़: शासन की उदासिनता कहें या विभागीय लापरवाही बिते 6 माह से आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल छोटा कचना गांव के लोग ढिबरी युग में जीने को विवश है। ऐसी समस्या इसलिए उत्पन्न हुई है कि 6 माह पहले गांव में स्थित 21 घरो तक बिजली आपूर्ति करने वाला ट्रांसफर्मर खराब हो गया था। 


Body:बिते 6 माह से गांव के लोग ट्रांसफर्मर को दुरूस्त कर बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग कर जरूर रहे है पर उनकी सुनने वाला ही कोई नही है। मजबुरन पहाड़ पर स्थित छोटा कचना गांव के लोगो के लिए 24 घंटे बिजली आपूर्ति के सरकार का दावा आधा हकिकत आधा फसाना जैसा हो गया है। गांव में बिजली के खंभे, तार और खराब पड़ा ट्रांसफर्मर ग्रामीणो को न केवल मुह चिढ़ा रहा है बल्कि गरमी के इस मौसम में उन्हे कोढ़ में खाज का दर्द दे रहा। ग्रामीणो ने बताया कि कई बार विद्युत विभाग के अभियंताओ का ध्यान आकृष्ट किया गया पर कोई सुन ही नही रहा।


Conclusion:बिते 6 माह से आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल छोटा कचना गांव में ट्रांसफर्मर के खराब रहने की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित होने के मामले को लेकर सहायक अभियंता विद्युत शहजादा अंसारी ने बताया कि जिस कंपनी को काम करना था वह आधा काम कर फरार हो गया है। छोटा कचना में विद्युत व्यवस्था बहाल करने के लिए कनीय अभियंता को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये गये है रिपोर्ट आने के बाद शीघ्र विद्युत आपूर्ति बहाल की जायेगी। 
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